घुसपैठ करके आए विदेशी नागरिकों को डिटेंशन सेंटर में रखा जाएगा-असम सरकार.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
असम में डिटेंशन सेंटर पूरा कर उसमें विदेशियों को रखने के विषय में गौहाटी हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं हो सका है। सरकार ने डिटेंशन सेंटर का निर्माण कार्य पूरा करने के लिए छह सप्ताह का समय मांगा है। इस लिहाज से डिटेंशन सेंटर नवंबर में तैयार हो जाएगा। इस डिटेंशन सेंटर को ट्रांजिट कैंप भी कहा जा रहा है और इसमें असम में घुसपैठ करके आए विदेशी नागरिकों को रखा जाएगा। इन विदेशी नागरिकों में ज्यादातर बांग्लादेश के हैं।
असम के गृह विभाग के अधिकारी ने सोमवार को बताया कि राज्य के ग्वालपाड़ा जिले के मातिया इलाके में डिटेंशन सेंटर का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है। यह सेंटर 25 एकड़ जमीन पर 64 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा है। इसमें तीन हजार विदेशी घोषित लोग रहेंगे। इनमें बच्चों के लिए अलग से स्कूल और अस्पताल का इंतजाम भी होगा।
इसके अतिरिक्त भी सेंटर में निरुद्ध लोगों के लिए कई सुविधाएं होंगी। राज्य सरकार ने कुछ निर्माण कार्यो को अंतिम रूप देने और कुछ औपचारिकताओं के लिए हाईकोर्ट से थोड़ा और समय मांगा है। हाईकोर्ट ने 11 अगस्त को राज्य सरकार को 45 दिन में डिटेंशन सेंटर तैयार करने के लिए कहा था। डिटेंशन सेंटर के निर्माण से संबंधित याचिका की सुनवाई करते हुए जस्टिस कल्याण राय सुराना ने यह निर्देश दिया था।
डिटेंशन सेंटर तैयार करने के लिए हाईकोर्ट का दिया समय पूरा हो चुका है। लेकिन कुछ काम अभी बाकी बचे हैं। राज्य सरकार के एडवोकेट जनरल ने हाईकोर्ट से निर्माण कार्य का कार्य पूरा करने और सेंटर में विदेशियों को पहुंचाने के लिए छह सप्ताह का समय मांगा है। इस डिटेंशन सेंटर कम ट्रांजिट कैंप के निर्माण के संबंध में राज्य के गृह एवं राजनीतिक मामलों के विभाग ने जून 2009 में अधिसूचना जारी की थी।
इसमें राज्य की विभिन्न सेंट्रल जेलों में कैद विदेशी नागरिकों को लाकर रखा जाना है। राज्य की डिब्रूगढ़, ग्वालपाड़ा, जोरहाट, कोकराझार, सिलचर और तेजपुर की सेंट्रल जेलों में 2008 से 177 घोषित विदेशी कैद हैं। इनमें नौ महिलाओं के 22 बच्चे शामिल हैं। इन्हें फारेनर्स ट्रिब्यूनल ने विदेशी ठहराया है। राज्य में यही छह डिटेंशन सेंटर इस समय कार्य कर रहे हैं।
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