महंगाई को अमृत बताकर जनता को पिलाया जा रहा है: नरेन्द्र वर्मा

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‘‘सरकार क्यों नहीं समझ रही आम जनता का दुख, आगामी चुनाव में वोट की चोट से देगी जनता जवाब

श्रीनारद मीडिया, लक्ष्‍मण सिंह, बाराबंकी (यूपी):

लगातार बढ़ती महंगाई से जहां जनजीवन अस्त व्यस्त है वहीं सरकार महंगाई को अमृत बताकर जश्न पर जश्न मना रही है। पूर्व सरकार में गैस पर 10 बढ़ने पर महगाई डायन हो जाती थी किन्तु भारतीय जनता पार्टी की सरकार में यहीं महंगाई डार्लिंग बनकर 1000 रूपये का सिलेण्डर खरीदने के लिए जनता को आकर्षित कर रही है। पेट्रोलियम पदार्थ एव खाद्य तेलों के दामों में कमी न होने पर बाराबंकी की 6 विधान सभा सीटों से भाजपा के प्रत्याशियों की जमानत जब्त जनता करेगी। सरकार के दमनकारी रवैय्ये से जनता खामोश है, जल्द ही तूफान आने वाला है जिसमें यह झूठी सरकार उड़ जायेगी। वही सरकार जमाखोरों और कालाबाजारी करने वालों को सरंक्षण देने के लिए पार्टी में शामिल कर रही है। उक्त विचार जिला बार एसोसिएशन के पूर्व महामंत्री नरेन्द्र कुमार वर्मा ने जारी बयान में कही।

श्री वर्मा ने आगे कहा कि यह सरकार हर मोर्चे पर फेल है, झूठ बोलकर सत्ता हासिल करना अगर किसी को सीखना हो तो वह भाजपा के नेताओं से सीखें। झूठी सरकार का कहना है कि खाने-पीने के सामानों के दाम पहले के मुकाबले अब कम है। वास्तव में महंगाई जीने नहीं दे रही, आम जनता का सामान्य जीवन, दिनों-दिन बढ़ती महंगाई देश की जनता की कमर तोड़ दी है। पेट्रोलियम पदार्थों के अलावा खाद्य पदार्थों की कीमतो में बेतहाशा बढ़ोतरी हो रही है। खाने का तेल दुगुनी दर पर बिक रहा है। देश की जनता कोरोना संक्रमण को झेल रही है। ऐसे में काम धंधे बंद होने से आम आदमी के रोजगार के अवसर समाप्त होने से उनके आय के स्त्रोत बंद हो गए, जिससे आम आदमी का सामान्य जीवन जीना भी कठिन हो रहा है। किसानों व आम जनता को अमृत पिलाते हुए पेट्रोल और डीजल कीमते बढ़ाई जा रही है जिससे आम जनता पिस रही है। जिन्होंने भाजपा को गरीबों की हितैषी पार्टी मानकर लगातार दो बार भारी बहुमत से केंद्र में व एक बार प्रदेश में सरकार बनाने का समर्थन दिया था। जनता को लूटकर सरकारी रैलियां की जा रही है। पेट्रोलियम पदार्थों पर कस्टम एंड एक्साइज ड्यूटी से खूब कमाई हुई है। सरकार को अप्रत्यक्ष कर से आने वाला राजस्व बढ़ा है। महंगे पेट्रोल-डीजल से केवल आम आदमी ही नहीं बल्कि पूरी अर्थव्यवस्था की हालत बिगड़ गई है। जो पहले से ही कोरोना महामारी की मार झेल रही है।

श्री वर्मा ने आगे कहा कि सरकार का कर संग्रहण लगातार बढ़ता जा रहा है। सरकार के नुमाइंदों का कहना है कि देश की जनता को कोरोना वैक्सीन के टीके मुफ्त में लगाए जा रहे हैं। जिन पर होने वाले खर्च की भरपाई के लिए सरकार को जुर्माने में बढ़ोतरी करनी पड़ रही है, मगर सरकारी सूत्रों के अनुसार ही देश के लोगों के टीकाकरण पर अधिकतम 40 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। जबकि सरकार ने कोरोना संक्रमण के बाद बढ़ाए गए जुर्माने से कई लाख करोड़ रुपए का राजस्व संग्रहण किया है। पैसों के अभाव में लोगों से बिजली के बिल जमा नहीं हो पा रहे हैं, जिन्होंने बैंकों से लोन ले रखा है उनकी किस्तों की भरपाई नहीं हो पा रही है। ऊपर से निजी स्कूल वाले भी बिना पढ़ाई बच्चों से जबरन फीस वसूल रहे हैं। जो आम जनता पर सीधा कुठाराघात है।
बेरोजगारी के साथ महंगाई से त्रस्त देश की जनता लंबे समय तक चुप बैठने वाली नहीं है। देश में बढ़ रही महंगाई का धनवान व भारतीय जनता पार्टी के नेताओं पर तो कोई असर नहीं है। मगर आम नागरिकों पर सीधा असर पड़ता है। किसी भी सरकार को बनवाने वह नेस्तानाबूद करने में आम आदमी की ही सबसे बड़ी भूमिका होती है। अतएवं समय रहते केंद्र सरकार व राज्य सरकार न चेती तो आम आदमी सरकार की ईंट से ईंट बजा देगा।

 

 

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