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जागरूकता रथ के माध्यम से चमकी बुखार से बचाव की दी जायेगी जानकारी

जागरूकता रथ के माध्यम से चमकी बुखार से बचाव की दी जायेगी जानकारी
• सिविल सर्जन ने एईएस प्रचार वाहनों को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना
• 20 जागरूकता रथ को किया गया रवाना
• 1 वर्ष से लेकर 15 वर्ष के बच्चे इस बीमारी से होते हैं प्रभावित

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श्रीनारद मीडिया‚ गोपालगंज (बिहार)

गोपालगंज जिले में चमकी बुखार से बचाव और बेहतर प्रबंधन के लिए व्यापक स्तर पर तैयारी की जा रही है। इससे बचाव के लिए जन-जागरूकता काफी जरूरी है। शुक्रवार को सदर अस्पताल गोपालगंज के सिविल सर्जन डॉ वीरेंद्र प्रसाद ने हरी झंडी दिखाकर मस्तिष्क ज्वर से संबंधित जन जागरूकता फैलाने के लिए वाहनों को रवाना किया। सभी प्रखंडों में कुल 20 प्रचार गाड़ियों के माध्यम से मस्तिक ज्वर के संबंध में लोगों को जान – जागरूकता फैलाई जायेगी। स्वास्थ्य विभाग की ओर से यह अभियान चलाया जा रहा है।

 

इस गर्मी में हम मिलकर देंगे चमकी को धमकी यह तीन धमकियां याद रखे।1 खिलाओ, बच्चों को रात में सोने से पहले जरूर खाना खिलाए।2 जगाओ, सुबह उठते ही बच्चों को भी जगाओ देखो,कहीं बेहोशी या चमक तो नहीं 3 अस्पताल ले जाओ, बेहोशी या चमकी देखते ही तुरंत एंबुलेंस या नजदीक के गाड़ी से अस्पताल ले जाओ। सिविल सर्जन डॉ. वीरेंद्र प्रसाद ने कहा कि चमकी यह एक गंभीर बीमारी है। ससमय इलाज से ठीक हो सकता है अत्यधिक गर्मी एवं नमी के मौसम में यह बीमारी फैलती है।

1 वर्ष से लेकर 15 वर्ष के बच्चे इस बीमारी से ज्यादा प्रभावित होते हैं। जिला स्वास्थ्य समिति पूरी तरह से अलर्ट है जिला स्वास्थ्य समिति प्रचार-प्रसार के माध्यम से हर किसी को मस्तिष्क ज्वर के लक्षण से अवगत कराना चाहती है यदि किसी बच्चे को मस्तिक ज्वर का लक्षण दिखाई दे तो उनके गार्जियन तुरंत अपने नजदीक के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर अपने बच्चे को लेकर जाए।

जिससे बच्चे की जान बचाई आ जाए। इस कार्यक्रम में जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ सुषमा शरण, नवीन कुमार, डीपीसी जयंत चौहान, वीडीसीओ प्रशांत कुमार, कंसलटेंट अमित कुमार, केटीएस उत्कर्ष डीसीएम निकहत परवीन इसके अलावा भी अन्य लोग इस कार्यक्रम में उपस्थित थे।

तीन बातें हमेशा रखें याद
एईएस के दौरान तीन बातें हमेशा याद रखें । जिसमें बच्चों को रात में सोने से पहले जरूर खाना खिलाओ, सुबह उठते ही बच्चों को भी जगाओ। देखो कही बेहोशी या चमक तो नहीं और बेहोशी या चमक दिखते ही तुरंत एम्बुलेंस या नजदीकी गाड़ी से अस्पताल ले जाएं।

ये है चमकी बुखार के प्रारंभिक लक्षण :
• लगातार तेज बुखार रहना।
• बदन में लगातार ऐंठन होना।
• दांत पर दांत दबाए रहना।
• सुस्ती चढ़ना।
• कमजोरी की वजह से बेहोशी आना।
• चिउटी काटने पर भी शरीर में कोई गतिविधि या हरकत न होना आदि।

चमकी बुखार से बचाव के लिए ये सावधानियाँ हैं जरूरी :
• बच्चे को बेवजह धूप में घर से न निकलने दें।
• गन्दगी से बचें , कच्चे आम, लीची व कीटनाशकों से युक्त फलों का सेवन न करें।
• ओआरएस का घोल, नीम्बू पानी, चीनी लगातार पिलायें।
• रात में भरपेट खाना जरूर खिलाएं।
• बुखार होने पर शरीर को पानी से पोछें।
• पारासिटामोल की गोली या सिरप दें।

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