दाहा नदी बचाओ अभियान की पहल : नदियों की सफाई जल भंडारण में सहायक 

दाहा नदी बचाओ अभियान की पहल : नदियों की सफाई जल भंडारण में सहायक
नदी में बने तलाब ।
प्राचीन गौरव से जोड़ा जाय ।
नदी की भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया जाय ।
जिला प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों से आग्रह .

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श्रीनारद मीडिया, सीवान (बिहार):


नदी हमारी विरासत है जो सभी जीवों के लिए महत्वपूर्ण अंग है जिसे संरक्षित एवं संवर्द्धन करना सबके हित में है। दाहा नदी बचाओ अभियान के तहत सोमवार की सुबह दाहा नदी की सफाई की गयी तथा परिचर्चा किया गया. महिला विद्यालय की प्राचार्य डा रीता कुमारी ने कहा कि
सबसे आवश्यक है कि नदी के भूमि को अतिक्रमणमुक्त कराया जाय ।दूसरी जल संरक्षण के लिये आवश्यक है कि नदियों की सफाई कराया जाय तथा जो नदी विलुप्त हो गयी है उसका उतखन्न आवश्यक है । उन्होंने जिला प्रशासन,स्थानीय जनप्रतिनिधि, सांसद एवं विधयाक से आग्रह किया कि जो भी कचरा व जलकुम्भी श्रमदान कर निकाला जा रहा हैं उसे नगर पालिका के द्वारा हटवाने की व्यवस्था किया जाय। वही प्रोफेसर रविंद्र नाथ पाठक ने जलीय जीवों के विलुप्तता और बढ़ रहे जीवाणु पर चिंता जताई।

शोधार्थी कृष्ण कुमार सिंह ने कहा कि सिवान की दो प्राचीन नदी ककुत्था (दाहा )तथा हिरण्यवती ( सोना )है जो मूलतः वर्षाती नदी है इसकी सफाई कराकर नदी के बीच बीच में मनरेगा योजना के तहत तलाब का निर्माण करा दिया जाय तो जल संरक्षण के साथ साथ मत्स्य पालन का अच्छा जरिया बन जायेगा ।उन्होंने बताया कि शेर शाह सूरी ने अपने शासनकाल में सिवान के दाहा नदी को 52 मिल तक सफाई कराया था ।

 

शोधार्थी ने इसके ऐतिहासिक व धार्मिक महत्व को रेखांकित करते हुए बताया कि सिवान के दाहा नदी को वाण गंगा भी कहा जाता है जिसका संबंध भगवान श्री राम के अनुज लक्ष्मण जी से है वही बौद्ध काल में इस नदी को ककुत्था कहा जाता था तथा तीतिरा जीरादेई से होकर गुजरने वाली नदी को हिरण्यवती कहा जाता था दोनों नदी का संबंध भगवान बुद्ध के जीवन काल से है । इन नदियों के प्राचीन नाम को स्थापित करने से विदेशी पर्यटकों का आकर्षण बढेगा ।उन्होंने बताया कि गत वर्ष 2016 व 2018 में विदेशी बौद्ध पर्यटकों का समूह सिवान आया था जो इन नदियों का जल शीशी में भर कर अपने देश ले गया तथा गंगा जल की तरह पवित्र इस नदी के जल को बताया क्योंकि इसका संबंध बुद्ध के जीवन से है ।

 

युवा चित्रकार रजनीश कुमार मौर्य ने कहा कि सरकार जल संरक्षण व विरासत बचाने का अभियान तो चला रही है अगर उक्त नदियों को अपने अभियान में शामिल कर ले तो सिवान का हर दृष्टिकोण से स्वतः विकास होने लगेगा। इस मौके पर प्रोफेसर रविंद्र नाथ पाठक, डा गणेश दत्त पाठक,संतोष प्रजापति, सुधीर श्रीवातव, गौरव कुमार, राजेश कुमार कुशवाहा, सूरज कुमार, रोहित कुमार, शिवम वर्मा, प्रदीप कुमार, रत्नेश कुमार , मनोज कुमार , रंजन कुमार, पवन कुमार , सोनू कुमार, अंगद कुमा, रतन कुमार, विकास कुमार, अमित कुमार, गोलू कुमार, मयंक राज, अनूप गुप्ताआदि उपस्थित थे।

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