अंधेपन और दृष्टिहीन व्यक्तियों के बीच जागरूकता बढ़ाने को लेकर अंतरराष्ट्रीय दृष्टि दिवस का किया गया आयोजन 

अंधेपन और दृष्टिहीन व्यक्तियों के बीच जागरूकता बढ़ाने को लेकर अंतरराष्ट्रीय दृष्टि दिवस का किया गया आयोजन

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आंखों की रोशनी को बचाने के लिए इलेक्ट्रानिक उपकरणों से दूरी बनाएं: सिविल सर्जन
विटामिन ए आंखों की रोशनी के लिए बेहद जरूरी: डॉ वीपी अग्रवाल
“अपनी आंखों से प्यार करो” थीम के तहत मनाया गया अंतराष्ट्रीय दृष्टि दिवस: डीपीएम

 

श्रीनारद मीडिया, पूर्णिया, (बिहार):


मनुष्य की आंखों की सेहत और बच्चों में दृष्टि से जुड़ी हुई सभी तरह की समस्याओं और बढ़ती उम्र के साथ बुजुर्गों में दृष्टिहीन होने की स्थिति में ध्यान केंद्रित करने के उद्देश्य से अंतरराष्ट्रीय दृष्टि दिवस मनाया जाता है। पूरे विश्व में हर आयु वर्ग के लगभग एक अरब लोगों को नजदीकी या दूर की दृष्टि कमजोर होती है। पूरी दुनिया में भारत ही एक ऐसा देश है जहां पर लगभग 20% से अधिक नेत्रहीन आबादी निवास करती है। जिसको लेकर प्रत्येक वर्ष अक्टूबर महीने  के दूसरे गुरुवार को विश्व दृष्टि दिवस यानी वर्ल्ड साइट डे मनाया जाता है। यह एक अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम है जो अंधेपन और दृष्टिहीन व्यक्तियों के विषय में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। विश्व दृष्टि दिवस के अवसर पर राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय सह अस्पताल परिसर में जागरूकता रैली का आयोजन किया गया। प्रभारी सिविल सर्जन डॉ मोहम्मद साबिर, गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ वीपी अग्रवाल एवं डीपीएम ब्रजेश कुमार सिंह द्वारा संयुक्त रूप से हरी झंडी दिखाकर इसे रवाना किया गया। इस अवसर पर संजय वर्मा, राजीव रंजन, अविनाश सहाय, राजकुमार भारती, प्रमोद कुमार, नेत्र सहायक सुन्दरकान्त, दिवाकर दिवा सिफार के धर्मेंद्र रस्तोगी सहित एएनएम स्कूल की दर्जनों छात्राएं उपस्थित थी।

 

आंखों की रोशनी को बचाने के लिए इलेक्ट्रानिक उपकरणों से दूरी बनाएं: सिविल सर्जन
प्रभारी सिविल सर्जन डॉ मोहम्मद साबिर ने बताया कि बग़ैर आंखों के हमारा जीवन अधूरा सा लगता है, वहीं आंखों की सहायता से कोई भी चीज आसानी से किया जा सकता हैं। इसलिए आंखों के विषय में जागरूकता बढ़ाने एवं नेत्रहीन लोगों के जीवन के तकलीफों के संबंध में ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक करने के लिए ही आज का दिन बनाया गया है। अगर आंखों की रोशनी को बचाना है तो इलेक्ट्रानिक उपकरणों को अत्यधिक महत्व नहीं  देना चाहिए। अधिक से अधिक शुद्ध पेयजल पीने से आंखों की रोशनी को सुरक्षित रखा जा सकता है। आंखों में नमी और ताजगी बनाये रखने में पानी की आवश्यकता ज्यादा होती है।

 

विटामिन ए आंखों की रोशनी के लिए बेहद जरूरी: डॉ वीपी अग्रवाल
ग़ैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ विष्णु प्रसाद अग्रवाल ने बताया कि आंखों की रोशनी के लिए विटामिन ए बेहद जरूरी होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, विटामिन ए बच्चों के आंखों की रोशनी तथा उनके शारीरिक विकास के लिए महत्वपूर्ण होता है। विटामिन ए प्राप्त करने के प्राकृतिक तरीकों को अपनाने के साथ स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी जाने वाली विटामिन ए की खुराक भी दी जाती हैं। विटामिन ए की खुराक बच्चों के रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाता है। बच्चों के खाने में हरी पत्तेदार सब्जियां, मौसमी एवं ताजी सब्जियां और पीली एवं नारंगी रंग के फल आदि को शामिल करना बेहतर होता हैं। पालक और गाजर में विटामिन ए अत्यधिक मात्रा में पाया जाता है। अपने बच्चों का विद्यालय में नामांकन कराने के समय आंखों की जांच जरूर करानी चाहिए। कम से कम छः महीने या साल में एक बार बच्चों के आंखों की जांच अनिवार्य रूप से कराना चाहिए। बच्चों से समय-समय पर आंखों की रोशनी को लेकर पूछताछ या जानकारी लेते रहनी चाहिए।

 

“अपनी आंखों से प्यार करो” थीम के तहत मनाया गया अंतराष्ट्रीय दृष्टि दिवस: डीपीएम
जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम ब्रजेश कुमार सिंह ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय दृष्टि दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य अंधेपन और आंखों से जुड़े दृष्टि दोषों को लेकर लोगों को जागरूक करना है। अंतराष्ट्रीय स्वयं सेवी संगठन लायंस इंटरनेशल क्लब द्वारा इसकी शुरुआत की गई थी। प्रत्येक वर्ष अलग-अलग थीम के माध्यम से इसे मनाया जाता है। इस वर्ष का थीम “लव योर आईज” यानी “अपनी आंखों से प्यार करो” है। कार्यक्रम के माध्यम से लोगों को आंखों की नियमित जांच, उपचार एवं जरूरी परहेज को लेकर जागरूक किया जाता है।

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