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International Yoga day:योग एक अमूल्य उपहार है,कैसे? - श्रीनारद मीडिया
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International Yoga day:योग एक अमूल्य उपहार है,कैसे?

International Yoga day:योग एक अमूल्य उपहार है,कैसे?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

योग भारतीय मनीषियों द्वारा विश्व मानवता को प्रदान किया गया एक अमूल्य उपहार है, जिसका जितना अनुकरण-अनुशरण किया जाएगा, मानव तन-मन उतना ही स्वस्थ और सुंदर बनेगा। योगियों-मुनियों की राय है कि योग के माध्यम से जो श्रम साध्य परिश्रम किया जाता है वो कदापि निरर्थक नहीं जाता। बल्कि योग सम्पूर्ण दुखों का निवारण कर देता है। योग से शरीर और मन दोनों स्वस्थ रहते हैं। यह उत्तम स्वास्थ्य, सुख, शांति, समृद्धि और सबके पारस्परिक समन्वय का माध्यम है।

इसका बढ़ता प्रचार-प्रसार सम्पूर्ण मानव समुदाय के लिये इसकी उपयोगिता और उपादेयता दोनों को प्रदर्शित करता है। तभी तो काल प्रवाह वश दुनिया के अधिकांश देशों ने योग के महत्व को स्वीकार करते हुए भारत की ऋषि परंपरा के प्रति अपनी अपनी कृतज्ञता प्रकट की और इसका अनुशरण-अनुकरण करते रहने के लिए भारत से तकनीकी व अभ्यास गत मदद हासिल किया। आपको पता होना चाहिए कि आयुष मंत्रालय, भारत सरकार के द्वारा इस वर्ष इसकी थीम ‘हर आंगन योग’ रखी गई है, जिसका उद्देश्य प्रत्येक परिवार को योग से जोड़ते हुए कल्याण एवं स्वास्थ्य लाभ की प्राप्ति है। इसलिए देश-प्रदेश के अलावा दुनिया के विभिन्न हिस्सों में व्यापक रूप से योग दिवस का आयोजन किया जा रहा है। इसलिए सभी लोग योग अवश्य अपनाएं, ताकि वे स्वस्थ रहें, सानंदित रहें।

किसी भी देश की पूंजी, सुख-शांति-समृद्धि से भरे-पूरे उसके सभ्य, सुशील और सद्भावी नागरिक होते हैं, उसके बाद प्रचुर प्राकृतिक संसाधन, जिसमें भूमि, वन, जलराशि, खनिज संपदा आदि। अमूमन इन दोनों के सदुपयोग से ही विभिन्न संस्थानों, सरकारों और रुपये-डॉलर का निर्माण होता है, जिसका प्रचलन परिवर्तित समय के सापेक्ष बढ़ता-घटता रहता है।

वहीं, किसी भी देश की शिक्षा व्यवस्था, स्वास्थ्य सुविधाओं, जीवन-यापन के प्रचलित तौर तरीके, आवागमन के समुचित साधनों, संचार व्यवस्था, सुरक्षा व्यवस्था आदि से उसकी सम्पूर्ण व्यवस्था का मूल्यांकन किया जाता है। चूंकि भारतीय सभ्यता और संस्कृति बसुधैव कुटुंबकम और सर्वे भवन्तु सुखिनः का आह्वान करती है, इसलिए भारत में घटित होने वाली घटनाओं का देर-सबेर विश्वव्यापी असर पड़ता है।

योग भारतीय सभ्यता की विश्व को देन है। ‘युज’ धातु से बने योग शब्द का अर्थ है जोड़ना। भारत में योग का इतिहास हजारों साल पुराना है। हमारे ऋषियों-मुनियों का पूरा जीवन ही योगमय रहा है। भारत में योग की परंपरा उतनी ही पुरानी है जितनी कि भारतीय संस्कृति। मानसिक, शारीरिक एवं अध्यात्म के रूप में लोग प्राचीन काल से ही इसका अभ्यास करते आ रहे हैं। योग की उत्पत्ति सर्वप्रथम भारत में ही हुई थी इसके बाद यह दुनिया के अन्य देशों में लोकप्रिय हुआ। यूं समझ लीजिए की भारतीय जीवन में योग की साधना हर काल में होती आई है।

योगासन, शरीर में ऊर्जा के स्तर को बढ़ावा देने के साथ मन को शांत करते हैं। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए योगासनों का नियमित अभ्यास आपके लिए काफी मददगार हो सकता है। योग का अभ्यास शरीर, श्वास और मन को जोड़ता है।

योग की बात होती है तो पतंजलि का नाम प्रमुखता से लिया जाता है। क्योंकि पतंजलि ही पहले और एकमात्र ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने योग को आस्था, अंधविश्वास और धर्म से बाहर निकालकर एक सुव्यवस्थित रूप दिया था। योग भारत की प्राचीन परम्परा का एक अमूल्य उपहार है जो न केवल देश में बल्कि एशिया, मध्यपूर्व, उत्तरी अफ्रीका एवं दक्षिण अमेरिका सहित विश्व के भिन्न- भिन्न भागों में फैला हुआ है।

  • मन की शांति: योग न केवल हमारे शरीर की मांसपेशियों को अच्छा व्यायाम देता है, बल्कि यह हमारे दिमाग को शांत रखने में भी मदद करता है। चिकित्सा अनुसंधान से पता चला है कि योग शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है। योग तनाव से राहत देता है और बेहतर नींद लाता है, भूख और पाचन को बढ़ाता है। यह दिमाग को हमेशा शांत रखता है।
  • तनाव मुक्त जीवन: यदि आप योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करते हैं तो आप तनाव मुक्त जीवन जी सकते हैं। अध्ययनों से पता चलता है कि आज हर दूसरा व्यक्ति तनाव में है जिसके लिए डॉक्टर भी मेडिटेशन और योग करने की सलाह देते हैं।
  • शरीर की थकान: जब हम योग करते हैं तो मांसपेशियों में खिंचाव जैसी कई क्रियाएं होती हैं। इससे हमारे शरीर की थकान दूर होती है और हम हमेशा तरोताजा महसूस करते हैं। यदि आप नियमित रूप से योग करते हैं तो आपके शरीर में ऊर्जा का संचार होता है।
  • रोग मुक्त शरीर: योगाभ्यास शरीर को स्वस्थ बनाता है, क्योंकि यह हमें रोगों से लड़ने की शक्ति देता है। हृदय रोग, मधुमेह और अस्थमा जैसी कई अन्य बीमारियों के लिए योग की सलाह दी जाती है। योग रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है और श्वसन संबंधी विकारों को भी दूर करता है। इसलिए अगर आप रोजाना योग करेंगे तो आप स्वस्थ रहेंगे।
  • वजन पर काबू: दुनिया की अस्सी प्रतिशत आबादी मोटापे से ग्रस्त है। हालांकि योग को अपनी जीवनशैली में शामिल करके हम मोटापे को नियंत्रित कर सकते हैं। योग करने से शरीर लचीला बनता है। यह हमारी मांसपेशियों को मजबूत करता है और शरीर से अतिरिक्त चर्बी को कम करता है। यह हमारे पाचन तंत्र को भी मजबूत करता है। योग फिट रहने का एक बेहतरीन तरीका है।
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