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बिहार में IPS अनुसूइया रणसिंह को नागरिक सुरक्षा का उपनिदेशक बनाया,क्यों? - श्रीनारद मीडिया

बिहार में IPS अनुसूइया रणसिंह को नागरिक सुरक्षा का उपनिदेशक बनाया,क्यों?

बिहार में IPS अनुसूइया रणसिंह को नागरिक सुरक्षा का उपनिदेशक बनाया,क्यों?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

अपने सीनियर ऑफिसर से टकराना IPS ऑफिसर को मांगा पड़ गया है। होमगार्ड DIG अनुसूइया रणसिंह साहू का तबादला कर दिया गया है। बिहार सरकार ने अनुसूइया रणसिंह का तबादला करते हुए नागरिक सुरक्षा का उपनिदेशक बनाया है। गृह विभाग में इस बाबत अधिसूचना जारी की है। अनुसूया 2006 बैच की IPS अधिकारी हैं।

होमगार्ड और फायर सर्विसेस की डीआईजी अनुसूइया रणसिंह साहू ने डीजी शोभा ओहटकर पर प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए 13 पन्नों का त्राहिमाम संदेश लिखा था। उन्होंने इस संदेश को बिहार के मुख्य सचिव, गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव, डीजीपी सहित बिहार के कई अधिकारियों को भेजा था।

इसमें डीजी शोभा ओहटकर द्वारा जबरन अनियमितता कराने का आरोप था। इधर, शोभा ओहटकर ने तमाम आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि चूंकि गृह विभाग अनुसूइया रणसिंह के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी में है, इसलिए अपने बचाव में वह यह सब बेतुकी बातें कह रही हैं।

गृह विभाग ने जारी किया है अधिसूचना
गृह विभाग ने जारी किया है अधिसूचना

डीआईजी बोलीं- मुझ पर बैक डेट में साइन करने का दबाव बनाया गया

अनुसूइया रणसिंह के पत्र के अनुसार, मार्च 2023 में विभाग के लिए 138 वाहनों की खरीद के लिए 6.5 करोड़ रुपए की अनियमितता सामने आ रही थी। एक ही तरह के वाहनों को खरीद के लिए तीन अलग-अलग टेंडर किया गया।

6, 56 और 77 वाहनों की खरीद के लिए तीन बीड की गई। इनमें प्रत्येक वाहन के एल 1 के मूल्य में भारी अंतर था। इससे सरकार को 6.5 करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा था। इस दौरान डीजी अवकाश पर थी। मैंने वित्त विभाग के अधिकारियों से बात करके 55 और 77 वाहनों के खरीद को रद्द करने की अनुशंसा की।

डीजी को इसकी जानकारी मिली, तो मुझे 21 मार्च 2023 से प्रताड़ित किया जाने लगा। 55 और 77 वाहनों के खरीद की दो बीड को कैंसिल कर दिया गया। सरकार को 6.5 करोड़ की बचत हुई। डीआईजी के पत्र में कहा गया है-मुझसे बैकडेट में हस्ताक्षर करने का दबाव बनाया गया।

वाहनों की खरीद के दौरान शोभा ओहटकर ने मुझे वाहन खरीद की कमेटी में सीखने के लिए रखने की बात कही थी। लेकिन 28 मार्च को वाहन खरीद को लेकर एक फाइल मुझे भेजी गई। जिसमें मुझे इस कमेटी का अध्यक्ष के रूप में दर्शाया गया था और मुझसे बैकडेट (21 मार्च 2023) में हस्ताक्षर करने को कहा गया। मैं काफी परेशान हो गई और 31 मार्च को डॉक्टर की सलाह पर अवकाश ले लिया।

डीआईजी का आरोप…
डीआईजी के पत्र के अनुसार टेंडर रद्द करने की अनुशंसा के बाद शोभा ओहटकर ने मुझे फोन किया और बगैर इजाजत के वित्त विभाग के अधिकारियों से बात करने पर नाराजगी जतायी। मैंने वाहनों की खरीद में अनियमितिता की बात कही, तो वे गुस्सा हो गईं। डेढ़ घंटे तक अपशब्द कहे, गालियां दीं, करियर बर्बाद करने की धमकी दी। मैं बेहोश हो गई। मेरे पति और कर्मचारियों ने अस्पताल में भर्ती कराया।

होमगार्ड की पोस्टिंग के लिए 20 लाख की वसूली
पत्र में कहा गया है-होमगार्ड की पोस्टिंग में भी भारी भ्रष्टाचार है। पटना जिले में होमगार्ड की पोस्टिंग के लिए सीनियर कमाडेंट ने 20 लाख की वसूली की है। जब होमगार्ड संगठन ने विरोध जताया, तो उनके खिलाफ यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज किया गया। यह जांच गलत साबित हुआ।

डीआईजी का पद और कुर्सी अपर निदेशक की
डीआईजी के पत्र में लिखा है-मैं, 31 मार्च 2023 को मेडिकल लीव लेने के बाद 30 जून 2023 को वापस हुई। कार्यालय में आयी तो डीजी ने मेरे काम और बैठने की जगह का निर्धारण नहीं किया। योगदान के प्रतिवेदन को कार्यालय में रिसीव नहीं किया गया।

मैंने 3 जुलाई 2023 को काम को लेकर डीजी को पत्र लिखा। 5 जुलाई 2023 को मेरे काम का आवंटन तो हुआ, लेकिन बैठने का स्थान नहीं बताया गया। मैं अपर निदेशक सह सहायक राज्य अग्निशमन पदाधिकारी 3 के खाली कमरे में बैठी।

हर दिन शो कॉज, प्रत्येक शब्द पर आपत्ति : डीआईजी के पत्र के मुताबिक, मेडिकल लीव से वापस आने के बाद मुझे हर दिन प्रताड़ित किया जाने लगा। कमोबेश हर दिन डीजी और आईजी मुझसे स्पष्टीकरण की मांग करते थे। 6 महीने के दौरान मुझे 8 शो कॉज नोटिस जारी किया गया। जवाब के हर शब्द को गलत साबित करने की कोशिश की गई।

बिहार होमगार्ड और फायर सर्विसेज की DIG व IPS अनुसूइया रणसिंह साहू को भले ही राज्य सरकार ने गुरुवार को हटा दिया। उनका ट्रांसफर सिविल डिफेंस में कर दिया, लेकिन उनके प्रताड़ना से जुड़ी कहानियां अब बाहर आने लगी हैं। इस महिला IPS अधिकारी से सिर्फ सीनियर अफसर ही नहीं, बल्कि इनके लिए काम करने वाले होमगार्ड के कई जवान मानसिक तौर पर परेशान थे। खासकर वो जवान जिनकी तैनाती इनके लोदीपुर स्थित ऑफिस और सरकारी आवास पर थी।

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