क्या LJP के बाद अब कांग्रेस की बारी हैं ?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
बिहार लोजपा में टूट के बाद कयास लगाया जा रहा है कि अब कांग्रेस के विधायक पार्टी छोड़ सकते हैं. वहीं आरसीपी सिंह ने बिहार में कांग्रेस को डूबता जहाज बताया. उन्होंने कहा कि डूबते हुए जहाज से लोग अलग होना चाहते हैं. बंगाल का अंजाम सबने देखा है. वहां कई नेता कांग्रेस छोड़ चुके हैं. बिहार में कांग्रेस के 19 विधायक जीतकर सदन पहुंचे हैं.
लोजपा में टूट पर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने चिराग पासवान पर निशाना साधते हुए कहा कि जो बोइयेगा वही तो काटियेगा. बिना मेहनत के यदि पद मिल जाता है तो परिणाम ऐसा ही होता है. पद पाना और उसे पचाना महत्वपूर्ण होता है. पद प्राप्त करने के बाद अपने वरिष्ठ और सहयोगियों का सम्मान करना चाहिए.
लोजपा के नाराज सांसद तो पहले से ही एनडीए में थे. अब एनडीए में दो दल हैं जदयू और भाजपा. उनकी जहां इच्छा होगी, वहां जाएंगे. आरसीपी सिंह ने यह बातें सोमवार को जदयू प्रदेश मुख्यालय के कर्पूरी सभागार में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कहीं.
आरसीपी सिंह ने आगे कहा कि रामविलास पासवान सम्मानित नेता थे. उन्होंने इस पार्टी की स्थापना की थी. उनके साथ मिलकर 2019 के लोकसभा चुनाव में एनडीए में हम साथ चुनाव लड़े और 39 सीटें जीते. उनकी तबीयत खराब हुई और 2020 के विधानसभा चुनाव में लोजपा का नेतृत्व करने वाले ने ऐसी रणनीति बनाई जिससे एनडीए को नुकसान हुआ.
उससे लोग नाराज थे और कुछ महीने पहले लोजपा के वे नाराज नेता जदयू में शामिल हो गए थे. आरसीपी सिंह ने कहा कि लोजपा को बेहतर बनाने में रामचंद्र पासवान और पारस पासवान सहित अन्य सभी सहयोगियों का योगदान रहा है. वे सभी अनुभवी नेता हैं.
दिल्ली में हुई लोजपा में बगावत के बाद अब बिहार कांग्रेस की टेंशन बढ़ सकती है. बताया जा रहा है कि कांग्रेस हाईकमान को अपने विधायकों के टूट का डर सताने लगा है. पार्टी को डर है कि जेडीयू उसके विधायकों को न तोड़ ले. वहीं लोजपा में टूट के बाद चिराग पासवान चाचा पशुपति पारस के घर पहुंचे हैं.
राजनीतिक गलियारों में चल रही चर्चा की मानें तो लोजपा में बगावत के बाद सबसे अधिक टेंशन कांग्रेस आलाकमान की बढ़ गई है. कांग्रेस को अपने विधायकों के टूट का डर है. पार्टी के राज्य में 19 विधायक है. बताया जा रहा है कि पार्टी के 13 विधायक कभी भी मोर्चा खोल सकते हैं.
कांग्रेस हाईकमान से नाराजगी- बताया जा रहा है कि पार्टी के अधिकतर विधायक कांग्रेस हाईकमान साथ नाराज चल रहे हैं. दरअसल, चुनाव के बाद से ही राज्य में प्रदेश अध्यक्ष बदले जाने की मांग की जा रही है. वहीं अभी तक राज्य में परमानेंट प्रभारी भी नियुक्त नहीं किया गया है, जिसके वजह से विधायकों में आक्रोश है.
राज्य में सीटों का समीकरण- बताते चलें कि बिहार में अभी जेडीयू के पास 46, बीजेपी के पास 71 और राजद के पास 75 विधायक हैं. वहीं कांग्रेस के पास वर्तमान में 19 विधायक है. राज्य में 125 सीटों के साथ एनडीए की बहुमत वाली सरकार है. हालांकि एनडीए को जीतन राम मांझी और मुकेश सहनी का समर्थन प्राप्त है.
लोजपा में टूट- बिहार में लोक जनशक्ति पार्टी में बड़ी टूट हैं गई है. लोजपा के पांच सांसदों ने पार्टी से बगावत कर अलग नेता घोषित कर दिया है. चिराग पासवान कै चाचा पशुपति पारस संसदीय दल के नए नेता चुने गए हैं. बताया जा रहा है कि इस टूट के बाद अब चिराग पासवान अकेलै पार्टी में सांसद रह जाएंगे.
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