क्या हंसना आपके लिए जरूरी है?
मई के पहले रविवार को वर्ल्ड लाफ्टर डे मनाया जाता है।
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
स्वस्थय रहने के लिए सिर्फ हेल्दी डाइट और एक्सरसाइज ही नहीं बल्कि तनाव मुक्त जीवन जीना भी महत्वपूर्ण होता है। स्ट्रेस की वजह से कई बीमारियों का खतरा कई गुणा बढ़ा जाता है और यही कारण है कि लोग स्ट्रेस कम करने के लिए लाफ्टर थेरेपी जैसी तकनीकों की मदद लेते हैं।
दरअसल, हंसना सेहत के लिए काफी अच्छा होता है। इससे न केवल शारीरिक लाभ मिलते हैं बल्कि, इससे आपके सामाजिक रिश्ते भी मधुर रहते हैं। इसलिए लोगों को हंसने के फायदे और महत्व के बारे में जागरुक करने के लिए हर साल वर्ल्ड लाफ्टर डे मनाया जाता है, जो इस साल 5 मई को है। आइए जानते हैं क्यों मनाया जाता है हर साल World Laughter Day और हंसना कैसे आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।
क्या है वर्ल्ड लाफ्टर डे का इतिहास?
वर्ल्ड लाफ्टर डे हर साल मई के पहले रविवार को मनाया जाता है। इस दिन को मनाने की शुरुआत 1998 में हुई थी। दरअसल, इसके पीछे की कहानी कुछ ऐसी है कि इसकी शुरुआत हंसी योग आंदोलन के संस्थापक डॉ. मदन कटारिया ने की थी। फेशियल फीडबैक हाइपोथेसिस से प्रेरणा लेकर इन्होंने बताया कि चेहरे की हरकत, व्यक्ति के भावनाओं को प्रभावित करती है। इसी तरह इस दिन को सबसे पहले भारत में 10 मई 1998 को मुंबई में मनाया गया और आज दुनियाभर में लगभग 70 से ज्यादा देशों में इस दिन को मनाया जाता है।
क्या है वर्ल्ड लाफ्टर डे का उद्देश्य?
इस दिन को मनाने के पीछे का उद्देश्य है, लोगों में एकता और सद्भावना का भावना को बढ़ावा देना। इस दिन को मनाने के पीछे एक उद्देश्य यह भी है कि लोगों के बीच खुशियां बांटी जाए। सिर्फ इतना ही नहीं, हंसने से सेहत भी दुरुस्त रहती है। इसलिए अगर आपने देखा हो, तो लोग पार्क जैसी जगहों पर सुबह या शाम को इकट्ठा होकर जोर-जोर से हंसते हैं।
क्या हैं हंसने के फायदे?
- हंसने से तनाव कम होता है, जो सेहत के कई दुष्परिणामों से बचाने में मददगार होता है।
- हंसने से आपका मूड अच्छा रहता है, जो आपके सामाजिक रिश्तों के लिए भी फायदेमंद है।
- हंसने से सकारात्मकता बढ़ती है। इसलिए दोस्तों, सहकर्मियों और परिवारजनों के साथ हंसने से भावनात्मक संबंधों में भी सकारात्मकता आती है।
- हंसने से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है, क्योंकि इससे स्ट्रेस हार्मोन कम होता है।
- हंसने से आपका अपने काम पर भी फोकस बढ़ता है।
- हंसने से हैप्पी हार्मोन रिलीज होते हैं, जिससे आपको अच्छा महसूस होता है।
- हंसने से ब्लड सर्कुलेशन भी बेहतर होता है, जो सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है।
- दरअसल जब आप खुलकर हंसते हैं, तो चेहरे की 15 मांसपेशियां एक साथ एक्टिव होती हैं। इससे चेहरे की एक्सरसाइज होती है। वहीं खिलखिलाता आपका चेहरा न केवल आपको बल्कि देखने वालों के मूड को भी हैप्पी कर देगा। आपके साथ दूसरों का स्ट्रेस भी कम होगा।आपको जानकार हैरानी होगी कि केवल हंसने से आपकी उम्र का आपके चेहरे से पता ही नहीं चलेगा।
- क्योंकि हंसना एक प्रकार से चेहरे की स्ट्रेचिंग करना होता है।
- ये स्ट्रेचिंग एंटीएजिंग में हेल्प करती है और आप दिनोंदिन खूबसूरत होते जाते हैं।
कब हंसें
- एक्सपर्ट बताते हैं कि सुबह बिस्तर पर आंख खुलते ही आपका पहला काम होना चाहिए मुसकुराना
- कुछ सैकंड बैठे-बैठे मुस्कुराते रहें।
- फिर अपने ईश का ध्यान करें।
- फिर उन्हें आज की लाइफ देने के लिए Thank You कहें।
- फिर नित्य क्रिया के बाद खुलकर हंसना शुरू करें।
- 10-15 मिनच हर रोज हंसने की आदत बना लें
- ये आदत आपकी जिंदगी में कभी न खत्म होने वाली खुशियां लाएगी।
- तो आइए आज से ही हंसने की आदत बनाते हैं
1 दिन में 7 बार हंसिए
एक्सपर्ट बताते हैं कि एक दिन में कम से कम 7 बार खुलकर हंसना चाहिए। स्वस्थ रहने के लिए आपको एक दिन में 7 बार हंसने का शेड्यूल बनाना चाहिए। सुबह और शाम के अलावा दिन के हर घंटे में हंसने-मुस्कुराने की आदत बनाएं। इस आदत से कई बीमारियां आप से दूर भागेंगी।
हंसने के हैं 100 फायदे
- लाफिंग एक पॉजिटिवीटी, जो पॉजिटिव बनाती है।
- एनर्जेटिक बनाती है।
- इम्युनिटी बढ़ाती है।
- ऑक्सीजन लेवल बढ़ता है।
- कई बीमारियों के पनपने से पहले ही उन्हें खत्म कर देती है।
- एक्सपर्ट कहते हैं कि ज्यादा हंसने वाले बच्चे ज्यादा बुद्धिमान होते हैं।
- हंसना सभी के शारीरिक व मानसिक विकास के लिए बेहद जरूरी है।
- मानव शरीर में पेट और छाती के बीच में एक डायफ्राम होता है, जो हंसते समय धुकधुकी का काम करता है। इससे पेट, फेफड़े और यकृत की मालिश हो जाती है।
- नियमित रूप से खुलकर हंसना शरीर बाहर और अंदर से ताकत देता है और फिट रखता है।
- हंसने से शरीर में रक्त संचार की गति बढ़ जाती है।
- इससे पाचन तंत्र भी बेहतर तरीके से काम करता है।
- जोर से कहकहे लगाने से शरीर के हर अंग को गति मिलती है।
- इस गति से शरीर में मौजूद एंडोफ्राइन ग्रंथि (हारमोन दाता प्रणाली) सुचारु रूप से काम करने लगती है। जो कई रोगों से निजात दिलाती है।
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