क्या कोरोना से ज्यादा खतरनाक है मंकीपॉक्स?

 क्या कोरोना से ज्यादा खतरनाक है मंकीपॉक्स?

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow

देश में मंकीपॉक्स का दूसरा मामले सामने आ चुका है। दुबई से केरल लौटा एक शख्स संक्रमित मिला है। 38 वर्षीय शख्स का मलप्पुरम जिले में इलाज चल रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि शख्स में मंकीपॉक्स संक्रमण की पुष्टि हुई है।

इससे पहले 9 सितंबर को देश में मंकीपॉक्स के पहले मरीज मिलने की पुष्टि हुई थी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया था कि विदेश से लौटे एक व्यक्ति को 8 सितंबर को मंकीपॉक्स के संदेह में आइसोलेशन में रखा गया था।

अलर्ट रहें सभी राज्य: केंद्र

मंकीपॉक्स के मामले पर लगाम लगाने के केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को एडवाइजरी जारी कर दी है। केंद्र सरकार ने कहा है कि मंकीपॉक्स के मामले सामने न आएं, इसके लिए राज्यों को हेल्थ एक्शन लेना चाहिए। वहीं, सभी राज्यों को अपना स्वास्थ्य सुविधाओं की तैयारियों की समीक्षा करनी चाहिए।

बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 14 अगस्त को मंकीपॉक्स को ग्लोबल पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया था। दो साल में यह दूसरी बार है जब WHO ने मंकीपॉक्स को लेकर हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया है।  देश में कोविड-19 का पहला मामला भी केरल में ही आया था।

भारत में कोविड-19 के पहले मामले 30 जनवरी 2020 को केरल के तीन शहरों में सामने आए थे। तीन मेडिकल छात्र चीन के वुहान से लौटे थे। बता दें कि मंकीपॉक्स और कोरोना का वायरस अलग-अलग है। इसके लक्षण भी अलग हैं।

Covid-19 और Mpox में अंतर?

  •  कोरोना वायरस SARS-COV-2 के कारण होता है। वहीं, मंकीपॉक्स का वायरस Poxviridae फैमिली का ऑर्थोपॉक्स वायरस है। मंकीपॉक्स के मुकाबले कोरोना के लक्षण ज्यादा गंभीर हो सकते हैं। वहीं, कोरोना ज्यादा संक्रामक है।
  • कोरोना का वायरस फेफड़ों पर हमला करता है। वहीं, मंकीपॉक्स होने पर शरीर पर चकत्ते पड़ जाते हैं।
  • कोरोना से संक्रमित होने के बाद 14 दिन के भीतर लक्षण दिख सकते हैं। वहीं, मंकीपॉक्स से संक्रमित होने पर 21 दिनों के भीतर लक्षण सामने आते हैं।
  • कोरोना से संक्रमित व्यक्ति 4 से लेकर 5 दिनों में भी ठीक हो सकते हैं। वहीं, अगर कोई व्यक्ति मंकीपॉक्स से संक्रमित है तो उसे ठीक होने में 2 से 4 हफ्ते भी लग सकते हैं।
  • कितना खतरनाक है मंकीपॉक्स?

    मंकीपॉक्स की बीमारी पीड़ादायक जरूर है, लेकिन यह कोरोना की तरह ज्यादा तेजी से फैलने वाली बीमारी नहीं है। जिन लोगों को पहले चेचक का टीका लगा है या जिन्हें पहले चेचक हो चुका है उन लोगों में इसका संक्रमण होने का खतरा खास नहीं है। चेचक की तरह मंकीपॉक्स में मृत्यु दर ज्यादा नहीं है। ज्यादातर मरीज दो से चार सप्ताह में ठीक हो जाते हैं।

  • दुनियाभर में चिंता का विषय बना Mpox अब भारत में भी परेशानी बढ़ाने लगा है। दरअसल, यहां इस वायरस का दूसरा मामला (Mpox Second Case in india) सामने आया है, जिसके बाद से ही अब इसे लेकर हड़कंप मच गया है। इसे पहले मंकीपॉक्स के नाम से जाना जाता था। यह एक वायरल बीमारी है, जो ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस के मैंबर मंकीपॉक्स वायरस के कारण होती है। यह बीमारी काफी हद तक चेचक यानी स्मॉल पॉक्स की ही तरह होती है, लेकिन उससे कम गंभीर होती है।

    वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक (WHO) यह वायरस बॉडी फ्लूइड, त्वचा पर घावों या संक्रमित व्यक्तियों के रेस्पिरेटरी ड्रॉपलेट्स के सीधे संपर्क से फैलता है। साथ ही यह दूषित वस्तुओं, जैसे बिस्तर या कपड़े और संक्रमित जानवरों के संपर्क से भी फैल सकता है। इसलिए जरूरी है कि इससे बचाव के लिए कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखा जाए।

  • यह भी पढ़े……………..
  • आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए चलेगा विशेष अभियान
  • क्या एक राष्ट्र एक चुनाव से अर्थव्यस्था को लाभ होगा?
  • चन्द्रायन-4 मिशन कब होगा लॉन्च- ISRO चीफ
  • अपने वंशजों से क्या चाहते हैं पितर :साथ मे पढ़ें पितृ गीत भावार्थ सहित!!!!!!!!!

Leave a Reply

error: Content is protected !!