क्या बिहारियों के भविष्य का सौदा कर रहे नीतीश?
वोट दें बिहारी और नौकरी बाहरी को,यह नहीं चलेगा-जीतन राम मांझी
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
यूपी के जेडीयू नेताओं ने पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की थी। आग्रह किया था कि वो फूलपुर से लोकसभा चुनाव लड़े। बैठक के दौरान यूपी में पार्टी संगठन के विस्तार पर भी चर्चा हुई थी। जिसके बाद अब हम संस्थापक जीतन राम मांझी ने इस बैठक पर सवाल उठाते हुए हमला बोला है। और कहा कि इस बैठक से ये साबित हो गया है कि शिक्षक नियुक्ति परिणाम में अन्य राज्यों के लोगों के चयन के बहाने जदयू उन राज्यों में अपना विस्तार चाहती है।
जीतन राम मांझी ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा कि उत्तर प्रदेश के JDU नेताओ की नीतीश जी से मुलाकात और संगठन विस्तार की बात ने साबित कर दिया कि शिक्षक नियुक्ति परिणाम में अन्य राज्यों के लोगों के चयन के बहाने जदयू उन राज्यों में अपना विस्तार चाहती है। “फूलपुर” की लालच के लिए बिहारियों के भविष्य के साथ सौदा करना दुर्भाग्यपूर्ण है।
दरअसल बिहार शिक्षक भर्ती में राज्य के अलावा अन्य राज्यों के अभ्यर्थियों को भी मौका मिला। और यूपी, हरियाण समेत अन्य राज्यों के 14 हजार अभ्यर्थी शिक्षक बनने मे सफल रहे। और अब आगामी दूसरे चरण की एक लाख 20 हजार शिक्षक भर्ती में भी बाहरी राज्यों के अभ्यर्थियों को मौका मिलेगा। इसी का हवाला देते हुए जीतन मांझी ने बिहारियों के भविष्य के साथ सौदा करने की बात कही है।
शनिवार को सीएम नीतीश ने एक अणे मार्ग में यूपी से आए पार्टी नेताओं के साथ बैठक भी की। सभी ने नीतीश कुमार के फूलपुर से चुनाव लड़ने का अनुरोध किया। उन्होंने दावा किया कि यदि नीतीश कुमार यूपी आते हैं और वहां से चुनाव लड़ते हैं तो भाजपा का सफाया तय है। मुख्यमंत्री ने यूपी में संगठन को और मजबूत बनाने और उसके विस्तार को लेकर चर्चा की। उन्होंने इसके लिए नेताओं को हर स्तर पर गंभीरता से पहल का भी निर्देश दिया था।
बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने बिहार शिक्षक भर्ती पर फिर से तीखा बयान दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने बिहार में शिक्षक भर्ती पर फिर सवाल उठाया है। उन्होंने बीएससी के साथ नीतीश कुमार की सरकार को भी कटघरे में खड़ा किया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बयान जारी कर उन्होंने बिहार में डोमिसाइल नीति लागू करने की मांग की है। पूर्व सीएम ने कहा है कि वोट जब बिहार के लोग देते हैं तो दूसरे राज्य के लोगों को नौकरी क्यों दी जा रही है। ऐसा नहीं चलेगा। इससे पहले पूर्व सीएम कई बार शिक्षक बहाली में बीपीएससी द्वारा जारी रिजल्ट पर सवाल उठा चुके हैं।
बिहार लोक सेवा आयोग की ओर शिक्षक भर्ती के लिए परीक्षा लेने के बाद उसका रिजल्ट जारी किए जाने के बाद राजनीति जारी है। इस मामले में शिक्षक अभ्यर्थियों ने भी गड़बड़ी किए जाने का आरोप लगाया है। उनका प्रदर्शन भी पटना में हुआ और मीडिया के माध्यम से उन्होंने अपना विरोध दर्ज कराया। पूर्व सीएम जीतनराम मांझी इसे लेकर आयोग और सरकार पर लगातार हमलावर हैं।
अपने ट्वीटर हैंडल पर जीतन राम मांझी ने लिखा है कि बिहार के पढे लिखे युवा मजदूरी करें दुसरे राज्यों में और बिहारियों के हिस्से की सरकारी नौकरी आप बेच दें। वह भी लैंड फॉर जॉब और मनी फॉर जॉब के तहत। बिहारी नौकरियों पर पहला अधिकार मांगें बिहारी बेरोज़गार। उन्होंने यह यह भी कहा है कि वोट दें बिहारी,नौकरी पाएं बाहरी, यह नहीं चलेगा। बिहार में में डोमिसाइल नीति लागू किया जाए।
इससे पहले मंगलवार को भी पूर्व सीएम ने आरोप लगाया था कि शिक्षक भर्ती में आरक्षण की अनदेखी की गयी है। उन्होंने कहा कि पैसे लेकर शिक्षकों की सीटें बेच दी गईं। शिक्षक भर्ती में लैंड फॉर जॉब की तर्ज पर घोटाला हुआ। उन्होंने गुरुवार को सोशल मीडिया पर अपना बयान जारी किया और कहा कि बीपीएसकी शिक्षक नियुक्ति घोटाले में स्कैंडल को लेकर यदि ED की इंट्री होगी तो घमंडिया गठबंधन के लोग कहेंगें चुनाव है, तो छापेमारी हो रही है। इस मामले में भी ईडी की एंट्री होनी चाहिए। मोदी सरकार में कोई भ्रष्टाचारी बचने वाला नहीं है।
बीपीएससी शिक्षक बहाली परीक्षा के जरिए बिहार को 1.20 लाख टीचर मिलेंगे। जिनमें 12 फीसदी यानी लगभग 14 हजार अभ्यर्थी दूसरे राज्यों के हैं। ये सभी अभ्यर्थी प्राथमिक शिक्षक के तौर पर अनारक्षित वर्ग में चयनित हुए हैं। इनमें सबसे अधिक उत्तर प्रदेश के हैं। वहीं, झारखंड, हरियाणा आदि राज्यों के अभ्यर्थी भी नियुक्त हुए हैं। शिक्षा विभाग की जानकारी के मुताबिक 9वीं से 12वीं तक के शिक्षक बनने के लिए एसटीईटी (माध्यमिक-उच्च माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा) उत्तीर्ण होना जरूरी था, जिसका आयोजन सिर्फ बिहार में ही होता है। इस कारण 9वीं से 12 वीं में दूसरे राज्यों के शिक्षक चयनित नहीं हुए हैं।
प्राथमिक शिक्षक के रूप में कुल 72 हजार चयनित हुए हैं, इनमें 14 हजार दूसरे राज्यों के हैं। अनारक्षित वर्ग में बिहार के बाहर के अभ्यर्थियों को भी शिक्षक नियुक्ति में आवेदन देने की छूट दी गई थी। वहीं अब 2 नवंबर को 1 लाख 20 हजार 336 शिक्षकों को औपबंधिक नियुक्ति पत्र दे दिया जाएगा। जबकि पटना के गांधी मैदान में आयोजित कार्यक्रम में सीएम नीतीश कुमार 25,000 शिक्षकों को नियुक्ति पत्र सौंपेंगे। जबकि बाकी शिक्षकों को उनके काउंसिलिंग वाले जिले में ही नियुक्ति पत्र दिया जाएगा। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने इस संबंध में सभी डीएम को दिशा-निर्देश जारी किया है। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी अपने हाथों से जिले के शिक्षकों को नियुक्ति पत्र सौंपें।
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