क्या बिहार में इफ्तार के बहाने पक रही है सियासी खिचड़ी?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
इफ्तार पार्टी के बहाने बिहार में राजनीति सरगर्मी बढ़ गई है. दरअसल, इसे आने वाले समय से जोड़ कर देखा जा रहा है.राजनीतिक पंडीति मुलाकात के इस क्रम को एक बड़ा राजनीतिक संकेत माना रहे हैं.शुक्रवार की शाम में पूर्व सीएम जीतन राम मांझी के आवास पर इफ्तार पार्टी का आयोजन किया गया है.इसमें भी नीतीश कुमार और तेजस्वी आमंत्रित हैं. दोनों आते हैं तो एक सप्ताह में यह इनकी तीसरी मुलाकात होगी. इससे पहले 22 अप्रैल को राजद के दावत-ए-इफ्तार में दोनों नेताओं की मुलाकात हुई थी. इसके बाद 28 अप्रैल को जदयू के दावत में इनकी मुलाकात हुई. दोनों पार्टियों में सीएम नीतीश कुमार से नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की मुलाकात बिहार के सियासी गलियारे में खूब चर्चा बटोरी.
इफ्तार के बहाने पक रही राजनीति खिचड़ी
दरअसल, एक सफ्ताह के अंदर यह दूसरा अवसर था जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की जदयू की इफ्तार पार्टी में मुलाकात हुई. इससे पहले 22 अप्रैल को राजद द्वारा आयोजित दावत-ए इफ्तार में दोनों की मुलाकात हुई थी. इस मुलाकात के बाद से बिहार की सियासी पार्टियों ने इसके अलग-अलग मायने निकालने शुरू कर दिए हैं. राजनीतिक पंडितों ने कहा कि इफ्तार के बहाने बिहार में राजनीतिक गोलबंदी की कोशिश तेज होगी. उनका कहना है कि बोचहां उपचुनाव में राजद को मिली जीत के बाद बिहार में नए सियासी जोड़-तोड़ का सिलसिला चल रहा है. इसकी शुरुआत RJD की ओर से आयोजित इफ्तार पार्टी से हुई है. इसी तर्ज पर बिहार में सियासी खेमेबंदी शुरू होगी.
तेजप्रताप के दावे के बाद तेज हुई राजनीति
राजद के इफ्तार पार्टी में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शिरकत करने के बाद लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मेरी सीक्रेट बात हुई है.उन्होंने संकेत दिए कि शीघ्र ही खेला होगा.मैं कृष्ण की भूमिका में रहूंगा और अपने अर्जुन (तेजस्वी यादव) को सीएम बनाऊंगा. तेजप्रताप के इस बयान के बाद बिहार में सियासी हलचलें तेज हो गई. हालांकि सीएम नीतीश कुमार ने सियासी चर्चाओं पर विराम लगाते हुए कहा था कि मुझे निमंत्रण मिला था इसलिए मैं गया था, इसका कोई राजनीतिक मतलब नहीं निकाला जाए.
सीएम ने खाली किया बंगला
सियासी हलचलों के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बंगला खाली करना भी सियासी चर्चा का मुख्य केंद्र बन गया है. दरअसल, सीएम नीतीश कुमार का कभी राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाने की चर्चा होती है तो कभी देश का रक्षा मंत्री बनने की चर्चा होती है. राजद के इफ्तार पार्टी के बाद मुख्यमंत्री आवास खाली करने को लेकर इन दिनों चर्चा में हैं.
जदयू का इफ्तार पार्टी
एक सप्ताह के अंदर जदयू की ओर इफ्तार पार्टी का आयोजन किया गया. इसमें एक बार फिर नीतीश कुमार और तेजस्वी की मुलाकात हुई. जदयू के इफ्तार पार्टी में नीतीश कुमार के आने के कुछ देर बाद तेजस्वी और तेजप्रताप यादव भी जदयू की इफ्तार पार्टी में पहुंचे. नीतीश कुमार ने दोनों भाई की बड़ी गर्मजोशी से स्वागत किया और रुमाली गमछा देकर उनका स्वागत किया. उनकी गाड़ी तक सीएम नीतीश कुमार छोड़ने भी गए.
हालांकि इससे पहले मुख्यमंत्री हज भवन में पहुंचे सभी रोजेदारों से घूम-घूम कर मिले और उन्हें शुभकामनाएं भी दी थी. इन सबके बीच दिलचस्प बात यह है कि JDU ने चिराग पासवान और VIP प्रमुख एवं नीतीश के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी को इफ्तार का न्योता नहीं दिया गया है. इससे पहले भाजपा की ओर से दी गई इफ्तार पार्टी में भी ये दोनों नेता नहीं दिखे थे. ऐसे में सवाल उठता है कि जेडीयू ने इन दोनों नेताओं को निमंत्रित क्यों नहीं किया? चिराग पासवान और मुकेश सहनी को बिहार NDA ने दरकिनार कर दिया है?