मेवात में किया गया हमला संयोग है या प्रयोग ?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

हरियाणा में जो कुछ हुआ वह तो सबके सामने है लेकिन जहां यह सब हुआ वहां का इतिहास जानना बेहद जरूरी है। देखा जाये तो मेवात की धरती भगवान श्रीकृष्ण की भूमि है। यह उनकी क्रीडा स्थली रही है। यह यात्रा नूंह के नल्हड़ महादेव मंदिर से प्रारंभ होकर श्रृंगार मंदिर पुन्हाना में संपन्न होती है। इन दोनों स्थानों का महत्व श्रीकृष्ण के नाम के साथ जुड़ा हुआ है। कहा जाता है कि यहीं श्रीकृष्ण विराजमान हुए थे और उन्होंने पवित्र शिवलिंग की स्थापना की थी।

इसी स्थान पर उन्होंने कौरवों-पांडवों के मध्य संधि करवाने का प्रयास किया था। श्रृंगार मंदिर वह स्थान है जहां पर वहां के लोगों ने श्रीकृष्ण के बाल्यकाल में उनका श्रृंगार किया था। इसलिए इसका नाम श्रृंगार मंदिर पड़ा। पुन्हाना का नाम भी ‘भगवान पुनः आना’ के आधार पर रखा गया है। यहां फिरोजपुर झिरका में स्थित झीर महादेव मंदिर भी वही स्थान है जहां पांडवों ने अज्ञातवास का समय बिताया था।

इसलिए मेवात के कण-कण में प्रभु श्रीकृष्ण के अहसास को महसूस किया जा सकता है और इसी भाव को ध्यान में रखते हुए पिछले तीन वर्षों से इस ब्रजमंडल जलाभिषेक यात्रा का प्रयोजन किया जाता है। जिसमें यहां के व हरियाणा के अन्य स्थानों से आए हुए शिवभक्त बड़ी संख्या में हिस्सा लेते हैं, इस यात्रा में राष्ट्रत्व का भाव रखने वाले मेव समाज के बंधु भी भागीदार होते हैं। पांडवकालीन स्थान होने के कारण श्रावण मास में यह यात्रा अनेकों वर्षों से होती आ रही है।

मेवात को उसकी पहचान भगवान श्रीकृष्ण की धरती के रूप में मिल सके। यहां पर भी शांति व अपनापन का भाव बने। यहां पर रहने वाले लोगों के मनों में डर नहीं भरोसे का विश्वास पनपे। इसके लिए आज पूरे समाज को एक साथ खड़ा होना होगा और यह किसी एक समाज का दायित्व नहीं। सबकी साझी भूमिका है।

विहिप के केंद्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार के शब्दों में ‘हम केवल सरकार का आश्रय नहीं लेंगे। आत्मरक्षा का अधिकार है और इसलिए हिन्दू अपनी आत्मरक्षा के अधिकार का भरपूर प्रयोग करके इस प्रकार के हमलों का सामना करेगा। इसके परिणाम जो होंगे उसकी जिम्मेदारी हम पर नहीं होगी। हम सामना भी करेंगे, भयभीत भी नहीं होंगे और मेवात को हिंदुओं के लिए एक सुरक्षित क्षेत्र बनाना सुनिश्चित करेंगे।’

प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा है कि ‘देश के संविधान से ऊपर कोई नहीं। उन्होंने कहा है कि संवाद के जरिए सभी विषयों का हल निकाला जा सकता है। प्रदेश के सभी नागरिक हरियाणा एक हरियाणवी एक के सिद्धांत पर चलते हुए समाज और प्रदेश के हित में सहयोग दें। नूंह में जिस प्रकार की स्थिति उत्पन्न हुई है, उस स्थिति में हर आम नागरिक की जिम्मेदारी समाज और प्रदेश के प्रति और बढ़ जाती है।  ऐसे में हमें कोई भी सन्देश प्रचारित करते हुए और भी अधिक संवेदनशील होना चाहिए।’

अब आवश्यकता है कि मेवात की इस घटना से सबक लेते हुए हर जिले में इस प्रकार के संवेदनशील स्थानों को चिह्नित करके वहां अपेक्षाकृत अधिक पुलिस गश्त / निगरानी आदि रखना सुनिश्चित किया जाए, ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोका जा सके। सोशल मीडिया में तनाव निर्माण करने वालों पर भी सख्त कार्यवाही की जाए। नूंह जिले की संवेदनशीलता को देखते हुए यहाँ पर स्थायी रूप से सैनिक/ अर्धसैनिक बल का कोई केंद्र/ बेस कैंप स्थापित किया जाए।

यह मांग पहले भी कई बार रखी जा चुकी है। इस घटना की जितनी निंदा की जाए कम है। अब आवश्यकता इस बात की भी है कि प्रशासन द्वारा इसमें शामिल सभी उपद्रवियों पर सख्त से सख्त कार्यवाही की जाए। उनकी गिरफ्तारी, सम्पत्ति कुर्क करना, उनके ठिकानों को ध्वस्त करना, एनएसए क़ानून लगाना आदि सख्त कदम उठाने चाहिए। मेवात में बढ़ रहे अवैध हथियारों और अवैध वाहनों (डम्फर) की जांच करके उन पर कार्यवाही करना भी बहुत जरूरी है। सरकार द्वारा घटना में मृत और घायल पुलिसकर्मियों और नागरिकों के नुकसान की भरपाई के लिए अविलम्ब मुआवजा और सरकारी नौकरी देना भी सुनिश्चित करना चाहिए।

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