क्या उच्च शिक्षा में मुस्लिम छात्रों के नामांकन में गिरावट हो रही है?

क्या उच्च शिक्षा में मुस्लिम छात्रों के नामांकन में गिरावट हो रही है?

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

एजुकेशन प्लस के लिये एकीकृत ज़िला सूचना प्रणाली (Unified District Information System for Education Plus- UDISE+) और अखिल भारतीय उच्च शिक्षा सर्वेक्षण (All India Survey of Higher Education- AISHE) के आँकड़ों के विश्लेषण के आधार पर तैयार की गई एक रिपोर्ट के अनुसार, उच्च शिक्षा में मुस्लिम छात्रों के नामांकन में काफी गिरावट दर्ज की गई है।

एजुकेशन प्लस के लिये एकीकृत ज़िला सूचना प्रणाली (UDISE+) रिपोर्ट क्या है?

  • यह एक व्यापक अध्ययन है जो स्कूली छात्रों के नामांकन और ड्रॉपआउट दर, स्कूलों में शिक्षकों की संख्या तथा शौचालय सुविधा, भवन अवसंरचना एवं विद्युत जैसी अन्य बुनियादी सुविधाओं पर जानकारी प्रदान करता है।
  • इसे वर्ष 2018-2019 में डेटा प्रविष्टि में तेज़ी लाने, त्रुटियों को कम करने, डेटा गुणवत्ता में सुधार तथा सत्यापन प्रक्रिया को सरल बनाने के लिये लॉन्च किया गया था।
  • यह एक विद्यालय और उसके संसाधनों से संबंधित कारकों के विषय में विवरण एकत्रित करने के लिये एक एप्लीकेशन है।
  • यह वर्ष 2012-13 में शिक्षा मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया UDISE का एक अद्यतन तथा उन्नत संस्करण है।

अखिल भारतीय उच्च शिक्षा सर्वेक्षण (AISHE) क्या है?

  • AISHE शिक्षा मंत्रालय की एक पहल है। वेब-आधारित इस वार्षिक सर्वेक्षण का उद्देश्य भारत में उच्च शिक्षण संस्थानों की स्थिति का आकलन करना और सुधार के क्षेत्रों का पता लगाना है। AISHE सर्वेक्षण को ध्यान में रखते हुए छात्र उच्च शिक्षण संस्थानों में नामांकन पर विचार करते हैं।
  • यह सर्वेक्षण महाविद्यालयों के शिक्षकों, परीक्षा परिणाम, शिक्षा बजट, कार्यक्रम, छात्र नामांकन और बुनियादी ढाँचे जैसी विभिन्न श्रेणियों पर रेटिंग प्रदान करने में मदद कर सकता है। इस सर्वेक्षण में एकत्रित किये गए डेटा का उपयोग सूचित नीतिगत निर्णय लेने तथा उच्च शिक्षा में बेहतर शोध करने के के उद्देश्य से किया जाता है।

 मुस्लिम छात्रों के नामांकन में गिरावट पर रिपोर्ट के प्रमुख बिंदु क्या हैं?

  • नामांकन संबंधी डेटा:
    • वर्ष 2020-21 में उच्च शिक्षा में मुस्लिम छात्रों (आयु वर्ग 18-23) के नामांकन में 8.5% से अधिक की उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है।
    • वर्ष 2019-20 में नामांकित छात्रों की संख्या 21 लाख थी, जो घटकर वर्ष 2020-21 में 19.21 लाख हो गई।
      • वर्ष 2016-17 से 2020-21 तक नामांकन में समग्र वृद्धि दर्ज की गई, किंतु हालिया वर्षों में इसमें गिरावट दर्ज की गई, वर्ष 2019-20 से 2020-21 तक 1,79,147 छात्रों की गिरावट दर्ज की गई।

  • सापेक्ष नामांकन प्रतिशत:
    • कुल छात्र आबादी की तुलना में उच्च शिक्षा में वर्ष 2016-17 में नामांकित मुस्लिम छात्रों का प्रतिशत 4.87 था, जो वर्ष 2020-21 में घटकर 4.64% हो गया
  • शिक्षा के विभिन्न स्तरों पर नामांकन पैटर्न:
    • सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में एक सामान्य पैटर्न पाया गया है जिसमें मुस्लिम छात्रों की संख्या में कक्षा 6 से गिरावट आनी शुरू होती है जो कक्षा 11 तथा 12 में सबसे निचले स्तर पर पहुँच जाता है।
    • मुस्लिम छात्रों का नामांकन प्रतिशत उच्च प्राथमिक (कक्षा 6-8) में 14.42% से गिरकर उच्च माध्यमिक (कक्षा 11-12) में 10.76% हो गया है।
  • राज्य स्तरीय असमानताएँ:
    • बिहार और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में मुस्लिम छात्रों का सकल नामांकन अनुपात अपेक्षाकृत कम है, जो दर्शाता है कि इन राज्यों में कई मुस्लिम बच्चे अभी भी शिक्षा प्रणाली का हिस्सा नहीं हैं।
    • असम (29.52%) और पश्चिम बंगाल (23.22%) में मुस्लिम छात्रों की उच्च ड्रॉपआउट दर दर्ज की गई, जबकि जम्मू-कश्मीर में यह आँकड़ा 5.1% और केरल में 11.91% है।
  • सुझाव:
    • वित्तीय बोझ को कम करने और उच्च शिक्षा तक पहुँच में वृद्धि करने के लिये मुस्लिम छात्रों हेतु छात्रवृत्ति, अनुदान तथा वित्तीय सहायता बढ़ाने की आवश्यकता है।
      • कई मुस्लिम छात्र कम आय वाले परिवारों से आते हैं और उच्च शिक्षा की लागत वहन करने में उन्हें विभिन्न कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
    • शिक्षा के अंतर को कम करने और धार्मिक पृष्ठभूमि अथवा आर्थिक स्थिति को नज़रअंदाज करते हुए सभी छात्रों के लिये समान अवसर उपलब्ध कराने हेतु समावेशी नीतियों एवं लक्षित समर्थन लागू करना महत्त्वपूर्ण है।

भारत में अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिये प्रमुख योजनाएँ क्या हैं?

  • छात्रों के शैक्षिक सशक्तीकरण के लिये प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजनापोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजनायोग्यता-सह-साधन आधारित छात्रवृत्ति योजनाप्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT)।
  • नया सवेरा– नि:शुल्क कोचिंग और संबद्ध योजना: इस योजना का उद्देश्य तकनीकी/व्यावसायिक पाठ्यक्रमों और प्रतियोगी परीक्षाओं की प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी के लिये अल्पसंख्यक समुदायों के आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्गों के छात्रों/उम्मीदवारों को निःशुल्क कोचिंग प्रदान करना है।
  • पढ़ो परदेश: अल्पसंख्यक समुदायों के आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग के छात्रों को विदेश में उच्च अध्ययन के लिये शैक्षिक ऋण पर ब्याज सब्सिडी की योजना।
  • नई रोशनी: अल्पसंख्यक समुदायों की महिलाओं का नेतृत्त्व विकास।
  • सीखो और कमाओ: यह 14-35 वर्ष आयु वर्ग के युवाओं हेतु एक कौशल विकास योजना है और इसका लक्ष्य मौजूदा श्रमिकों, स्कूल छोड़ने वालों आदि की रोज़गार क्षमता में सुधार करना है।
  • प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम (PMJVK): यह चिह्नित अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों के विकासात्मक कमियों का समाधान करने के लिये तैयार की गई योजना है।
    • इस योजना के तहत कार्यान्वयन के क्षेत्रों की पहचान वर्ष 2011 की जनगणना की अल्पसंख्यक आबादी और सामाजिक-आर्थिक व बुनियादी सुविधाओं के आँकड़ों के आधार पर की गई है तथा इन्हें अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों के रूप में चिह्नित किया जाएगा।
  • विकास के लिये पारंपरिक कला/शिल्प में कौशल और प्रशिक्षण का उन्नयन (Upgrading the Skills and Training in Traditional Arts/Crafts for Development- USTTAD): इसे मई 2015 में लॉन्च किया गया था, इसका उद्देश्य स्वदेशी कारीगरों/शिल्पकारों के पारंपरिक कौशल की समृद्ध विरासत को संरक्षित करना है।
    • इस योजना के तहत अल्पसंख्यक कारीगरों और उद्यमियों को एक राष्ट्रव्यापी विपणन मंच प्रदान करने तथा रोज़गार के अवसर सृजित करने के लिये देश भर में हुनरहाट का भी आयोजन किया जाता है।
  • प्रधानमंत्री-विरासत का संवर्द्धन (PM Vikaas): वर्ष 2023 में अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के बजट में नए PM Vikaas कार्यक्रम को भी शामिल किया गया है।
    • यह देश भर में अल्पसंख्यक और कारीगर समुदायों के कौशल, उद्यमिता और नेतृत्त्व प्रशिक्षण आवश्यकताओं पर ध्यान केंद्रित करने वाली एक कौशल संबंधी पहल है।
    • इस योजना को कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के ‘स्किल इंडिया मिशन‘ के संयोजन में स्किल इंडिया पोर्टल (SIP) के साथ एकीकृत करके लागू किया जाएगा।

Leave a Reply

error: Content is protected !!