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क्या आंबेडकर के सपनों का भारत बना रही मोदी सरकार? - श्रीनारद मीडिया
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क्या आंबेडकर के सपनों का भारत बना रही मोदी सरकार?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर ने देश की आजादी के बाद जिस भारत का सपना देखा, उस सपने को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार पूरा कर रही है। बाबा साहेब के आदर्शों के पथ पर मोदी सरकार अनवरत गतिशील है। जिस सामाजिक न्याय की लड़ाई के लिए बाबा साहेब ने पूरा जीवन समर्पित कर दिया, आज वह सामाजिक न्याय, फसाना नहीं हकीकत बन चुका है।

मोदी सरकार के मंत्रिपरिषद में आज दलितों की भागीदारी दस प्रतिशत से अधिक है। देश में पहली बार दलित समाज को इतना प्रतिनिधित्व हासिल हुआ है। कांग्रेस की नेहरू, इंदिरा, राजीव गांधी या मनमोहन की सरकार में भी इतनी संख्या में दलित मंत्रियों को सरकार में शामिल होने का अवसर नहीं मिला।

राष्ट्र निर्माण में उल्लेखनीय योगदान देने वाले सभी महापुरुषों को अगर पहली बार किसी सरकार ने भेदभाव रहित सम्मान देने का काम किया है तो वह नरेंद्र मोदी की सरकार है। मोदी सरकार ने संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व को उनकी जयंती पर होने वाले सेमिनारों तक सीमित नहीं रहने दिया, बल्कि कई बड़े निर्णय कर उनके योगदान को धरातल पर उतारकर अमिट बनाने की पहल की है। देश के बहुजनों के आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक न्याय की लड़ाई लड़ने वाले संविधान निर्माता डॉ. आंबेडकर, की विरासत को जिस तरह से मोदी सरकार बढ़ा रही है, उसे उनके सपनों का भारत बन रहा है।

आंबेडकर ऐसे भारत का सपना देखते थे, जहां जातीय आधार पर किसी तरह का कोई भेदभाव न हो। जहां आर्थिक और सामाजिक हर क्षेत्र में वंचित तबके को पूर्ण प्रतिनिधित्व मिले। आज नरेंद्र मोदी की सरकार में अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के मंत्रियों का अच्छा प्रतिनिधित्व है। राज्यों में जहां एनडीए की सरकार है, वहां भी वंचित तबके के पहले से अधिक मंत्री बने हैं। जिससे दलित, आदिवासी वर्ग की समस्याओं का निराकरण तेजी से हो रहा है।

शिक्षा से लेकर नौकरियों में दलित वर्ग की भागीदारी बढ़ी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन में डॉ. आंबेडकर को लेकर कितना अपार सम्मान है, केंद्र सरकार में उनके सहयोगी के रूप में कार्य करते हुए मैने महसूस किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कई निर्णयों से बाबा साहेब के प्रति सम्मान प्रदर्शित किया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डॉ. भीमराव आंबेडकर जी के 125वें जयंती वर्ष के रूप में 26 नवंबर 2015 से ‘संविधान दिवस’ मनाने की क्रांतिकारी पहल की। यह बाबा साहेब के प्रति सबसे सच्ची श्रद्धांजलि रही। संविधान निर्माता को सबसे योग्य सम्मान से मोदी सरकार ने नवाजने की कोशिश की। दरअसल, 26 नवम्बर 1949 को संविधान को तैयार कर देश को समर्पित करने में बाबा साहेब ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। लिहाजा, मोदी की सरकार ने 26 अप्रैल को आधिकारिक रूप से संविधान दिवस की घोषणा कर डॉ. भीमराव आंबेडकर के महान योगदान को सम्मान देने की पहल की।

बाबा साहेब की यादों को चिरस्थाई बनाने और उनकी विरासत के संरक्षण की दिशा में एनडीए सरकार ने कई उल्लेखनीय कार्य किए हैं। दिल्ली के जिस 26, अलीपुर रोड हाउस में 6 दिसंबर 1956 को डॉ. आंबेडकर चिर निद्रा में लीन हुए थे, वहां केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय स्मारक बनवाया है। सेंट्रल दिल्ली के जनपथ मार्ग पर अपनी भव्यता और बड़े आयोजनों के लिए आकर्षण का केंद्र बन चुके डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर का निर्माण भी मोदी सरकार ने कराया। दिसंबर 2017 में अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर को राष्‍ट्र को समर्पित किया गया था।

पूर्व की सरकारें डॉ. भीमराव आंबेडकर को लेकर केवल मुंह से बातें करतीं रहीं, लेकिन धरातल पर उनकी यादों को चिरस्थाई बनाने के लिए कुछ नहीं किया। लेकिन, मोदी सरकार ने देश ही नहीं दुनिया में बाबा साहेब के विचारों को फैलाने के लिए कई बड़े कार्य किए। पूर्व की सरकारों में बाबा साहेब को जो सम्मान मिलना चाहिए था, वह नहीं मिला। आज मोदी सरकार इस कसक को पूरा कर रही है।

प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली से लेकर लंदन तक बाबा साहेब की यादों को चिरस्थाई बनाने की पहल की है। लंदन में वकालत की पढ़ाई के लिए बाबा साहेब जिस स्थान पर रहा करते थे, वहां पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 नवंबर 2015 को आंबेडकर स्मारक का उद्घाटन किया था। पश्चिम लंदन में किंग हेनरी रोड पर यह तिमंजिला स्मारक है।

देश के किसी महापुरुष के जीवन से जुड़े सभी स्थलों को पहली बार तीर्थ स्थल के रूप में मोदी सरकार ने विकसित करने की पहल की। आंबेडकर से जुड़े पांच प्रमुख स्थानों को मोदी सरकार ने ‘पंचतीर्थ’ घोषित किया है। महाराष्ट्र के नागपुर में जहां पांच लाख से अधिक अनुयायियों के साथ उन्होंने बौद्ध धम्म की दीक्षा ली थी, उस दीक्षा भूमि को मोदी सरकार की पहल पर वर्ष 2016 में पर्यटक स्थल का दर्जा मिला। मध्‍य प्रदेश के महू स्थित उनकी जन्मस्थली की आज सूरत संवर चुकी है।

केंद्र सरकार ने डिजिटल लेन-लेन को बढ़ावा देने के लिए जो ऐप बनाया, उसका नाम भी बाबा साहेब पर करते हुए ‘भीम ऐप’ नाम दिया। ऐसे तमाम प्रतीकों के माध्यम से बाबा साहेब के विचारों से देश की जनता को जोड़ने की सरकार पहल कर रही है।

मोदी सरकार की हर योजना आज बहुजनों का कल्याण कर रही है। 80 करोड़ परिवारों को मुफ्त राशन से सबसे बड़ा लाभ दलितों और आदिवासियों को हुआ है। पहली बार सभी दलितों के बैंक खाते खुले। आज दलितों के सिर पर छत है तो रसोई में गैस सिलिंडर भी। मोदी सरकार की योजनाओं ने दलितों के जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन किया है।

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