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क्या अब ब्रिटेन में ऋषि सुनक का चांस है ? - श्रीनारद मीडिया

क्या अब ब्रिटेन में ऋषि सुनक का चांस है ?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

यूनाइटेड किंगडम में एक बार फिर से राजनीतिक संकट गहरा गया है। बोरिस जॉनसन को प्रधानमंत्री की कुर्सी से उतरे अभी दो महीने से भी कम समय हुआ है। लेकिन उससे पहले ही नई प्रधानमंत्री लिज ट्रस की नींव खिसक गई है। 45 दिनों के भीतर ही उन्हें अपना पद छोड़ना पड़ा है और वजह है कि उनके सिपहसालार बागी हुए जा रहे हैं। 19 अक्टूबर को गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन ने अपना इस्तीफा दे दिया था। ये पिछले पांच दिनों में ट्रस कैबिनेट से हुआ दूसरा बड़ा इस्तीफा था।

इससे पहले 14 अक्टूबर को वित्त मंत्री क्वासी क्वार्टैंग को बर्खास्त कर दिया गया था। उनकी जगह पर जेरमी हंट को नया वित्त मंत्री बनाया गया। जानकार बता रहे थे कि ये तो बस शुरुआत है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो लिज ट्रस सरकार का बच पाना मुश्किल है। यही हुआ भी। 20 अक्टूबर को लिज ट्रस ने भी अपने इस्तीफे का ऐलान कर दिया। ब्रिटेन के नए सियासी ड्रामे की कहानी बताते हैं। इसके साथ ही जानते हैं कि वो 10 वजह जिसकी वजह से इतने कम समय में लिज ट्रस को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा।

सरकारी स्कूल में शिक्षा ग्रहण करने वाली 46 साल की लिज ट्रस की जिंदगी व राजनीतिक सफर काफी रोचक रहा है। उनके पिता गणित के प्रोफेसर और मां एक नर्स थीं। अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद कुछ समय तक ट्रस ने अकाउंटेंट के रूप में भी काम किया है। जिसके बाद वो राजनीति में आ गई। लेबर पार्टी समर्थक परिवार से आने वाली ट्रस ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी से की थी।

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार लिज ट्रस के भाई बताते हैं कि उन्हें हार बिल्कुल पसंद नहीं है। बचपन में वो कई बार गेम छोड़कर भाग जाया करती थीं। ऐसे में लिज के खिलाफ हालात बिगड़ते जा रहे थे। उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी तैयार हो चुका था। कंजर्वेटिव पार्टी के सांसद भी प्रधानमंत्री बदलने की बात करने लगे थे। ऐसे में ट्रस ने अविश्वास प्रस्ताव का सामना करने से बेहतर इस्तीफा देना चुना।

मिनी बजट

जब टोरीज़ बोरिस जॉनसन को बदलने के लिए एक नेता की तलाश कर रहे थे, ट्रस व्यापक कर कटौती के साथ-साथ उग्र मुद्रास्फीति के खिलाफ ऊर्जा मूल्य गारंटी प्रदान करने के माध्यम से विकास को पुनर्जीवित करने के एजेंडे पर चला गया। उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी, राजकोष के पूर्व चांसलर ऋषि सनक ने बार-बार चेतावनी दी कि बिना कर कटौती और खर्च में बढ़ोतरी का उनका एजेंडा आपदा का एक नुस्खा था।

23 सितंबर को, ट्रस के चांसलर और लंबे समय के दोस्त, क्वासी क्वार्टेंग ने एक मिनी-बजट प्रस्तुत किया, जिसने अनिवार्य रूप से कर राजस्व में कटौती करते हुए खर्च में वृद्धि की। इसने घटनाओं की एक श्रृंखला को गति दी जो अंततः उसके पतन का कारण बनी। जैसा कि सुनक ने भविष्यवाणी की थी, बजट का मतलब था कि सरकार की उधारी सर्पिल होने वाली थी। ऐसे समय में जब ब्रिटेन ऐतिहासिक रूप से उच्च मुद्रास्फीति का सामना कर रहा है, यह सबसे बुरी चीज थी जो हो सकती थी।

ट्रस ने तोड़ा कार्निग का रिकॉर्ड

लिज ट्रस ने खुद को इतिहास की किताबों में देश के सबसे कम समय तक शासनाध्यक्ष (सरकार के प्रमुख) के रूप में दर्ज किया है। उन्होंने जॉर्ज कैनिंग द्वारा 1827 के बाद से बनाए गए रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया, जिनका अपने जीवन के अंतिम 119 दिनों के लिए प्रधानमंत्री के रूप में सेवा करने के बाद कार्यालय में निधन हो गया था। उनके चार बच्चों में सबसे छोटे, चार्ल्स जॉन कैनिंग, ब्रिटिश गवर्नर-जनरल थे जिन्होंने 1857 के विद्रोह को कुचल दिया और उसके बाद भारत के पहले ब्रिटिश वायसराय बने।

बाजार प्रतिक्रिया

मिनी-बजट ने बाजार सहभागियों को चकित कर दिया। इस कदम से वित्तीय बाजार ने कर कटौती घोषणा की वाहवाही करने की बजाय वित्तीय प्रणाली को ही खतरनाक रूप से पतन के कगार पर पहुंचा दिया। घबराहट की प्रतिक्रिया में, निवेशकों ने यूके की सभी संभावित संपत्तियों को बेचना शुरू कर दिया। जैसे, पौंड स्टर्लिंग अमेरिकी डॉलर के मुकाबले ऐतिहासिक निचले स्तर पर गिर गया। ट्रस सरकार की प्रस्तावित टैक्स कटौती पिछले पचास वर्षों में सबसे बड़ी कटौतियों में एक थी। इन टैक्स कटौतियों और राजकोषीय उधारी में वृद्धि पर भी वित्तीय निवेशकों ने सकारात्मक रुख नहीं दिखाया।

बढ़ती मुद्रास्फीति और मुद्रा के रेकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंचने के कारण ट्रस के प्रधानमंत्री पद पर भी तलवार लटक गई है। सरकार को इस अंतहीन गिरावट को रोकने के लिए बॉन्ड बाजार में दखल तक करना पड़ा। एक ऐसे देश, जो दुनिया का सबसे बड़ा वैश्विक वित्तीय केंद्र है में इस इस तरह के हालात की उम्मीद बिल्कुल भी नहीं की जा सकती थी। इसी तरह, यूके सरकार को पैसा उधार देने के अनिच्छुक निवेशकों ने गिल्ट (सरकारी बांड) बेचना शुरू कर दिया।

जैसे-जैसे गिल्ट की कीमत गिरती गई, उनकी प्रतिफल (या प्रभावी ब्याज दर जो बाजार उधार के पैसे के लिए वसूलते हैं) आसमान छू गई। कुछ ही समय में, बैंक ऑफ इंग्लैंड को वित्तीय पतन को रोकने के लिए कदम उठाना पड़ा।

पेंशन फंड और गिरवी दरों में संकट

मिनी-बजट का सीधा परिणाम और गिल्ट की कीमतों में गिरावट (और गिल्ट की पैदावार में वृद्धि) ब्रिटेन में पेंशन फंड में उत्पन्न संकट था। कई पेंशन फंड मैनेजरों ने ब्याज दरों में तेजी से बढ़ोतरी के खिलाफ बचाव किया था। लेकिन गिल्ट प्रतिफल में अचानक उछाल का मतलब था कि वे दांव के गलत पक्ष में थे। इससे भी बदतर, उनकी संपत्ति, गिल्ट, मूल्य खो रहे थे। इसने पेंशन फंड की व्यवहार्यता पर भारी दहशत और वास्तविक संदेह पैदा किया। बाजार की ब्याज दरों में तेज वृद्धि का मतलब यह भी था कि होम लोन वाले लोगों को या तो पुनर्वित्त करना पड़ा या अपने घरों को खोने का जोखिम उठाना पड़ा। संभावित मालिकों ने पाया कि एक नया ऋण कुछ ही समय में काफी महंगा हो गया था। यह सब ऐसे समय में हुआ जब ब्रिटेन में लाखों लोग जीवन यापन के संकट से जूझ रहे हैं, इस बात को लेकर चिंतित हैं कि उच्च ऊर्जा कीमतों के मद्देनजर आने वाली सर्दियों में गर्म कैसे रहें।

यू-टर्न पर यू-टर्न

जैसा कि यह स्पष्ट हो गया कि जब तक ट्रस को अपनी गलती का एहसास नहीं होगा, तब तक बाजार यूके की संपत्ति को दंडित करना जारी रखेंगे। प्रधानमंत्री ने अनिच्छा से यू-टर्न की घोषणा करना शुरू कर दिया। एक के बाद एक, सुपर-रिच पर कर कम करने जैसे अपने मार्की विचारों को पलटना शुरू कर दिया। सबसे बड़ा झटका तब लगा जब उन्होंने अपने चांसलर को बर्खास्त कर दिया। जबकि इसे बाजारों द्वारा सकारात्मक रूप से देखा गया था, इसने स्पष्ट राजनीतिक प्रश्न को जन्म दिया। जब ट्रस ने आर्थिक योजनाओं को आवाज देने के लिए क्वार्टेंग को निकाल दिया, तो वह पद पर बने रहने के लायक क्यों थी? इस प्रश्न का कोई वास्तविक उत्तर नहीं था।

नया चांसलर

नए चांसलर की नियुक्ति तो जैसे ट्रस की सत्ता में आखिरी कील साबित हुई। डाउन स्ट्रीट की लड़ाई में चांसलर जेरेमी हंट ने सुनक का पक्ष लिया था। जैसे ही उन्होंने कार्यभार संभाला, उन्होंने ट्रस के एजेंडे से बची हुई हर चीज को बिगाड़ दिया। जल्द ही यह स्पष्ट हो गया कि प्रधानमंत्री के पद पर लिज ट्रस थीं, लेकिन सत्ता में हंट थे।

माफी भी काम न आई 

वित्तीय अस्थिरता के लिए लिज माफी मांग चुकी हैं। ट्रस ने 17 अक्टूबर को कहा था कि गलतियां हुई हैं। मैं उनके लिए माफी मांगती हूं। मैं ज्यादा टैक्स की वजह से महंगे हुए बिजली के बिल से लोगों को राहत देना चाहती थी, मगर हमने बहुत जल्दी बहुत दूर जाने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि वह ‘ब्रिटिश लोगों की भलाई के लिए’ अपने आर्थिक वृद्धि मिशन पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं। ट्रस ने कहा, ‘मैं मानती हूं कि हमने गलतियां की हैं। मुझे उन गलतियों के लिए खेद है, लेकिन मैंने उन गलतियों को सुधार लिया है।’

क्या सुनक का चांस है? 

ब्रिटेन की राजनीति में अगला कदम क्या रहेगा, इस पर सभी की निगाहे हैं। ब्रिटेन के विपक्षी लेबर नेता कीर स्टारर ने साफ कर दिया है कि अब चुनाव होने चाहिए। लेकिन लिज की पार्टी शायद अभी चुनाव ना करवाए और किसी दूसरे प्रबल दावेदार को जिम्मादीर दी जाए। ट्रस के बाद ऋषि सुनक के पीएम बनने की चर्चाएं तेज हैं। वह कंजर्वेटिव सांसदों की पसंद रहे हैं और पूर्व वित्त मंत्री भी थे। हालांकि पार्टी में काफी फूट है इसलिए सुनक के लिए राह आसान भी नहीं।

एक खेमा पूर्व पीएम बोरिस जॉनसन को वापस लाने की मांग कर रहाा। वहीं विपक्षी लेवर पार्टी मध्यावधि चुनाव की मांग कर रही है। भारतीय मूल के ब्रिटेन के पूर्व चांसलर ऋषि सनक हाल तक 10 डाउनिंग स्ट्रीट की दौड़ में सबसे आगे थे। लेकिन इसके बावजूद वो ब्रिटेन के विदेश सचिव लिज़ ट्रस से मात खा गए।

यूक्रेन युद्ध है वजह

यूक्रेन में फरवरी से जारी युद्ध और रूस पर प्रतिबंधों से जहां वित्त मंत्री को ब्रिटेन सहित परे यूरोप में ऊर्जा कीमतें चरम पर हैं, वहीं अनाज संकट भी बना हुआ जिससे खाद्य कीमतें भी बढ़ी हुई हैं। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि लाखों ब्रिटिश नागरिकों ने खानपान में कटौती कर दी है। इसके बाद महंगाई दर दस से ऊपर है। ऐसे में नए पीएम के लिए आर्थिक मोर्चे पर चुनौती बहुत हैं।

अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के वादे बने गले की फांस 

प्रधानमंत्री पद के लिए अपने प्रचार के दौरान लिज ट्रस ने अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के जो वादे किए थे वही अब उनके गले की फांस बन गए। ट्रस सरकार महंगाई पर काबू पाने में  पूरी तरह विफल रहीं। ट्रस के वादों को लागू करने के कोशिश करने वाले वित्त मंत्री क्वासी क्वार्टेंग को इस्तीफा देना पड़ा।

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