क्या उत्तर बंगाल के जिलों को मिलाकर केंद्रशासित प्रदेश बनाने की चर्चा है?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

पश्चिम बंगाल का जल्द ही विभाजन हो सकता है. उत्तर बंगाल के कई जिलों को जिलों को मिलाकर नया केंद्रशासित प्रदेश बनाने की मांग भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अंदर उठने लगी है. एक नेपाली समाचार पत्र ने भाजपा सांसद जॉन बारला के हवाले से इस आशय क खबर भी प्रकाशित की है.

नेपाली समाचार पत्र के मुताबिक, जॉन बारला का कहना है कि पश्चिम बंगाल की सरकार उत्तर बंगाल के जिलों से मोटी कमाई करती है, लेकिन उसके विकास पर ध्यान नहीं देती. बंगाल सरकार की नीतियों की वजह से दार्जीलिंग, कलिम्पोंग समेत उत्तर बंगाल के तमाम जिले उपेक्षित हैं. इसलिए वे चाहते हैं कि उत्तर बंगाल को बंगाल से अलग करके केंद्रशासित प्रदेश का दर्जा दे दिया जाये. वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से भी इसकी मांग करेंगे.

भाजपा सूत्रों ने बताया कि दार्जीलिंग, कूचबिहार, जलपाईगुड़ी, कलिम्पोंग, अलीपुरदुआर, उत्तर दिनाजपुर और दक्षिण दनाजपुर को मिलाकर अलग केंद्रशासित प्रदेश बनाया जा सकता है. नया केंद्रशासित प्रदेश बनाने के पीछे तर्क यह भी दिया जा रहा है कि बांग्लादेश और नेपाल के रास्ते बंगाल में होने वाली घुसपैठ चिंता का विषय है.

इतना ही नहीं, चीन के साथ सीमा पर जारी तनाव के बीच ड्रैगन से भी असुरक्षा का भाव है. इसलिए केंद्र सरकार को बंगाल के इन 7 जिलों को मिलाकर नया केंद्रशासित प्रदेश बना देना चाहिए, ताकि घुसपैठ आदि के मुद्दे पर राज्य के साथ कोई विवाद न रह जाये. उत्तर बंगाल के लोग लंबे अरसे से ऐसी मांग करते रहे हैं.

वर्ष 2019 में जब केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म करके इस राज्य को तीन भागों में बांटकर उन्हें केंद्रशासित प्रदेश बनाया गया, तो उत्तर बंगाल की राजनीतिक पार्टियों ने भी इसी तर्ज पर बंगाल के पहाड़ी जिलों को मिलाकर केंद्रशासित प्रदेश का दर्जा देने की मांग शुरू कर दी.

जम्मू और कश्मीर की तरह दार्जीलिंग हिल्स भी बने केंद्रशासित प्रदेश

लंबे अरसे से अलग गोरखालैंड की मांग कर रही पार्टियों ने कहा कि जम्मू, कश्मीर और लेह की तरह दार्जीलिंग को भी केंद्रशासित प्रदेश का दर्जा देना बेहतरीन विकल्प होगा. गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) के नेता रोशन गिरि ने कहा था कि दार्जीलिंग के लोगों की मांग भी पूरी होनी चाहिए. कहा कि दार्जीलिंग, तराई और डुआर्स को मिलाकर केंद्रशासित प्रदेश बनाया जाये.

गोरखालैंड टेरिरोरियल एडमिनिस्ट्रेशन (जीटीए) के प्रशासक और ममता बनर्जी के करीबी रहे विनय तमांग ने भी कहा था कि अगर जम्मू-कश्मीर को केंद्रशासित प्रदेश का दर्जा मिल सकता है, तो दार्जीलिंग को क्यों नहीं. हालांकि, ममता बनर्जी और उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने किसी भी तरह से बंगाल के विभाजन का विरोध किया था.

यह पहला मौका नहीं है, जब उत्तर बंगाल के जिलों को बंगाल से अलग करने की मांग की जा रही है. गोरखालैंड की मांग कई दशक पुरानी है. हिल काउंसिल बनाकर दार्जीलिंग और कलिम्पोंग के आंदोलन को दबा दिया गया था. गोरखालैंड के अलावा कामतापुरी की भी मांग उठती रही है. ये मांग पहाड़ी जिलों की स्थानीय पार्टियों की थी. लेकिन, इस बार भाजपा के नेता यह मुद्दा उठा रहे हैं. इसलिए इस आंदोलन के जोर पकड़ने की उम्मीद जतायी जा रही है.

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा है कि वह केंद्र सरकार को बंगाल के टुकड़े-टुकड़े नहीं करने देंगी. यदि केंद्र सरकार यह सोचती है कि वह जलपाईगुड़ी, अलीपुरदुआर, कूचबिहार और दार्जीलिंग को बेच देगी, तो वह ऐसा नहीं होने देंगी. बंगाल में बांटो और राज करो की भाजपा की नीति को वह सफल नहीं होने देंगी.

उत्तर बंगाल को केंद्र शासित प्रदेश बनाये जाने की भाजपा सांसद की मांग की भर्त्सना करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि यह कोई राजशाही नहीं कि अपनी मनमर्जी से राज्य को तोड़ देंगे. यह राज्य सरकार की मर्जी के बगैर नहीं हो सकता.

उन्होंने कहा कि केंद्रशासित प्रदेश का मतलब होता है लोगों के अधिकार छीन लेना. जिस तरह से कश्मीर में लोगों के अधिकार छीन लिये गये. उनके जीने का अधिकार छीन लिया गया, वैसा बंगाल में कभी नहीं होने देंगे.

बंगाल में लॉकडाउन पर अहम घोषणा के लिए राज्य सचिवालय नबान्न में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में ममता बनर्जी ने ये बातें कहीं. तृणमूल सुप्रीमो ने दावा किया कि उनकी सरकार ने 10 साल में उत्तर बंगाल में बहुत काम किया है. कई मामले में दक्षिण बंगाल से ज्यादा काम उत्तर बंगाल में हुआ है. वहां कुछ नहीं था, अब सब कुछ है.

ममता बनर्जी ने अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि उनकी सरकार उत्तर बंगाल को सजा रही है. वहां कुछ भी नहीं था. तृणमूल कांग्रेस की सरकार में अफ्रीकन सफारी बना, विश्व बांग्ला क्रीड़ा केंद्र बना, पंचानन वर्मा यूनिवर्सिटी बना, सचिवालय की स्थापना की गयी, भवाई सेतु बना, जोई ब्रिज बना.

बंगाल को कश्मीर नहीं बनने देंगे

ममता बनर्जी ने कहा कि केंद्रशासित प्रदेश बनाकर क्या बंगाल को कश्मीर बना देना चाहते हैं. कश्मीर की तरह लोगों के अधिकार छीन लेंगे. लोगों को नजरबंद कर देंगे. टीएमसी चीफ ने कहा कि किसी ने बंगाल को तोड़ने की कोशिश की, तो यहां की जनता उसे करारा जवाब देगी.

उन्होंने कहा कि बंगाल चुनाव में इतनी बड़ी हार के बावजूद उन्हें शर्म नहीं आती. तृणमूल सुप्रीमो ने कहा कि पश्चिम बंगाल का मतलब पश्चिम बंगाल है. दक्षिण बंगाल और उत्तर बंगाल दोनों पश्चिम बंगाल ही है. दक्षिण बंगाल और उत्तर बंगाल दोनों उन्हें समान रूप से प्रिय है.

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