‘ग्रेट इंडियन बस्टर्ड (GIB) क्षेत्र’ के माध्यम से ओवरहेड किया जाना अनिवार्य बना दिया गया है

‘ग्रेट इंडियन बस्टर्ड (GIB) क्षेत्र’ के माध्यम से ओवरहेड किया जाना अनिवार्य बना दिया गया है

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (CEA) ने मसौदा केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (ग्रेट इंडियन बस्टर्ड क्षेत्र में विद्युत लाइनों का निर्माण) विनियमन, 2023 जारी किया है, जिसमें ‘ग्रेट इंडियन बस्टर्ड (GIB) क्षेत्र’ के माध्यम से विद्युत लाइनों को भूमिगत या ओवरहेड किया जाना अनिवार्य बना दिया गया है।

  • लुप्तप्राय ग्रेट इंडियन बस्टर्ड पर खतरे के मुद्दे को सर्वोच्च न्यायालय (SC) में एक मामले के आलोक में विनियमित किया गया।
  • नियमों के अनुसार, ‘ग्रेट इंडियन बस्टर्ड क्षेत्र’ से गुज़रने वाली 33 kV और उससे कम की सभी विद्युत लाइनें भूमिगत होंगी, जबकि 33 kV से ऊपर की लाइनें बर्ड फ्लाइट डायवर्टर के साथ ओवरहेड लाइनें होंगी।
  • डायवर्टर का उद्देश्य पक्षियों के लिये विद्युत लाइन दृश्यता में सुधार करना और टक्कर के ज़ोखिम को कम करना है।

ग्रेट इंडियन बस्टर्ड क्षेत्र:

  • परिचय:
    • द ग्रेट इंडियन बस्टर्ड (Ardeotis nigriceps), राजस्थान का राजकीय पक्षी है, इसे भारत का सबसे गंभीर रूप से लुप्तप्राय पक्षी माना जाता है।
    • इसे प्रमुखतः घास के मैदान की प्रजाति माना जाता है, जो चरागाह पारिस्थितिकी का प्रतिनिधित्त्व करता है।
    • इसकी अधिकतम आबादी राजस्थान और गुजरात तक ही सीमित है। महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में यह प्रजाति कम संख्या में पाई जाती है।

great-indian-bustard

  • खतरे:
    • विद्युत लाइनों से टकराव/इलेक्ट्रोक्यूशन, शिकार (अभी भी पाकिस्तान में प्रचलित), आवास का नुकसान और व्यापक कृषि विस्तार आदि के परिणामस्वरूप यह पक्षी खतरे में है।
  • सुरक्षा की स्थिति:
    • अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ की रेड लिस्ट: गंभीर रूप से संकटग्रस्त
    • वन्यजीवों एवं वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन (CITES): परिशिष्ट-1
    • प्रवासी प्रजातियों के संरक्षण पर अभिसमय (CMS): परिशिष्ट-I
    • वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972: अनुसूची 1

GIB की सुरक्षा के लिये किये गए उपाय:

  • प्रजाति पुनर्प्राप्ति कार्यक्रम:
    • इसे पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (Ministry of Environment, Forests and Climate Change- MoEFCC) के वन्यजीव आवास का एकीकृत विकास (IDWH) के तहत प्रजाति पुनर्प्राप्ति कार्यक्रम के अंतर्गत रखा गया है।
  • नेशनल बस्टर्ड रिकवरी प्लान:
    • वर्तमान में इसे संरक्षण एजेंसियों (Conservation Agencies) द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।
  • संरक्षण प्रजनन सुविधा:
    • जून 2019 में MoEFCC, राजस्थान सरकार और भारतीय वन्यजीव संस्थान (WII) द्वारा जैसलमेर में डेज़र्ट नेशनल पार्क में एक संरक्षण प्रजनन सुविधा स्थापित की गई है।
  • प्रोजेक्ट ग्रेट इंडियन बस्टर्ड:
    • राजस्थान सरकार ने इस प्रजाति के प्रजनन बाड़ों के निर्माण और उनके आवासों पर मानव दबाव को कम करने के लिये एवं बुनियादी ढाँचे के विकास के उद्देश्य से ‘प्रोजेक्ट ग्रेट इंडियन बस्टर्ड ’लॉन्च किया है।
  • पर्यावरण अनुकूल उपाय:
    • ग्रेट इंडियन बस्टर्ड सहित वन्यजीवों पर पावर ट्रांसमिशन लाइन्स (Power Transmission Lines) और अन्य पावर ट्रांसमिशन इन्फ्रास्ट्रक्चरर्स (Power Transmission Infrastructures) के प्रभावों को कम करने के लिये पर्यावरण के अनुकूल उपायों का सुझाव देने हेतु टास्क फोर्स का गठन।

Leave a Reply

error: Content is protected !!