स्वयं के साथ- साथ अपने परिवार के सदस्यों खास कर बच्चें और बुजुर्गो का गर्मी के दिनों में उचित प्रबंध जरूरी
लू की चपेट में आए लोगों के इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग ने कर ली पूरी तैयारी: डीपीएम
लू लगने के बाद समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो हो सकती है गंभीर समस्या: प्रभारी सिविल सर्जन
अधिकतम तापमान 44 डिग्री सेल्सियस किया गया रिकार्ड: मौसम विभाग
श्रीनारद मीडिया, छपरा (बिहार:
बिहार में लू का प्रकोप शुरू हो गया है। जिसको देखते हुए स्वास्थ्य विभाग अपनी ओर से पूरी तरह से अलर्ट मोड में है, लेकिन लू से बचाव के लिए लोगों को अपने स्तर पर भी उचित प्रबंध करना होगा। ताकि वह स्वयं के साथ- साथ अपने परिवार के सदस्यों खास कर बच्चें और बुजुर्गो को लू की चपेट में आने से बचाव कर उसकी हिफाजत किया जा सके। जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम अरविंद कुमार ने बताया कि अगर कोई व्यक्ति की लू की चपेट में आ जाता है, तो समय रहते इसका उपचार कराना आवश्यक होता है।
अगर ऐसा नहीं किया गया तो आपकी सेहत को गंभीर नुकसान हो सकता हैं। हालांकि गर्मियों में कुछ जरुरी बातों को ध्यान में रखते हुए लू से बचा जा सकता है। वहीं दूसरी ओर लू की चपेट में आए लोगों के इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा पूरी तैयारी कर ली गई है। जिला मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल के साथ- साथ अनुमंडलीय अस्पताल सोनपुर और मढ़ौरा सहित जिले के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अलावा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में बेड सुरक्षित कर लिया गया है। क्योंकि आपात कालीन स्थिति में इसका उपयोग आसानी से किया जा सके।
लू लगने के बाद समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो हो सकती है गंभीर समस्या: प्रभारी सिविल सर्जन
प्रभारी सिविल सर्जन डॉ चंदेश्वर प्रसाद सिंह ने कहा कि जब कोई लू के बीच बाहर निकलता है, तो गर्म हवाओं के कारण शरीर से पानी का ह्रास होने लगता है। जिस कारण शरीर में पानी की समस्या उत्पन्न हो जाती है। क्योंकि पानी के साथ- साथ शरीर से कई प्रकार की आवश्यक पोषक तत्व भी बाहर निकल जाते हैं। जिस वजह से शरीर का तापमान बहुत ज्यादा बढ़ जाता है।
हालांकि बढ़ती गर्मी को कंट्रोल करने शरीर को काफी मुश्किल हो जाता है। लू की चपेट में आने पर सबसे पहले लोगों में बुखार की समस्या देखने को मिलती है, उसके बाद धीरे- धीरे व्यक्ति की समस्याएं बढ़ने लगती हैं। जिस कारण गंभीर सिरदर्द, उल्टी और दस्त सहित कई अन्य प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। सबसे अहम बात यह है कि लू लगने के बाद समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो यह गंभीर रूप ले सकता है। इसकी वजह से हार्ट अटैक, स्ट्रोक, किडनी रोग, फेफड़ों से जुड़ी समस्या अगर किसी व्यक्ति को पहले से है, तो उनकी स्थिति बदतर हो सकती है। इसलिए लू लगने के बाद मरीज को तत्काल अस्पताल ले जाना चाहिए। जिससे उसकी जान बचाई जा सके।
अधिकतम तापमान 44 डिग्री सेल्सियस किया गया रिकार्ड: मौसम विभाग
मौसम विभाग के अनुसार सुबह के 7 से ही हिट वेब शुरू हो गया था। जिसमें 7 बजे 30, 8 बजे 33, 9 बजे 36, 10 बजे 39, 11 बजे 41 तो 12 बजे दोपहर में 43 डिग्री सेल्सियस तापमान रहा है, जबकि पछुवा हवा की बात करें तो सुबह के 7 बजे 14, 8 और 9 बजे 16, तो 10 बजे 21, वही 11 बजे 26 तो 12 बजे दोपहर में 29 किलो मीटर प्रति घंटा की रफ्तार से तेज हवा चल रहा था। लेकिन 12 बजे दोपहर के बाद 34 किलो मीटर प्रति घंटा की रफ़्तार से पछुवा हवा लोगो के चेहरे को जलाने के काफी था। हालांकि न्यूनतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस तो अधिकतम तापमान 44 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया है।
लू लगने के मुख्य लक्षण:
बहुत अधिक पसीना आना, हार्ट बीट बहुत धीमी या तेज होना, उल्टी और मतली की समस्या उत्पन्न होना, मांसपेशियों में ऐंठन महसूस होना, शारीरिक रूप से कमजोरी का एहसास होना, गंभीर सिरदर्द, बहुत थकान, चक्कर आना और ठंडी त्वचा का होना इसके मुख्य लक्षण हो सकते है।
गर्मियों में लू की चपेट में आने से बचाव करना बेहद जरूरी:
– कोशिश करें कि गर्मियों में पानी और अन्य तरल पदार्थों का सेवन अत्यधिक मात्रा करना चाहिए।
– बहुत जरूरी होने पर ही घर से बाहर निकलें।
– दिन के समय धूप और गर्म मौसम के बीच अधिक समय तक व्यतीत करने से बचना जरूरी।
– गर्म मौसम में हल्का या ढीला ढाला कपड़े पहनना चाहिए।
-धूप में जाते समय छाता या टोपी पहन कर ही निकला चाहिए।
– अनिवार्य रूप से कमरे का तापमान हल्का ठंडा होना चाहिए।
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