Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the newsmatic domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/imagequo/domains/shrinaradmedia.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
सरकार को बार-बार टोकना और रोकना हमारा संसदीय कर्तव्य है- पवन खेड़ा - श्रीनारद मीडिया

सरकार को बार-बार टोकना और रोकना हमारा संसदीय कर्तव्य है- पवन खेड़ा

सरकार को बार-बार टोकना और रोकना हमारा संसदीय कर्तव्य है- पवन खेड़ा

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर पलटवार करते हुए कांग्रेस ने सोमवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी ने ही 10 वर्षों तक देश की आवाज को दबाया और इसीलिए लोकसभा चुनावों में लोगों ने उन्हें दंडित किया है। कांग्रेस के मीडिया एवं पब्लिसिटी विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा कि जिस व्यक्ति ने 10 वर्षों तक देश का गला घोटा और उसकी आवाज को दबाया, वह विपक्ष द्वारा आवाज उठाए जाने पर बेहद कमजोर दिखाई दिया और आंसू बहाता दिखा।

बहुमत वाली सरकार के पीएम नहीं मोदी

खेड़ा ने एक्स पोस्ट में कहा, ‘उन्होंने कहा कि विपक्ष ने ढाई घंटे तक प्रधानमंत्री की आवाज दबाई। प्रधानमंत्री मोदी को यह याद दिलाना जरूरी है कि पिछले 10 वर्ष के उनके अन्यायपूर्ण शासन में पूरे देश का दम घुटता रहा, जिसकी सजा जनता ने उन्हें दी है।’ खेड़ा ने कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी यह भूल गए हैं कि वह बहुमत वाली सरकार के प्रधानमंत्री नहीं हैं, बल्कि दो दलों के समर्थन से चल रही राजग सरकार के एक तिहाई प्रधानमंत्री हैं।’

मोदी सरकार शब्द से बचना चाहिए

कांग्रेस नेता ने कहा कि उन्हें मोदी सरकार शब्द का इस्तेमाल करने से भी बचना चाहिए और खुद को लोकतांत्रिक साबित करना चाहिए। खेड़ा ने नीट मामले का जिक्र करते हुए कहा, ”प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को यह याद दिलाना उचित होगा कि जब वह यह भाषण दे रहे थे, तब सुप्रीम कोर्ट देश के 32 लाख छात्रों की आवाज दबाने और उनकी सरकार द्वारा उनके साथ किए गए अन्याय के विरुद्ध सुनवाई कर रहा था।”

हर घंटे 19 किसान व मजदूर लगा रहे फांसी

खेड़ा ने कहा, ”जब आप अहंकार और झूठ से भरा भाषण दे रहे थे तो आपको यह बताना जरूरी है कि देश के 15 से ज्यादा अग्निवीर देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने का सपना दिल में लिए आत्महत्या करने को मजबूर हुए।” कांग्रेस नेता ने दावा किया कि देश में हर घंटे 19 किसान और मजदूर फांसी लगाकर आत्महत्या करने को मजबूर होते हैं।

समस्याओं से जुड़े सवालों को सुनना जरूरी

खेड़ा ने कहा, ”आप सही कह रहे हैं प्रधानमंत्री जी, संसद देश के लिए है। यह किसी राजा का दरबार नहीं है। इसलिए विपक्ष को मजबूरन संसद में देश के नौजवानों, किसानों, जवानों, मजदूरों, महिलाओं, पिछड़ों, वंचितों, आदिवासियों और गरीबों की आवाज व दर्द को उठाना पड़ रहा है। देश की आवाज उठाने के लिए आपको बार-बार टोकना और रोकना हमारा संसदीय कर्तव्य है। आपको भी यह समझना चाहिए कि सब कुछ छोड़कर देश की तात्कालिक जरूरतों और समस्याओं से जुड़े सवालों को सुनना जरूरी है।”

खेड़ा ने कहा- देश की संसद चलाइए

खेड़ा ने आगे कहा, ”देश ने अब आपको अपनी बात कहने का तीसरा मौका दिया है। देश की संसद चलाइए, सेंगोल का राजदरबार मत बनाइए।”लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने कहा कि सोमवार के प्रश्नकाल में नीट का मुद्दा दूसरे विषय के रूप में सूचीबद्ध था, लेकिन मोदी उससे पहले ही उठकर चले गए।

गौरव गोगोई ने क्या कहा?

गौरव गोगोई ने संसद के बाहर कहा, ”वह क्यों गए? क्या इस मुद्दे पर जवाब देना उनकी जिम्मेदारी नहीं थी? जब हमने शिक्षा मंत्री के इस्तीफे की मांग की, तो उन्होंने (धर्मेंद्र प्रधान) अहंकार से कहा कि जब उन्हें प्रधानमंत्री मोदी ने शिक्षा मंत्री नियुक्त किया है, तो वह इस्तीफा क्यों देंगे।” लोकसभा में कांग्रेस के सचेतक मणिक्कम टैगोर ने कहा कि प्रधानमंत्री को सकारात्मक काम करके जो उपदेश देते हैं, उसे खुद भी अपनाना चाहिए। वह बाहर कुछ और कहते हैं और सदन के अंदर कुछ और करते हैं।

Leave a Reply

error: Content is protected !!