युवाओं की जिम्मेदारी है नशामुक्त समाज होना
श्रीनारद मीडिया,स्टेट डेस्क
संविधान दिवस व नशा मुक्ति दिवस पर पर शुक्रवार को मधेपुरा शहर के विभिन्न शिक्षण संस्थानों में अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किए गए। स्कूल और कालेजों में विभिन्न प्रकार के भाषण, लेखन प्रतियोगिता के बाद शपथ समारोह आयोजित किए गए, जिसमें संकल्प लिया गया कि संविधान के हर नियम का पालन किया जाएगा। स्कूलों में छात्रों को जहां पर संविधान निर्माता बाबा भीमराव आंबेडकर के बारे में जानकारी दी गई उसके साथ ही संविधान के बारे स्टूडेंट्स को अवगत कराया गया। मौके पर डीईओ ने कहा कि देश की आजादी से पहले बाबा साहब डा.भीमराव आंबेडकर ने विश्व के अलग-अलग देशों के संविधानों को पढ़ा और जो भी बेहतर लगा उसे देश की आजादी के बाद वहां से उठाकर भारतीय संविधान में शामिल किया। इस समय भारतीय संविधान में इंग्लेंड से लेकर अमेरिका और विश्व के करीब 16 देशों के संविधान का समावेश किया गया है। भारतीय संविधान को 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा की तरफ से स्वीकार किया गया था। जिसके बाद इसे लागू किया गया। संविधान तैयार करने में बाबा साहब डा. भीमराब आंबेडकर को दो साल 11 महीने 18 दिन का समय लगा था।
नशा मुक्ति दिवस के मौके पर स्टेडियम से जागरूकता रैली निकाली गई। रैली को डीएम ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। मौके पर डीएम श्याम बिहारी मीणा ने कहा कि आज नशे की वजह से न सिर्फ अपराध को बढ़ावा मिल रहा है, बल्कि बेरोजगारी बढ़ने के कई कारणों में से यह भी एक कारण शामिल है। खासतौर से युवा पीढ़ी नशे की लत में आकर न सिर्फ आज, बल्कि अपना कल भी खराब कर रहे हैं, इसलिए हमें अपनी भी जिम्मेदारी को समझना होगा, एक नशा मुक्त समाज तभी संभव है जब सरकार के साथ हम भी अपनी सहभागिता निभाएं।