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तीसरी लहर की शुरुआत घोषित करना बहुत जल्दबाजी होगी,कैसे? - श्रीनारद मीडिया

तीसरी लहर की शुरुआत घोषित करना बहुत जल्दबाजी होगी,कैसे?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

कुछ राज्यों में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं और आर फैक्टर में वृद्धि हो रही है, लेकिन इसे तीसरी लहर की शुरुआत घोषित करना बहुत जल्दबाजी होगी। विज्ञानियों का यह भी कहना है कि इससे घबराने की जरूरत नहीं, बल्कि एहतियात बरतने और टीके लगवाने की आवश्यकता है। आर फैक्टर से यह पता चलता है कि कितनी तेजी से संक्रमण फैल रहा है।

विज्ञानियों ने कहा- दूसरी लहर समाप्त नहीं हुई

कोरोना के ग्राफ पर नजर रखने वाले और कुछ हिस्सों में मामलों में वृद्धि को रेखांकित करने वाले कई विज्ञानियों का कहना है कि यह भी हो सकता है कि दूसरी लहर ही समाप्त नहीं हुई हो। हरियाणा स्थित अशोक विश्वविद्यालय में भौतिक शास्त्र और जीविज्ञान विभाग में प्रोफेसर गौतम मेनन ने कहा, उदाहरण के लिए पूर्वोत्तर राज्यों में मामले न्यूनतम स्तर पर नहीं गए जैसा कि दिल्ली और अन्य उत्तरी राज्यों में देखने को मिला। उन्होंने कहा, ‘इस प्रकार, संभव है कि हम दूसरी लहर की निरंतरता को देख रहे हैं बजाय कि नई कोविड-19 लहर की शुरुआत होने की।’

सात मई के बाद पहली बार भारत में आर फैक्टर एक को पार कर गई

चेन्नई स्थित इंस्टीट्यूट आफ मैथमेटिकल साइसेंज के अनुसंधानकर्ताओं ने नवीनतम विश्लेषण के मुताबिक सात मई के बाद पहली बार भारत में आर फैक्टर यानी ‘आर’ संख्या (एक संक्रमित द्वारा दूसरे लोगों को संक्रमित करने की संभावना संख्या में) एक को पार कर गई है।

कई राज्यों में ‘आर’ फैक्टर एक से अधिक हो गए

इंस्टीट्यूट के अनुसंधानकर्ता सीताभ्र सिन्हा ने कहा कि यह चिंताजनक स्थिति है कि आर की संख्या किसी एक क्षेत्र में मामले बढ़ने से नहीं बढ़े हैं बल्कि कई राज्यों में ‘आर’ फैक्टर एक से अधिक हो गया है।

हमें महामारी के लिए तैयार रहना चाहिए, लेकिन भयभीत नहीं; मास्क पहने और टीका लगवाएं

दिल्ली के फिजिशियन और महामारी विशेषज्ञ चंद्रकांत लहरिया ने कहा, ‘हमें महामारी के लिए तैयार रहना चाहिए लेकिन भयभीत नहीं। यह समय है कि लोग मास्क पहने और टीका लगवाएं।’

देश में फिर से कोरोना के नए मामले पिछले दिन के मुकाबले अधिक सामने आए हैं। पीआईबी के मुताबिक देश में बीते 24 घंटों के दौरान 42982 नए मामले सामने आए हैं, जबकि बुधवार को ये मामले 42625 थे। बीते 24 घंटों के दौरान जहां 533 मरीजों की मौत हुई है वहीं इस दौरान 41726 मरीजों को डिस्‍चार्ज भी किया गया है। भारत में एक्टिव मामलों की बात करें तो एक बार फिर से ये मामले 4 लाख के पार हैं। फिलहाल इनकी संख्‍या 411076 है।

देश में रिकवरी रेट करीब 97.37 फीसद हो गया है। पीआईबी से मिली जानकारी के मुताबिक साप्‍ताहिक पॉजीटिव रेट 5 फीसद से नीचे रहा है। फिलहाल ये 2.37 फीसद है। वहीं रोजाना सामने आने वाले मामलों का पॉजीटिव रेट करीब 2.58 फीसद है जो लगातार 10 दिनों से 3 फीसद से नीचे दर्ज किया जा रहा है। देश में कोरोना टेस्टिंग की बात करें ये 47.48 करोड़ है। वैक्‍सीन के मामले में अब तक 48.93 करोड़ वैक्‍सीन की खुराक अब तक दी जा चुकी हैं। देश में ठीक होने वाले मरीजों की संख्‍या अब 30974748 हो चुकी है।

आपको बता दें कि देश में सामने आ रहे कोरोना मामलों का ट्रेंड काफी उतार-चढ़ाव वाला दिखाई दे रहा है। बीते आठ दिनों में सर्वाधिक मामले (43,654 मामले) 28 जुलाई को सामने आए थे। इसके बाद 29 जुलाई को 29 जुलाई को 43,509 मामले, 30 जुलाई को 44,230 मामले, 31 जुलाई को 41,649 मामले, 1 अगस्‍त को 41,831 मामले, 2 अगस्‍त को 40134 मामले और 3 अगस्‍त को 30,549 मामले सामने आए थे।

केरल में पिछले दिन के मुकाबले एक्टिव मामलों में 2828 का उछाल आया है। ऐसे ही मिजोरम में करीब 402 और हिमाचल प्रदेश में 94 मामले और नगालैंड में 60 मामले अधिक आए हैं। हालांकि महाराष्‍ट्र में एक्टिव मामलों में कल भी गिरावट दर्ज की गई थी और आज भी इसमें 1505 मामलों की गिरावट आई है, जो एक अच्‍छा संकेत है।

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