फर्जी निवास प्रमाण पत्र पर नौकरी करना शिक्षक को पड़ा महंगा.
जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना)ने स्पष्टीकरण मांगते हुए तत्काल वेतन पर रोक लगा दी.
श्रीनारद मीडिया मनोज तिवारी,छपरा,सारण
फर्जी निवास प्रमाण पत्र के आधार पर 6 वर्षों से नौकरी कर बिहार सरकार को लगा रहे थे चुना। जब जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना को पता चला तो उन्होंने कार्यरत शिक्षक से स्पष्टीकरण पूछते हुए वेतन पर रोक लगा दी। मामला मानसर उच्च विद्यालय इंटर कॉलेज कुमना जलालपुर सारण का है महंत मेथी भगत उच्च माध्यमिक विद्यालय मानसर कुमना में पदस्थापित नरेंद्र प्रताप सिंह जो मूलत उत्तर प्रदेश के निवासी हैं ऐसा आरोप स्थानीय निवासी श्री राम यादव ने लगाई है।
आरोपी द्वारा नरेंद्र प्रताप सिंह जो मूलत उत्तर प्रदेश के निवासी हैं उसके साक्ष्य के रूप में वहां के वोटर लिस्ट निवास स्थान उत्तर प्रदेश का अंकित है साथ ही बहुत सारा साक्ष्य के साथ डीडीसी एवं जिला पदाधिकारी को भी पत्र लिखा गया है।स्थानीय लोगों के द्वारा आरोप लगाया गया कि नरेंद्र प्रताप सिंह जिनकी योग्यता केजी से पीजी तक उत्तर प्रदेश की है वह फर्जी बिहार का निवास प्रमाण पत्र बनाकर 6 वर्षों से बिहार सरकार का चूना लगा रहे हैं । शिक्षा माफियाओं के मिलीभगत से वह अभी तक अपने पद पर बने हुए हैं ।
जबकि यह मामला डीपीओ स्थापना कार्यालय को गया तो डीपीओ स्थापना के द्वारा पत्रांक1938 दिनांक 3 जून 2021 के द्वारा नरेंद्र प्रताप सिंह से स्पष्टीकरण पूछते हुए तत्काल वेतन स्थगित का आदेश निर्गत किया गया और सारे प्रमाण पत्रों को तीन दिन के अन्दर अविलंब अपने सभी निवास प्रमाण पत्र सहित शैक्षिक प्रमाण पत्र डीपीओ स्थापना कार्यालय में जमा करें।
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