देश के 14वें उप राष्ट्रपति बने जगदीप धनखड़
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिलाई शपथ
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को जगदीप धनखड़ को 14वें उप राष्ट्रपति के रूप में शपथ दिलाई। राष्ट्रपति भवन में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह समेत कई नेता मौजूद रहे।
6 अगस्त को हुए उप राष्ट्रपति के चुनाव में धनखड़ ने विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को हराया था। धनखड़ को कुल 725 में से 528 वोट मिले थे, जबकि अल्वा को 182 वोट मिले।
राज्यसभा के पदेन सभापति होते हैं उप राष्ट्रपति
भारत के उप राष्ट्रपति उच्च सदन राज्यसभा के पदेन सभापति भी होते हैं। यानी राज्यसभा की कार्यवाही चलाने का जिम्मा भी उन्हीं पर होती है। धनखड़ का कार्यकाल 10 अगस्त 2027 तक का होगा।
राजस्थान के झुंझुनू के रहने वाले हैं धनखड़
18 मई 1951 को झुंझुनू जिले में साधारण किसान परिवार में पैदा हुए जगदीप धनखड़ की शुरुआती शिक्षा गांव में हुई। फिर उनका एडमिशन सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ में करवाया गया। धनखड़ का NDA (नेशनल डिफेंस एकेडमी) में सिलेक्शन हो गया था, लेकिन वो गए नहीं। उन्होंने राजस्थान यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया। इसके बाद LLB की पढ़ाई की। जयुपर में ही रहकर वकालत शुरू की थी।
बंगाल के राज्यपाल रह चुके हैं उप राष्ट्रपति
70 साल के जगदीप धनखड़ को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 30 जुलाई 2019 को बंगाल का 28वां राज्यपाल नियुक्त किया था। वे 1989 से 1991 तक राजस्थान के झुंझुनू से लोकसभा सांसद रहे। 1989 से 1991 तक वीपी सिंह और चंद्रशेखर की सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रहे।
जगदीप धनखड़ का राजनीतिक सफर
जगदीप धनखड़ का बचपन और पढ़ाई
12वीं के बाद उन्होंने भौतिकी में स्नातक किया। इसके बाद राजस्थान विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई पूरी की। 12वीं के बाद धनखड़ का चयन आईआईटी और फिर एनडीए के लिए भी हुआ था, लेकिन नहीं गए। स्नातक के बाद उन्होंने देश की सबसे बड़ी सिविल सर्विसेज परीक्षा भी पास कर ली थी। हालांकि, आईएएस बनने की बजाय उन्होंने वकालत का पेशा चुना। उन्होंने अपनी वकालत की शुरुआत भी राजस्थान हाईकोर्ट से की थी। वे राजस्थान बार काउसिंल के चेयरमैन भी रहे थे।