एक गौरवशाली इतिहास की तरफ संकेत कर रहा जगदीशपुर का जर्जर मंदिर!
मंदिर को सजाया संवारा जाय तो अस्तित्व में आ सकता है सिसवन प्रखंड में एक शानदार पर्यटन स्थल
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
सीवान जिला के सिसवन प्रखंड के भीखपुर पंचायत भवन के सम्मुख दाहा नदी के किनारे जगदीशपुर गांव का राम जानकी मंदिर एक बड़े इतिहास की तरफ संकेत कर रहा है। हालांकि यह मंदिर जर्जर स्थिति में हैं। लेकिन यहां की वास्तु रचना और दाहा नदी के किनारे इसकी अवस्थिति, इसके एक शानदार पर्यटन स्थल की संभावनाओं की तरफ इशारा कर रही है ।
इतिहासकार और शोधार्थी कृष्ण कुमार सिंह ने बताया कि मंदिर की ईंटें और दीवार पर उत्कीर्ण लिपि और चित्र इस मंदिर के गौरवपूर्ण इतिहास की कहानी कह रहे हैं। दाहा नदी के किनारे स्थित मंदिर से सटे घाट पर जो चित्र उत्कीर्ण हैं। शिवलिंग आदि मौजूद हैं, वे इस स्थल के धार्मिक वैभव की तरफ संकेत अवश्य कर रहे हैं।
युवा चित्रकार रजनीश मौर्य को स्थानीय लोगों ने बताया कि यह जर्जर हो चुका मंदिर किसी समय चैनपुर स्टेट का था। हालांकि वर्तमान में वहां देवताओं की मूर्तियां गायब है। मंदिर से नदी तक जाने का एक बहुत सुंदर घाट बना हुआ है।
शिक्षाविद् गणेश दत्त पाठक ने कहा कि मंदिर का वास्तुशास्त्र इसके बेहद प्राचीन होने का प्रमाण दे रहा है।यहां का वास्तु शास्त्र और ईंट आदि की उपलब्धता बेहद ऐतिहासिक है। इस मंदिर को संवारा सजाया जाए तो यह एक शानदार धार्मिक पर्यटन स्थल बन सकता है, जहां प्रतिवर्ष भारी संख्या में पर्यटक आ सकते हैं। सिसवन प्रखंड में एक शानदार पर्यटन स्थल अस्तित्व में आ सकता है।
राष्ट्र सृजन अभियान के महासचिव ललितेश्वर कुमार ने कहा कि स्थानीय जनप्रतिनिधियों, प्रशासनिक अधिकारियों , सामाजिक , धार्मिक संगठनों को पहल कर के जगदीशपुर के इस ऐतिहासिक मंदिर परिसर के जीर्णोधार के लिए समन्वित पहल करना चाहिए। एक बार इस स्थल का विकास हो जाए तो क्षेत्र में भारी संख्या में पर्यटकों के आने से समृद्धि की बयार बहेगी ही। साथ ही एक शानदार धार्मिक स्थल का गौरव पुनः स्थापित हो जायेगा।
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