Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the newsmatic domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/imagequo/domains/shrinaradmedia.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
साइबर ठगी के बाद अलर्ट हुआ जेल प्रशासन:पूर्णिया जेल गेट पर सूचना संदेश चिपकाया, साइबर ठगों पर FIR भी दर्ज - श्रीनारद मीडिया

साइबर ठगी के बाद अलर्ट हुआ जेल प्रशासन:पूर्णिया जेल गेट पर सूचना संदेश चिपकाया, साइबर ठगों पर FIR भी दर्ज

साइबर ठगी के बाद अलर्ट हुआ जेल प्रशासन:पूर्णिया जेल गेट पर सूचना संदेश चिपकाया, साइबर ठगों पर FIR भी दर्ज

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया, स्‍टेट डेस्‍क:

साइबर ठगों ने पूर्णिया सेंट्रल जेल में बंद कैदियों के रिश्तेदारों को निशाने पर लिया है। इसके बाद कारा अधीक्षक की ओर से सेंट्रल जेल के बाहर जगह -जगह सूचना संदेश चिपकाए गए हैं। बंदियों के रिश्तेदारों से साइबर ठगों ने ऑनलाइन डेटा चुराकर रुपए की ठगी का प्रयास किया है। वहीं इस मामले में पूर्णिया के सदर थाना के लालबाग सिटी के रहने वाले मदन कुमार सहनी ने के. हाट थाना में अपनी शिकायत दर्ज कराई है। ऐसी ही ठगी का प्रयास कैदी रमेश महतो के रिश्तेदारों से किया गया।

अब इस मामले में पूर्णिया सेंट्रल जेल के सुप्रीटेंडेंट राजीव कुमार झा ने पत्र के जरिए साइबर थानाध्यक्ष से कर्रवाई की मांग की है। पत्र में उन दो रिश्तेदारों का उल्लेख किया गया है, जिन्हें साइबर ठगों के कॉल आए। जो दो नाम सामने आ रहे हैं उनमें पहले पूर्णिया के सदर थाना के लालबाग सिटी के रहने वाले मदन कुमार सहनी हैं। जिन्हें 11 जून को ठीक 8: 57 पूर्वाह्न कॉल आया कि उनके पिता 60 वर्षीय श्यामानंद सहनी जो इस वक्त जेल में बंद हैं उनका फिसलकर गिर जाने से सिर फट गया है।

अधिक खून निकल जाने से उन्हें ब्लड की जरूरत पड़ेगी। इसमें 9 हजार का खर्च आएगा। साइबर ठगों की ओर से जिस गूगल पे नंबर पर रुपए मंगाए गए वह कृष्णा परिहार के नाम से एक्टिव है। इससे पहले 10 जून को पूर्णिया के मीरगंज थानाक्षेत्र के दमेलीघाट के रहने वाले बंदी रमेश(32) महतो के परिजन को सुबह 11:30 के करीब कॉल आया। बताया कि तबीयत खराब होने का हवाला देते हुए खून की कमी की बात बताई गई। इसके बाद पेटीएम नंबर पर रुपए भेजने को कहा गया।

ठगों से अलर्ट रहने की सलाह
सेंट्रल जेल पूर्णिया के बाहर लगाए गए सूचना पत्र में बंदी के परिजनों को साइबर ठगों से अलर्ट रहने की बात कही गई है। सूचना पत्र में कारा अधीक्षक की ओर से कहा गया है कि अगर किसी भी मोबाइल नंबर या किसी दूसरे माध्यम से बंदी के बीमार या घायल होने की सूचना देकर जांच और इलाज के नाम पर रुपयों की मांग की जाती है। ऐसे कॉल से सावधान रहें। यह कॉल आपको साइबर ठगों की ओर से की जा रही है।

इसकी शिकायत तुरंत नजदीकी थाने में जाकर कराएं। इसके साथ ही जेल से संपर्क कर अपने परिजनों के स्वास्थ्य की जानकारी लें। बंदी के परिजनों के आवेदन का हवाला देते हुए कहा गया है कि 9412617663 नंबर से जेल में बंद कैदियों के रिश्तेदारों को कॉल कर संबंधी की तबीयत खराब होने की बात कहकर रुपए की डिमांड की जा रही है। इस नंबर पर 9 हजार रुपए का भुगतान भी कराया गया है।

कैदी की तबीयत खराब होने की कही बात
इस बाबत जेल में बंद भवानीपुर के एक बंदी से मिलने पहुंचे परिजन ने बताया कि उनके मोबाइल पर रविवार को कॉल आया। बंदी का नाम और दूसरी जानकारी दी गई, जो एकदम सही निकली। कॉल कर कहा गया कि उनके बंदी मर्डर केस में अभियुक्त हैं। उनकी तबीयत काफी खराब है। उन्हें ब्लड की जरूरत है। एक नंबर भेजा गया। इसपर उनसे रुपए मंगवाए गए। हालांकि उनके अकाउंट में रूपए नहीं थे। इसलिए आज कैश लेकर मिलने पहुंचे। मगर यहां जानकारी मिली की उनके बंदी पूरी तरह स्वस्थ हैं। उन्हे साइबर ठगों ने कॉल किया था। वे ठगी का शिकार होते रह गए।

इस बाबत केंद्रीय कारा पूर्णिया के कारा अधीक्षक राजीव कुमार झा ने एफआईआर की कॉपी साझा करते हुए बताया कि शनिवार की रात को उन्हे एक नंबर से फोन आया। इनमें एक बंदी के परिजन ने कहा कि उन्हे केंद्रीय कारा से कॉल आया। फोन पर उनके बंदी की तबीयत बहुत खराब होने का हवाला देते हुए ब्लड की जरूरत की बात कही गई है। इसके लिए उनसे पैसा मांगा जा रहा है। मैंने पता किया और सूचित किया कि ऐसी कोई बात नहीं। अगले दिन रविवार को कई लोगों ने कहा कि उनके बंदी को ब्लड की जरूरत की बात कहकर पैसे की डिमांड की गई है। उन्हें अपने बंदियों से मिलने दिया जाए। जिसके बाद जेल प्रबंधन की ओर से पूरा माझरा बताया गया।

फिलहाल इनमे से बंदी ने लिखित रूप में आवेदन दिया है कि किस नंबर से फोन आया। किस नंबर पर पैसा मंगाए गए। इस आवेदन को आवश्यक कार्यवाही और अनुसंधान के लिए भेज दिया गया है।ये सीधे तौर पर साइबर अपराध का मामला है। जेल में बंद किसी भी कैदी की देखभाल की संपूर्ण जिम्मेदारी सरकार की होती है। सरकार के स्तर पर उसका इलाज कराया जाता है। इलाज के लिए कोई रुपए नहीं लिए जाते। इस तरह के साइबर अपराध पहले भी नवादा, आरा और कटिहार जेल में हो चुके हैं। वहां बंदी के परिजनों से साइबर फ्रॉड हुआ था।

यह भी पढ़े

लूट व अपहरण कांड का वांछित कुख्यात अंतरराज्यीय लुटेरा गिरफ्तार

बिहार: ‘कांड तुम करना हम लूट का 20 परसेंट लेंगे!’ बैंक कर्मी ही निकला लुटेरों का साथी

बिपरजॉय चक्रवाती तूफान को लेकर PM Modi ने की समीक्षा बैठक

CSD कैंटीन से खरीददारी और कोटा लेने वालों के लिए अच्छी खबर, पूर्व सैनिकों, आश्रितों के लिए नये नियम फायदेमंद

बिना वीजा के होटल में ठहरा था विदेशी, होटल मैनेजर को जाना पड़ा जेल

बिहार में बकरी चोर बा! गांव-गांव घूमकर चोरों ने स्कॉर्पियो से चुराई बकरियां, लेकि‍न कर बैठे ये बड़ी गलती

 

Leave a Reply

error: Content is protected !!