BPSC Result में जामिया का जलवा, 16 छात्र बने बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारी.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
बिहार प्रशासनिक सेवा के 64वीं संयुक्त परीक्षा का परिणाम जारी हो गया है. राज्य में 1454 पदों के लिए प्रशासनिक सेवा के लिए नियुक्ति की गई है. बताया जा रहा है कि टॉप टेन के सभी छात्र इंजीनियरिंग सर्विसेज पास कर चुके हैं. वहीं अब खबर आ रही है कि जामिया मिल्लिया इस्लामिया के 16 छात्रों ने बीपीएससी की परीक्षा पास की है.
न्यूज़ 18 की रिपोर्ट के अनुसार जामिया मिल्लिया इस्लामिया के 16 छात्रों का प्रशासनिक सेवा में चयन हुआ है. ये सभी छात्र रेसिडेंशियल कोचिंग एकेडमी (RCA) से पढ़ाई कर रहे थे. RCA जामिया के भीतर सिविल सर्विस की तैयारी कराने वाले छात्रों को ट्यूशन देने का काम करती है.
छात्रों के सेलेक्शन पर जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो नजमा अख्तर ने कहा कि कोरोना काल में जिस तरह से आरसीए ने काम किया है, उससे यूनिवर्सिटी का नाम रौशन हुआ है. उन्होंने आगे कहा कि चयनित छात्रों को बधाई दे रही हूं और उनके उज्जवल भविष्य की कामना कर रही हूं.
बताते चलें कि 2019 में आयोजित इस परीक्षा में तीन लाख के करीब छात्र शामिल हुए थे.वहीं जुलाई 2019 में मेंस परीक्षा ली गई थी. मेंस में शामिल 3799 उम्मीदवार सफल हुए थे और उन्हें आयोग ने इंटरव्यू के लिए बुलाया था. इनमें 1454 उम्मीदवारों का फाइनल चयन हुआ.
टॉप टेन में सभी इंजीनियर- इस बार बीपीएससी में टॉप टेन चयनित छात्र इंजीनियरिंग पास है.
1- ओम प्रकाश गुप्ता
2- विद्यासागर
3- अनुराग आनंद
4- विशाल
5- शशांक बरनवाल
6- आलोक कुमार
7- निखिल कुमार
8- आर्या राज
9- सत्यम कुमार
10- विनोद प्रसाद
दरभंगा में लक्ष्मीसागर निवासी विजय कुमार झा के छोटे पुत्र अनुराग आनंद ने पहले की प्रयास में बीपीएससी में तीसरा स्थान बनाकर परिवार का मान बढ़ाया है. बिहार पब्लिग सर्विस कमीशन (बीपीएससी) में प्राप्त सफलता के बाद पुरे परिवार में जश्न का माहौल है. साथ ही सुभचिंतकों की ओर से लगातार बधाई मिल रही है.
यह सिलसिला देर शाम तक चलता रहा. रविवार की शाम रिजल्ट देखकर परिवार में मां इन्दु झा के आंखों से खुशी के आंसु छलक पड़े. लहेरियासराय स्थित एसबीआई सीएसइ में ब्रांच मैनेजर के रूप में कार्यरत पिता का चेहरा खिल उठा. बता दें कि अनुराग बीपीएससी प्रतियोगिता में सफलता के लिये किसी कोचिंग का सहारा नहीं लिया. रोजाना अनवरत रूप से आठ से दस घंटा की पढ़ाई ने अनुराग को यह मुकाम दिलाई.
अनुराग दरभंगा में डीएवी विद्यालय से 10वीं उत्तीर्ण की. उसके बाद आगे की पढ़ाई के लिये रांची चले गये. वहां रांची विद्या मंदिर से 10 प्लस टू पास किया. उसके बाद आगे की पढ़ाई के लिये दिल्ली चले गये. 2016 में आइआईटी से बीटेक किया. उसके बाद आइसीआइसीआई बैंक से नौकरी का ऑफर आया. लेकिन उनका सपना यूपीएससी में सफलता प्राप्त करना था. लिहाजा तैयारी को लेकर उन्होंने अपने आपको झोंक दिया.
इस बीच दो बार यूपीएससी मेन का दो बार इक्जाम दिया, लेकिन असफलता मिली. बावजूद वह नहीं डिगे. अपने लक्ष्य को साधते हुये बीपीएससी की परीक्षा दी. और पहले ही प्रयास मे पुरे बिहार में तीसरा रैंक प्राप्त किया. अनुराग ने बताया कि यूपीएससी में असफल होने के बाद शुरूआत में थोड़ा सा मानसिक दवाब आया. लेकिन उसको दरकिनार करते हुये फिर से पढ़ाई में मन लगाया. इसमें पुरे परिवार के सदस्य व दोस्तों ने पुरा साथ दिया. कहा कि सच्ची लगन व अपनों के साथ ने आगे बढ़ने में सहयोग किया.
उसी का नतीजा है कि वह आज बीपीएससी में अच्छा रैंक प्राप्त कर सके. कहा कि उन्होंने किसी प्रकार की कोचिंग नहीं ली, मोबाइल पर यूटयूब व टेलिग्राम सोशल साइट पर जाकर पढ़ाई के लिये मैटेरियल प्राप्त किया. बताया कि कोई भी स्टूडेंट किसी भी मुकाम पर पहुंच सकता है. इसके लिये दिल्ली या अन्य महानगरों में जाने की आवश्यक्ता नहीं है.
घर बैठे सोशल साइट यूटयूब व टेलीग्राम से स्टडी मेटेरियल लेकर लागातार व लगन से की गयी पढ़ाई से जरूर सफलता मिलेगी. इसके लिये किसी प्रकार की मोटी रकम की जरूरत नहीं है. बता दें कि अनुराग के परिवार में मां, पिता व बड़ा भाई है. मां गृहणी हैं. पिता बैँक में हैं. बड़ा भाई अभिशेख आनंद न्यू इंडिया इंसोरेंस कंपनी में अधिकारी हैं.
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