जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है, दुनिया कर रही स्वीकार: विदेश मंत्रालय

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

दुनिया में यह समझ बनने लगी है कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और इससे जुड़ा कोई भी मामला भारत का आंतरिक मामला है। यह बात विदेश मंत्रालय ने हाल ही में जारी अपनी सालाना रिपोर्ट में कही है।

भारत के खिलाफ दुष्प्रचार में जुटा पाकिस्तान

वर्ष 2022-23 की इस सालाना रिपोर्ट में पाकिस्तान, चीन, अमेरिका, रूस समेत दुनिया के दूसरे देशों के साथ भारत के रिश्तों और इस वर्ष के दौरान घटित हो रहे वैश्विक घटनाक्रम व इससे भारत के हितों पर पड़ने वाले प्रभावों की समीक्षा रिपोर्ट में पाकिस्तान-भारत के रिश्तों पर काफी प्रकाश डाला गया गया है। भारत ने यह दोहराया है कि वह अपने पड़ोसी देश के साथ शांति व सद्भाव का रिश्ता रखना चाहता है, लेकिन यह भी कहा है कि घरेलू और राजनीतिक असफलता से जनता का ध्यान भटकाने के लिए भारत के खिलाफ आक्रामक व काल्पनिक दुष्प्रचार चलाता है।

जम्मू-कश्मीर के बारे में भारतीय विदेश मंत्रालय की यह टिप्पणी इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि हाल ही में पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने कहा है कि उनका देश वैश्विक जगत को कश्मीर के मुद्दे पर अपनी बात मनवाने में असफल रहा है। पहली बार पाकिस्तान के विदेश मंत्री की तरफ से ऐसी बात कही गई है।

हर मंच पर पाकिस्तान अलापता है कश्मीर का राग

भारत हमेशा से कश्मीर को लेकर पाकिस्तान की तरफ से की गई किसी भी टिप्पणी को अपने अंदरूनी मामलों मे हस्तक्षेप के तौर पर लेता है। इसके बावजूद पाकिस्तान की तरफ से तकरीबन हर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कश्मीर का राग अलापा जाता रहा है।

आतंकवाद के खिलाफ ठोस और निर्णायक कार्रवाई करे पाकिस्तान

पाकिस्तान के बारे में इस रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि भारत ने हमेशा से अपने पड़ोसी देश को कहा है कि वह आतंकवाद के खिलाफ ठोस व निर्णायक कार्रवाई करे। आतंकवादी गतिविधियों को पाकिस्तान की तरफ से दी जाने वाली मदद का मुद्दा भी भारत हर अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाता रहा है।

2004 के समझौते का पालन करेगा पाकिस्तान?

भारत ने उम्मीद जताई है कि पाकिस्तान वर्ष 2004 में किये गये समझौते का पालन करेगा कि वह अपनी जमीन का इस्तेमाल भारत विरोधी गतिविधियों के लिए नहीं करने देगा। पाकिस्तान की तरफ से भारत से सटे नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर गैर कानूनी तरीके से मादक द्रव्यों को भेजने व आतंकियों की घुसपैठ कराने का काम अभी भी हो रहा है। मुंबई पर हुए आतंकी हमले के साजिशकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई करने में भी पाकिस्तान की तरफ से गंभीरता नहीं दिखाई गई है।

 

 

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