जन सुराज करेगा बिहार का सर्वांगीण विकास : धनंजय मिश्र
✍️ धनंजय मिश्र
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
आजादी के दौर से ही बदहाली की मार से सिसकते व पिछड़ेपन से अभिशप्त ‘बिहार का सर्वांगीण विकास’ आगामी विधानसभा चुनाव के पश्चात सत्तासीन ‘जन सुराज’ करेगा ! क्योंकि, बिहार के उक्त संकल्पित चतुर्दिक विकास के निमित-निहितार्थ ही ‘जन सुराज’ के प्रणेता एवं बिहार के नव-चाणक्य प्रशांत किशोर जी अपनी सुस्वभावगत शुचितापूर्ण राजनीति प्रारंभ किए हैं ! आज विशेष राजनीतिक वार्तालाप के दौरान अपने उक्त उदगार व्यक्त करते हुए ‘जन सुराज’ विचार मंच,सीवान के जिलाध्यक्ष व चर्चित वरिष्ठ पत्रकार धनंजय मिश्र , बिहार के ‘राजनीतिक संदर्भ’ में अपनी विशिष्ठ शैली में बेबाकी पूर्ण बातें व्यक्त किएं , जो प्रसंगश: बातें यहाँ प्रस्तुत हैं-
‘जन सुराज’ बनाएगा,बिहार को श्रेष्ठ प्रगतिशील, सर्वांगीण विकासोन्मुखी,सुशांत,यथार्थपूर्ण सुशासन और हर्षित सर्व बिहारियों का भागीदार खुशहाल प्रदेश ! वस्तुत: ‘जन सुराज’ विचार मंच का अब है, संकल्पित ‘सु-मनोभावपूर्ण’ ‘सु-वैचारिक’ प्रतिबद्धता कि ‘जन सुराज’ विचार मंच के आहुत हर जन-सभा व महती सभा में हम-जन सिर्फ ‘जन सुराज’ की संकल्पित समग्र श्रेयस्कर बातों को ही बताएंगे !
मसलन, दूसरे के संदर्भ में अपना दिल-दिमाग क्यों खपाएंगे ? अन्य दलों की कौन-सी नयी करतूत है बतानी-सुनानी! सर्वविदित और जगजाहिर है, उनकी सर्व पूर्वकालिक और वर्तमान समग्र पूर्ण कहानी..! उसको बारम्बार क्यों है,हम सबको बतानी ? सर्व आमजन भी अपनी दुर्दशा की सदैव याद रखें, अपने अनेकश:
पीड़ा की समग्र कहानी..! उन दलों व राजनेताओं के कोरे विकासात्मक आश्वासनों की बयार और बेरोजगारी एवं गरीबी मिटाने की उनकी मिथ्यापूर्ण स्वप्नवादी महज नारेबाजी की बातों को अब क्या बार-बार बताना ? क्योंकि, जनता सब जानती है ! उनकी क्षुद्र,ओछीपूर्ण राजनीति-कूटनीति की
विनाशकपूर्ण समस्त कहानी!..और उनके ‘वंशवाद’ एवं ‘विरासतवाद’ की राजनीतिक -कूटनीतिक पटाक्षेप की समग्र पूरी कहानी.! अब क्यों है,
अन्य दलों की दलदलपूर्ण एवं बदहाल दुर्दशा की कोई कहानी सुनानी.! अब यह बात कतई नहीं सुनाएंगे..! क्योंकि, जो सच और सार्थक नहीं है, उसकी चर्चा-बहुचर्चा करके जनता-जनार्दन और स्वयं क्या हासिल कर पाएंगे ? केवल अपना कपार खपाएंगे !..और नाहक में अन्य दलों का प्रचार-प्रसार करते जाएंगे..! वस्तुत: हम सब सिर्फ अपनी ही सद्सोच और ‘जन सुराज’ की शुचितापूर्ण-सार्थक, स्वच्छ और सुशासन के राजनय की विशेष बातों को सुप्रभावी ढ़ंग से बताएंगे..!
क्योंकि,अपनी दयनीयता से जूझता संर्घषशील बिहार का हर आमजन और विशेषकर आम युवा पीढ़ी बेहद है परेशान ! उसे अब सब प्रतीत हो गया है कि समुचित व ईमानदारीपूर्ण शिक्षा , नौकरी,रोजगार पाने के नाम पर पुलिस बर्बरता की कितनी और किस कदर लाठियां और अन्य अनेक सितम झेलनी है ! जिसमें नवयुवकों को अपनी प्राण गंवानी भी विस्मय की कोई गंभीर बात नहीं मानी जानी है!
कथित निरंकुश होती जा रही शासन-प्रशासन की यह आदतपूर्ण बानगी की दास्तां भी अब हरदम क्यों है बतानी..? जब जगजाहिर हो गई है,उनकी यह सर्व हिंसक राजनीतिक कहानी..! हमें तो अब विकासशील, प्रगतिशील और सर्वांगीण विकास की दीर्घकालिक- बहुचर्चित प्रासंगिक ‘बानगी’ बिहार को बनाने के लिए ‘जन सुराज’ के परम महानायक, नव-चाणक्य प्रशांत जी की जन-कल्याणकारी बातों के अतिरिक्त उनकी शुचितापूर्ण राजनीतिक संकल्पित समग्र बातों को बेहतर और सुप्रभावी ढ़ंग से जन-जन को बतानी-सुनानी है..!
क्योंकि, स्वतंत्रता के साढ़े सात दशक बाद भी पिछड़ेपन की मार से सिसकते ‘अभिशप्त-बिहार’ को अब सौभाग्यशाली-समृद्धशाली बनाने हेतु ‘जन सुराज’ ढृढ़-संकल्पित है ! अब तो आने वाला बिहार का सुभविष्य केवल जय-जय और जन-मन का सुन्दर ‘नव बिहार’ होगा! आज नहीं तो कल, बिहारियों के दिवास्वप्न का बिल्कुल खुशहाल समृद्धशाली नव बिहार होगा!
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