Jeeva Murder,संजीव जीवा डॉन मुख्तार अंसारी का करीबी था,कैसे?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
पश्चिमी यूपी के कुख्यात अपराधी संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की बुधवार को लखनऊ सिविल कोर्ट के परिसर में गोली मारकर हत्या कर दी गई। संजीव जीवा ‘डॉन’ मुख्तार अंसारी का करीबी था। इससे पहले मुख्तार के एक और बेहद करीबी कुख्यात गैंगस्टर ‘मुन्ना बजरंगी’ को भी मौत के घाट उतार दिया गया था। मुन्ना की हत्या 9 जुलाई 2018 को बागपत जेल में की गई थी।
कौन था मुन्ना बजरंगी?
प्रेम प्रकाश सिंह उर्फ मुन्ना बजरंगी उत्तर प्रदेश के कुख्यात गैंगस्टर्स में से एक था। मुन्ना का जन्म का 1967 में यूपी के जौनपुर जिले के पूरेदयाल गांव में हुआ था। पिता खेती-किसानी करते थे। मुन्ना ने सिर्फ कक्षा पांच तक ही पढ़ाई की। पढ़ाई छूटने के बाद मुन्ना ने शुरुआत में कई दिनों तक कालीन बुनने का काम किया।
बचपन से गैंगस्टर बनना चाहता था मुन्ना
बताते हैं कि मुन्ना को बचपन से ही हथियार रखने का शौक था। वह गैंगस्टर की तरह बनना चाहता था। उम्र बढ़ती गई और मुन्ना जरायम की दुनिया की ओर बढ़ता गया। वह महज 17 साल का था, जब जौनपुर के सुरेही थाना में उसके खिलाफ पहली बार हत्या और डकैती का मामला दर्ज हुआ। इसके बाद मुन्ना के अपराधों की संख्या बढ़ने लगी।
तेजी से बढ़ता गया क्राइम ग्राफ
1993 में जौनपुर के लाइन बाजार थाना इलाके में भाजपा नेता रामचन्द्र सिंह और उनके सरकारी गनर अब्दुल्लाह समेत तीन लोगों की हत्या कर दी गई। इस मामले में मुन्ना का नाम सामने आया। मुन्ना वाराणसी चला गया और वहां कई अपराध किए। साल 1995 में मुन्ना ने कैंट क्षेत्र में एक छात्र नेता को मौत के घाट उतार दिया। 1996 में मुन्ना का नाम उस वक्त सुर्खियों में आया, जब उसने जमालपुर के पास एके-47 से ब्लॉक प्रमुख कैलाश दुबे, पंचायत सदस्य राजकुमार सिंह समेत तीन लोगों की हत्या कर दी। मुन्ना ने दिल्ली तक अपना आतंक फैला दिया था।
मुख्तार गैंग में शामिल हुआ मुन्ना बजरंगी
मुन्ना ने पूर्वांचल में अपना खौफ पैदा करने के लिए वाराणसी के चेतगंज में सर्राफा व्यापारी की दिन दहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी। इसके बाद बाहुबली और नेता मुख्तार अंसारी के गैंग में एंट्री कर ली। मुख्तार अंसारी का पूरे पूर्वांचल पर दबदबा था। मुन्ना के आने के बाद मुख्तार गैंग और मजबूत हो गया। मुख्तार के इशारों पर मुन्ना पूर्वांचल में सरकारी ठेकों पर दबदबा बनाने लगा।
भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या
माफिया मुख्तार अंसारी के कहने पर ही मुन्ना ने 29 नवंबर 2005 को भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की दिनदहाड़े हत्या कर दी। इस हत्याकांड ने सूबे के सियासत में हलचल मचा दी। मुन्ना बजरंगी के नाम से लोग खौफ खाने लगे।
संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा ने वर्ष 1995 से संगीन घटनाओं को अंजाम दिया। संजीव जीवा अंतर राज्य गैंग का लीडर था। उसके खिलाफ हत्या, रंगदारी, लूट, डकैती, अपहरण, गैंगस्टर जैसी संगीन धाराओं में दो दर्जन मुकदमे दर्ज हैं। कोलकाता के एक व्यापारी के बेटे का अपहरण कर दो करोड़ की फिरौती मांगने से लेकर पूर्वांचल के विधायक ब्रह्मदत्त द्विवेदी और कृष्णानंद राय हत्याकांड में भी उसका नाम आया था। संजीव जीवा लखनऊ जेल में बंद था।