झारखण्ड के CM सोरेन की सदस्यता रद्द, निर्वाचन आयोग जारी करेगा अधिसूचना
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के ऑफिस ऑफ प्रॉफिट (Office of Profit) मामले में निर्वाचन आयोग के बाद राज्यपाल ने भी अपना फैसला सुना दिया है. बरहेट विधानसभा सीट से झामुमो के विधायक हेमंत सोरेन (Hemant Soren JMM) की विधानसभा की सदस्यता रद्द कर दी गयी है. राज्यपाल शनिवार (27 अगस्त 2022) को इसकी जानकारी निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) को देंगे. इसके बाद चुनाव आयोग इसकी अधिसूचना जारी करेगा.
दो दिन से चल रही थी राजनीतिक गहमागहमी
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर पद का गलत इस्तेमाल कर अपने नाम से खनन लीज लेने का आरोप था. इससे पहले दो दिन तक झारखंड की राजनीति में लगातार गहमागहमी बनी रही. गुरुवार को ही चर्चा थी कि हेमंत सोरेन की सदस्यता पर निर्वाचन आयोग की रिपोर्ट राजभवन पहुंच गयी है. हालांकि, राज्यपाल रमेश बैस से रांची स्थित बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर जब इस संबंध में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं है.
राजभवन ने आज जारी किया अपना फैसला
इसके बाद उम्मीद की जा रही थी कि राजभवन पहुंचकर राज्यपाल निर्वाचन आयोग के फैसले के बारे में कोई जानकारी देंगे. लेकिन, देर शाम तक राजभवन से इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी गयी. बताया गया कि राज्यपाल इस मामले में कानूनी सलाह ले रहे हैं. आखिरकार शुक्रवार को शाम में राज्यपाल ने अपना फैसला सुना दिया.
सीएम आवास पर हुई यूपीए विधायकों की बैठक
दूसरी तरफ, हेमंत सोरेन के आवास पर शुक्रवार को संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) के सभी विधायकों को बुलाया गया. मुख्यमंत्री आवास में यूपीए विधायक दल की बैठक हुई. विधायकों और मंत्रियों ने बैठक के बाद कहा कि पूरी यूपीए एकजुट है. सरकार को कोई खतरा नहीं है. राजभवन से पत्र आने के बाद आगे की रणनीति तय की जायेगी.
भाजपा के 16 विधायक हमारे संपर्क में
यूपीए विधायक दल की बैठक के बाद झामुमो के प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने यह कहकर सनसनी फैला दी कि भारतीय जनता पार्टी के 16 विधायक उनकी पार्टी के संपर्क में हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा के एक सांसद की वजह विधायकों में नाराजगी है.
हेमंत सोरेन ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और भाजपा समर्थक पत्रकारों को आड़े हाथ लिया है. न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सरकारी संस्थाओं के घोर दुरुपयोग का आरोप लगाया है.
सीएमओ ने जारी किया बयान
सीएमओ से जारी बयान में कहा गया है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को उन खबरों के बारे में पता चला है, जिसमें कहा जा रहा है कि निर्वाचन आयोग ने उनकी विधानसभा की सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की है. बयान में कहा गया है कि अब तक इस संबंध में मुख्यमंत्री कार्यालय तक कोई सूचना नहीं पहुंची है. न तो निर्वाचन आयोग की ओर से सीएम हेमंत सोरेन को कोई पत्र मिला है, न ही राज्यपाल की ओर से इस संबंध में उन्हें कोई जानकारी दी गयी है.
सरकारी संस्थाओं का दुरुपयोग कर रही भाजपा
एएनआई ने सीएमओ के हवाले से कहा है कि मुख्यमंत्री ने कहा है कि ऐसा लगता है कि भारतीय जनता पार्टी के नेताओं, जिनमें एक सांसद और उनकी कठपुतली पत्रकार बिरादरी ने खुद से निर्वाचन आयोग की रिपोर्ट का मसौदा तैयार किया है, जो अभी सीलबंद है. मुख्यमंत्री ने कहा है कि भाजपा ने जिस तरह से संवैधानिक संस्थाओं एवं सार्वजनिक एजेंसियों का दुरुपयोग किया है, वह बेहद शर्मनाक है. भाजपा मुख्यालय ने जिस तरीके से सरकारी संस्थाओं पर कब्जा जमा लिया है, भारत के लोकतंत्र में ऐसा कभी नहीं देखा गया.
हेमंत सोरेन पर आरोप है कि खनन-वन मंत्री रहते उन्होंने अपने नाम पत्थर खनन लीज आवंटित किया था. झारखंड में मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इसे भ्रष्ट आचरण बताया.
हेमंत सोरेन पर लगे हैं ये आरोप
भाजपा ने ऑफिस ऑफ प्रॉफिट और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 9a का हवाला देते हुए झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता रद्द करने की मांग निर्वाचन आयोग से की थी. भाजपा ने कहा कि खनन-वन मंत्री रहते हेमंत सोरेन ने अपने नाम से खान का आवंटन किया. यह गलत है.
रांची पहुंचे राज्यपाल रमेश बैस
झारखंड के राज्यपाल एम्स से इलाज करवाकर दिल्ली से रांची लौट आये हैं. निर्वाचन आयोग की रिपोर्ट का कभी भी खुलासा हो सकता है. इससे पहले राजभवन की सुरक्षा कड़ी कर दी गयी है. राजभवन के बाहर मीडियाकर्मियों की भीड़ जुटी हुई है.
हेमंत सोरेन पर मनी लाउंड्रिंग के भी लगे हैं आरोप
बता दें कि सूचना के अधिकार (आरटीआई) कार्यकर्ता शिवशंकर शर्मा ने दो जनहित याचिकाएं दायर कर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से खनन घोटाला की जांच कराने की मांग की. आरटीआई कार्यकर्ता ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने अपने पद का दुरुपयोग किया और स्टोन क्यूएरी माइंस का आवंटन अपने नाम कर लिया. झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन पर मनी लाउंड्रिंग के भी आरोप हैं.
नहीं मिली रिपोर्ट: हेमंत सोरेन
उधर, मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) ने हेमंत सोरेन की ओर से एक बयान जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि निर्वाचन आयोग की रिपोर्ट के संबंध में अभी उन्हें कोई जानकारी नहीं मिली है. इस संबंध में न तो निर्वाचन आयोग की ओर से उन्हें कोई चिट्ठी मिली है, न ही राजभवन की ओर से उन्हें कुछ बताया गया है.
चुनाव आयोग, दिल्ली ने राज्य के मुख्य सचिव को पत्र भेज कर हेमंत सोरेन के नाम से हुए माइनिंग लीज के मामले में दस्तावेज मांगे थे़ इसके लिए आयोग ने राज्य सरकार को 15 दिनों का समय दिया था़ तीन मई तक राज्य सरकार को दस्तावेज भेजने थे. राज्यपाल ने अपनी संवैधानिक शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए पूर्व सीएम रघुवर दास द्वारा दिये गये शिकायती पत्र को चुनाव आयोग के पास फैसला करने के लिए भेज दिया था.
क्या कहा गया है शिकायत पत्र में
- मुख्यमंत्री ने लोक सेवक के रूप में अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अपने नाम पर पत्थर का माइनिंग लीज लिया है. ऐसे में उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 13(2) के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए.
- केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा मंत्रियों के लिए जारी आचार संहिता(कोड ऑफ कंडक्ट) में निहित प्रावधानों के अनुसार किसी व्यक्ति के मंत्री या मुख्यमंत्री बनने के बाद दो माह के अंदर उसे खुद को अपनी पुरानी व्यावसायिक गतिविधियों से अलग कर लेना है.
- सीएम का माइनिंग लीज लेना लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 9ए के दायरे में है. प्रावधानों के तहत किसी सदस्य द्वारा सरकार के साथ व्यापारिक गतिविधियों के लिए करार करने पर उसे अयोग्य घोषित किया जा सकता है.
अब हेमंत सोरेन का पक्ष सुनेगा आयोग
आयोग हेमंत सोरेन को उन पर लगे आरोपों के मद्देनजर जवाब देने का निर्देश देगा. उनका पक्ष सुनने के बाद चुनाव आयोग इस बात का फैसला करेगा कि उन पर लगे आरोप लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 9ए के आलोक में विधानसभा से उनकी सदस्यता समाप्त करने के लिए पर्याप्त हैं या नहीं. इस मुद्दे पर चुनाव आयोग का निर्णय ही अंतिम होगा. इसके बाद आयोग अपने फैसले की जानकारी राज्यपाल को देगा. उल्लेखनीय है कि राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को अयोग्य घोषित (विधानसभा की सदस्यता समाप्त) करने की मांग करते हुए राज्यपाल को शिकायती पत्र सौंपा था.
सीएम ने कुछ नहीं छुपाया : झामुमो
झामुमो के केंद्रीय सदस्य सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि भाजपा ने सीएम पर पीपुल्स रिप्रेजेंटेशन एक्ट की धारा 9 ए के उल्लघंन का आरोप लगाया है. इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट आदेश है कि यह उसी पर लागू होगा, जो बिजनेस कर रहा होगा और उसी सरकार से बिजनेस प्राप्त किया होगा. वर्ष 2008 में खनन का लीज हुआ था, लेकिन अभी तक कंसेंट टू ऑपरेट (सीटीओ) नहीं हुआ है. हेमंत सोरेन की ओर से विस चुनाव के शपथ पत्र में इसका उल्लेख किया गया है. कुछ छिपाया नहीं गया है.