जीवित्पुत्रिका व्रत सात अक्टूबर को मनाया जाएगा,भ्रमित होने की जरूरत नहीं हैं : ब्राह्मण महासभा
श्रीनारद मीडिया, मनोज तिवारी, छपरा (बिहार):
छपरा सोनपुर मुख्य सड़क मार्ग पर डुमरी बुजुर्ग में सारण जिले के विद्वान ब्राह्मणों की बैठक हुई। इस बैठक का मुख्य उद्वेश्य सारण जिले के हर क्षेत्र में एक ही दिन जीवित्पुत्रिका व्रत कराने पर आम सहमती बनाना था।
बैठक में दिघवारा और सोनपुर क्षेत्र के विद्वान ब्राह्मणों के अतिरिक्त अन्य प्रखंडों के भी ब्राह्मण विद्वान उपस्थित थे । सभी ने अपने अपने तर्क दिए और छः और सात दोनो तिथियों पर बहस किए । अंत में सात अक्टूबर को उदया तिथि में व्रत करने पर सबकी सहमती बनी।
चुकी कथा के पुस्तक में भी सप्तमी युक्त अष्टमी का त्याग करने और शुद्ध अष्टमी में व्रत करने की बात लिखी गई है भले ही कुछ घंटी के लिए ही अष्टमी क्यूं न हो। इस लिए अंतिम निर्णय सात अक्टूबर पर ही बनी और सारण तथा अन्य जिले व प्रदेश के सभी माताओं से 6 अक्टूबर को नहा खा 7 अक्टूबर को व्रत और 8 अक्टूबर को सूर्योदय के बाद नवमी में पारन करने की अपील काल राात्रि के दरबार से की गई।
विद्वान आचार्यों ने कहा कि 8 अक्टूबर रविवार को पारण का समय सूर्योदय 6:10 के बाद कभी भी दिन मे 11:45 बजे के बीच अपने सुविधानुसार दशमी चढने के पूर्व करें।इस महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता मंदिर के प्रधान पुजारी ब्रजेशा नन्द मिश्र ने की।
इस निर्णायक मंडल में शामिल विद्वानों में मुख्य रूप से आचार्य राकेश मिश्र, आचार्य सुरेश दूबे, आचार्य नागेन्द्र दूबे, आचार्य कल्याण शास्त्री, सुमंत तिवारी,अलख पाण्डेय,संतोष कुमार तिवारी,जय प्रकाश पाठक,नील कमल उपाध्याय, रवीन्द्र नाथ मिश्र,कमल दूबे,संजय तिवारी,दीवाकर मिश्र, पुरषोत्तम तिवारी,बीगन तिवारी आदि थे।
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