फ़िल्म – जोगीरा सारा रा रा
निर्देशक – कुशान नंदी
निर्माता – नईम सिद्दीकी और किरण श्रॉफ
कलाकार – नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी, नेहा शर्मा,संजय मिश्रा,ज़रीना वहाब, मिमोह चक्रवर्ती और अन्य
प्लेटफार्म – सिनेमाघर
रेटिंग – तीन
हिंदी सिनेमा के मेथड एक्टर में शुमार अभिनेता नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी एक अरसे बाद बड़े परदे पर लौटे हैं और उनकी यह फ़िल्म भी रोमांटिक कॉमेडी ही है. लेखक ग़ालिब असद भोपाली द्वारा लिखी गयी इस कहानी में उतार – चढ़ाव की थोड़ी कमी है, लेकिन जबरदस्त पंचलाइन और उम्दा कॉमेडी सीन्स की वजह से यह फ़िल्म पूरे समय मनोरंजन करने में कामयाब होती हैं. नवाज, संजय मिश्रा के अलावा मंझे हुए सह कलाकारों का साथ इस फ़िल्म को और इंटरटेनिंग बना गया है.
रोमांटिक कॉमेडी वाली है कहानी
फ़िल्म की कहानी जोगी (नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी) की है. जो शादियों को करवाने वाला इवेंट मैनेजर है, लेकिन जल्द ही उसके पास एक शादी को तुड़वाने का कॉन्ट्रैक्ट आ जाता है. डिम्पल (नेहा शर्मा ) खुद ही अपनी शादी तुड़वाना चाहती है. शादी टूट भी जाती है, लेकिन डिम्पल के पिता अब बंदूक की नोंक पर अपनी बेटी डिंपल की शादी जोगी से ही करवाना चाहते हैं. जिसके लिए ये दोनों राजी नहीं है. शादी इन दोनों को ही मुसीबत लगती है. क्या इनकी शादी होंगी, लेकिन ये सब कैसे होगा इसके लिए आपको फ़िल्म देखनी होंगी.
स्क्रिप्ट की खूबियां और खामियां
जोगीरा सारा रा रा, ग़ालिब असद भोपाली द्वारा लिखित पटकथा है. जो कॉमेडी ऑफ़ एरर के स्वाद को वापस लाती है. जो बहुत हद तक हृषिकेश मुखर्जी की फिल्मों की भी याद दिलाता है. इसे देशी परिवेश में सेट किया गया है. कहानी एंगेजिंग है. इसका ट्रीटमेंट सिंपल है,लेकिन कहानी हास्य के रंग में रंगी है और अच्छे एक्टर्स का साथ भी है, तो यह फ़िल्म आपको पूरे समय गुदगुदाती रहती है. कुछ दृश्य उम्दा बने हैं खासकर कैरम और फ़िल्म के आखिरी बीस मिनट आपको हंसा – हंसा कर लोटपोट कर देते हैं. खामियों की बात करें तो फ़िल्म सेकेंड हाफ में खिंच गयी है. कहानी दोहराव से गुजरने लगती है. यह एक रोमांटिक कॉमेडी फ़िल्म है. फ़िल्म में कॉमेडी तो है, लेकिन रोमांस गायब है. उसको किरदारों के बीच थोड़ा स्थापित करने की ज़रूरत थी. इसके अलावा फ़िल्म की गति को बाधित इसके गाने भी करते हैं. फ़िल्म में ज़रूरत से ज़्यादा गाने हैं. फ़िल्म की सिनेमाटोग्राफी कहानी के अनुरूप है.
नवाज और संजय मिश्रा की खास कॉमिक टाइमिंग
अभिनय की बात करें, तो इस फ़िल्म में अभिनय के मंझे हुए नाम है. नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी एक बार फिर अपने अभिनय से छाप छोड़ते हैं. वह कॉमेडी के साथ- साथ उन्होने अपने किरदार के गुस्से और इमोशन को भी बखूबी जिया है. अभिनेता संजय मिश्रा फ़िल्म को एक अलग ही लेवल पर ले जाते हैं. कॉमेडी में उनको महारत हासिल है. एक बार फिर यह बात साबित होती है. नेहा शर्मा की कोशिश अच्छी रही है. मिमोह ने भी सधा हुआ अभिनय किया है. जरीना वहाब,यशवंत सहित बाकी के कलाकारों ने अपनी भूमिका के साथ न्याय किया है.