SSB व पुलिस का ज्वाइंट ऑपरेशन, सुपौल में 3 ट्रक चाइनीज सेब बरामद, 8 तस्कर भी हत्थे चढ़े.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
एसएसबी और पुलिस की संयुक्त छापामारी में शनिवार की देर रात बड़ी सफलता हाथ लगी है। ज्वाइंट ऑपरेशन में ढाई टन चाइनीज सेब के साथ आठ तस्कर को पकड़ा गया है। मौके से सेब लदे तीन नेपाली ट्रक के अलावा तीन भारतीय ट्रक, दो बाइक और एक कार भी जब्त किया गया है।
बताया जा रहा है कि बिहार मद्य निषेध पटना कंट्रोल रूम से सूचना मिली कि नेपाल के रास्ते ट्रक के जरिए शराब की खेप भारतीय सीमा में आने वाली है। इसी सूचना पर एसएसबी कमांडेंट एचके गुप्ता और वीरपुर थानाध्यक्ष दीनानाथ मंडल के नेतृत्व में वीरपुर और भीमनगर में नाकाबंदी कर सर्च अभियान चलाया गया। रात करीब दो बजे भीमनगर-वीरपुर रोड में ईंट प्लांट के पास जवानों को ट्रक के साथ लोगों की चहलकदमी दिखी। शंका होने पर चारों तरफ से घेराबंदी की गई तो वहां चाइनीज सेब लदे नेपाली नंबर की तीन ट्रक से अनलोडिंग की जा रही थी।
अचानक एसएसबी और पुलिस को देख तस्कर भागने की कोशिश की लेकिन जवानों ने उन्हें खदेड़कर पकड़ लिया। मौके से तीन भारतीय नंबर के तीन ट्रक को भी जब्त किया गया, जिसपर चाइनीज सेब रखे जा रहे थे। वहीं एक बुलेट, एक बाइक और एक कार सहित आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
भारी मात्रा में चाइनीज सेब की बरामदगी की सूचना पर भीमनगर कस्टम के अधिकारी भी वहीं पहुंच गये। थानाध्यक्ष दीनानाथ मंडल ने बताया कि कागजात तैयार कर कस्टम को सौंपा जाएगा। बताया कि जब्त वाहनों की जांच-पड़ताल की जा रही है।
बिहार ( Bihar) के सुपौल ( Supaul ) से लगी भीमनगर इंडो नेपाल बॉर्डर इलाके में पटना से आई एसओजी- 05 की टीम ने शराब की सूचना पर नेपाल से तस्करी कर लाये जा रहे ट्रक पकड़े हैं. 3 नेपाली ट्रकों में चाइनीज सेव के साथ अनलोड किये जा रहे 3 भारतीय नंबर के ट्रक यानि कुल मिलाकर 6 ट्रक, एक बुलेट बाइक व एक चार चक्के की गाड़ी को जब्त किया है. वीरपुर- भीमनगर मुंख्य पथ के खोन्टाहा कोल्ड स्टोर्स के पास एसओजी-एसएसबी और सुपौल पुलिस की संयुक्त करवाई में ये सफलता हाथ लगी है. वहीं इस धंधे मेें शमिल 8 लोगों को भी गिरफ्तार कर पूछताछ कर रही है.
भारत में इसकी बिक्री पर लगा है प्रतिबंध
गौरतलब है कि भारत सरकार ने इससे होने वाली हानि को देखते हुए इस पर प्रतिबंध लगा रखा है. इस पर प्रतिबंध की जानकारी बहुत कम लोगों को होने के कारण इसकी खरीदारी से किसी को परहेज भले ही न हो लेकिन यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है. बताया जाता है कि इन सेब को पकाने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला केमिकल जिसे उरबासिड या टूसेट के नाम से जाना जाता है, वह त्वचा पर चकते पैदा कर सकता है. इसे चीन सरकार ने भी अपने देश में बिक्री के लिए प्रतिबंधित कर रखा है. यह सेहत के लिए काफी हानिकारक माना जाता है. जानकारी के अभाव में इसकी खरीद-बिक्री हो रही है. ऐसे में अनजान लोग इसे खा कर बीमारी की चपेट में आ रहे हैं. सवाल है कि आखिर बॉर्डर पर इतनी सुरक्षा के बाबजूद किसकी मदद से ये सब भारत में प्रवेश कर रहा है.
सेब को पकाने में खतरनाक कैमिकल का प्रयोग
दरअसल, इस सेब को पकाने में होने वाले केमिकल का इस्तेमाल लोगों की सेहत के लिए खतरनाक है. जिसकी वजह से इसकी बिक्री चीन में नहीं होती, लेकिन ये भारत के तस्करों को 40 से 50 रुपये किलो मुनाफा देता है. बाजार में इसे 100 से 150 रुपया किलो तक बेच दिया जाता है.
एसएसबी के रहते कैसे होता है प्रवेश
सेब की बरामदगी के बाद ये बड़ा सवाल बन गया है कि इंडो नेपाल बॉर्डर पर एसएसबी की गस्ती 24 घंटे रहती है. इसके बाद भी प्रतिबंधित सेब आखिर भारत में कैसे प्रवेश कर जाता है.
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