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जस्टिस गंगोपाध्याय ने सीएम ममता बनर्जी से मांगा इस्तीफा - श्रीनारद मीडिया
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जस्टिस गंगोपाध्याय ने सीएम ममता बनर्जी से मांगा इस्तीफा

जस्टिस गंगोपाध्याय ने सीएम ममता बनर्जी से मांगा इस्तीफा

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

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पश्चिम बंगाल स्कूल शिक्षा आयोग (एसएससी) मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट के निर्णय पर न्यायाधीश का पद छोड़कर भाजपा में शामिल हुए जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने कहा कि ममता बनर्जी को अविलंब मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।

रामनवमी के दिन मुर्शिदाबाद जिले में हुई हिंसा को लेकर कलकत्ता हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है। कोर्ट ने राज्य सरकार से हलफनामे के रूप में रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। अदालत ने चुनाव आयोग से मौजूदा स्थिति को देखते हुए बहरमपुर निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव स्थगित करने को भी कहा है। बता दें कि इस मामले की एनआईए जांच की मांग करते हुए याचिका दायर की गई थी। इसको लेकर अगली सुनवाई 26 अप्रैल को होगी।

मुर्शिदाबाद जिले के बहरमपुर में रामनवमी की शोभायात्र के दौरान हुए दंगे को लेकर हाई कोर्ट ने मंगलवार को टिप्पणी की कि ‘मैं चुनाव आयोग से बहरमपुर में 13मई को होने वाला चुनाव देरी करने के लिए कहूंगा।’

आठ घंटे तक शांति से अपना त्योहार नहीं मना सकते

यह टिप्पणी कलकत्ता हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम ने रामनवमी पर हुई हिंसा को लेकर की है। उन्होंने टिप्पणी की कि जहां लोग आठ घंटे तक शांति से अपना त्योहार नहीं मना सकते, वहां इस समय मतदान की कोई जरूरत नहीं है।

दरअसल, मुर्शिदाबाद का रेजीनगर इलाके में रामनवमी की शोभायात्रा के दौरान हिंसा हुई थी। कथित तौर पर जब जुलूस रेजीनगर के शांतिपुर इलाके से गुजर रहा था तो कुछ लोगों ने घर की छत से ईंटें और बम फेंके। इस घटना में कई लोगों के घायल हो गए। रामनवमी की घटना को लेकर पूरे इलाके में तनाव फैल गया था। स्थिति को संभालने के लिए प्रशासन को रैफ उतारना पड़ा था।

कलकत्ता हाई कोर्ट में मामला दायर

रामनवमी जुलूस को लेकर बहरमपुर में हुए दंगों को लेकर कलकत्ता हाई कोर्ट में मामला दायर किया गया था। वादी पक्ष ने मांग की कि एनआइए को घटना की जांच करने की अनुमति दी जानी चाहिए। मंगलवार को चीफ जस्टिस की खंडपीठ में मामले पर सुनवाई हुई। उस सुनवाई में याचिकाकर्ता के वकील ने मुख्य न्यायाधीश के सामने रामनवमी दंगों को लेकर चिंता जताई। न केवल बहरामपुर, बल्कि रामनवमी के दिन राज्य में हुई सभी अशांति की घटनाओं की सूचना वादी की ओर से अदालत को दी गई।

चीफ जस्टिस ने अशांति पर जताई चिंता

मंगलवार के मामले में चीफ जस्टिस ने अशांति पर चिंता जताई। इसके बाद उन्होंने अपने अवलोकन में बहरमपुर चुनाव स्थगित करने का मुद्दा उठाया। चीफ जस्टिस ने कहा कि यह जानना जरूरी है कि इस घटना को किसने उकसाया। राज्य और केंद्रीय एजेंसियां चाहें तो हलफनामा दाखिल कर सकती हैं। कोर्ट ने मामले में राज्य से रिपोर्ट मांगी है। मुख्य न्यायाधीश ने कहा, राज्य को अदालत को रिपोर्ट देनी चाहिए कि रामनवमी पर क्या हुआ। इस मामले की अगली सुनवाई 26 अप्रैल को होगी।

मालूम हो कि हाई कोर्ट की खंडपीठ ने बंगाल में हुए स्कूल भर्ती घोटाले में 2016 का पूरा नियुक्ति पैनल रद्द करने का आदेश दिया है। हाई कोर्ट ने एसएससी की ओर से नौवीं, दसवीं व 11-12वीं में ग्रुप सी व डी में सभी नियुक्तियों को अवैध ठहराते हुए 25,753 लोगों की नौकरी रद्द करने को कहा है।

अदालत ने सही निर्णय सुनाया- जस्टिस गंगोपाध्याय

तमलुक लोकसभा सीट से प्रत्याशी जस्टिस गंगोपाध्याय ने कहा, “अदालत ने सही निर्णय सुनाया है, हालांकि आज मेरे लिए राहत का दिन नहीं है क्योंकि जिस मुख्यमंत्री के हाथों हमारा राज्य चल रहा है, वह चोरी को आश्रय देती हैं। नौकरी के असली हकदारों को इतने दिनों तक वंचित रखा गया था। मिथ्यावादी मुख्यमंत्री ने उनके साथ ठगी की है। ठगने वालों में हिंदू-मुसलमान सभी हैं। उन सभी को मुख्यमंत्री का बहिष्कार करना चाहिए। हमें आशा है कि वंचित लोगों के लिए उचित व्यवस्था की जाएगी।”

जस्टिस गंगोपाध्याय न्यायिक व्यवस्था पर कलंक

दूसरी तरफ तृणमूल कांग्रेस के नेता व पेशे से अधिवक्ता कल्याण बनर्जी ने कहा, ‘जस्टिस गंगोपाध्याय की न्यायाधीश रहते भाजपा के साथ सांठगांठ थी। उन्होंने लोगों की नौकरी छीनने की साजिश रची थी और अभी चोर-डकैत व गुंडों की पार्टी के सरदार बन गए हैं। उन्होंने न्यायाधीश रहते अपने अधिकारों का दुरुपयोग किया। वे न्यायिक व्यवस्था पर कलंक हैं। लोगों को उन्हें खारिज कर देना चाहिए।”

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