कलयुगी मां ने नवजात को मरने के लिए उसे लावारिस हालत में झाड़ियों में फेंका
जाको राखे साईया मार सके न कोय
श्रीनारद मीडिया, आशीष कुमार, हसनपुरा, सीवान (बिहार):
कलयुगी मां ने अपनी ममता का गला घुटने का कुकृत्य कर डाला।मातृत्व को कलंकित करते हुये उसने नवजात शिशु को झाड़ी मे मरने के लिए फेक दिया। मां तो साक्षात देवी का रूप होती है। वह ममता की प्रतिमूर्ति होती है। अपने संतान की रक्षा के लिए मृत्यु से सामना कर सकती है। मगर वही मां जब अपने ही बच्चे को मरने के लिए फेंक दे, तो उसे क्या कहेंगे?
ऐसा ही मामला बुधवार की अहले सुबह एमएच नगर थाना क्षेत्र के चकिया व हाता धनौती गांव के बीच स्थित पोखरा के समीप झाड़ी में एक कलयुगी माँ के द्वारा नवजात शिशु को फेकने का मामला प्रकाश में आया है। जहां जन्म के कुछ ही देर बाद ही किसी कलयुगी मां ने अपने नवजात बच्चे को मरने के लिए उसे लावारिस हालत में झाड़ियों में फेंक दिया।
वही पोखरा में मछली मार रहे एक मुकबाधिर युवक राम ने नवजात शिशु को रोने की आवाज सुनी। इसके बाद राम ने गांव में जाकर इसके बारे में बताया। वही सूचना पाकर ग्रामीणों ने उक्त स्थल पहुंच कर देखा तो पाया कि झाड़ी में लावारिश हालत में एक नवजात शिशु फेका हुआ है, जो कराह-कराह के रो रहा था।
वही नवजात शिशु की खबर गांव में आग की तरह फैल गई। बच्चे की एक झलक पाने के लिए ग्रामीणों का हुजूम उमड़ पड़ा।वही लावारिश शिशु फेके जाने की सूचना पाकर थानाक्षेत्र के चकिया निवासी दशरथ दुबे के पुत्र ब्रजेश दुबे की पत्नी शिल्पी देवी ने स्थानीय ग्रामीणों सहित पुलिस की उपस्थिति में बच्चे को गोद मे ले लिया और आनन फानन में उसरी स्थित निजी क्लिनिक में इलाज कराया।
जहां बच्चे की अत्यधिक ठंड लगने से पूरा शरीर ठंड पड़ गया था। जो बच्चे की स्थिति अभी सामान्य है। साथ शिल्पी देवी ने नवजात का इलाज कराया और कहा कि इस बच्चे को अपने बच्चों को तरह लालन पालन करेगे। जिस तरह हम अपने दो पुत्री व दो पुत्र को देखरेख करते हैं बिल्कुल वैसा ही इस बच्चे को देखभाल करुँगी।
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