कल्पना चावला: शक्ति और दृढ़ संकल्प की प्रतीक.

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

आज भारतीय की बेटी कल्पना चावला की पुण्यतिथि है।123 यानी 1 फरवरी 2003 को उनका निधन अंतरिक्ष से लौटते समय हो गया। इस दिन मैं दिल्ली में था, सुबह से ही यह दिन मुझे लगातार कुछ कह रहा था, क्या कह रहा था, यह समझ में नहीं आ रहा था लेकिन मैंने लगातार रट लगाए था, आज 123 है। 123 से समायत़: हम अपने जीवन में किसी काम के पूर्ण हो जाने या काम को हो जाने से लेकर लगाते हैं,साथ ही हम यह भी सुनिश्चित करते हैं कि आगे आने वाला कार्य शुभ संपन्न होगा। लेकिन शाम ढलते ढलते एक मनहूस खबर आई की भारत की बेटी कल्पना चावला नहीं रही।

कल्पना चावला मूलत: हरियाणा के करनाल जिले से थी। स्थानीय टैगोर स्कूल में उन्होंने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई की थी, जहां आठवीं क्लास में उद्बोधन के दौरान अंतरिक्ष की बातों को जानने और समझने का मौका मिला।उनमें प्रेरणा जगी और उन्होंने ठान लिया कि मैं आगे चलकर एक अंतरिक्ष वैज्ञानिक बनूगीं। आगे की पढ़ाई के लिए वह अमेरिका चली गई जहां से उन्होंने उच्च शिक्षण हासिल किया। इसके बाद अंतरिक्ष यात्री के रूप में कई तरह के अनुसंधान हेतु अंतरिक्ष में गई\1 फरवरी 2003 को कोलंबिया स्पेस शटल के दुर्घटनाग्रस्त होने के साथ ही यान में सवार सभी अंतरिक्ष यात्रियों की मौत हो गई थी। इनमें से एक कल्पना चावला भी थीं।


भारत की इस बेटी पर हम सभी भारतीयों को गर्व है। उनकी आत्मा की शान्ति के लिए हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं।कल्पना चावला ने अपने जीवन में जो मुकाम हासिल किया वह हमारी बेटियों के लिए एक मिशाल है, उनकी कामयाबी को पढ़ कर, देख कर ,सुन कर हमारी बेटियां आगे बढ़ेंगी।विश्व पटल पर भारत का नाम रोशन करने वाली कल्पना चावला जी महिलाओं एवं युवाओं के लिए हमेशा प्रेरणास्रोत रहेंगी।
श्रीनारद मीडिया डॉट कॉम कल्पना चावला को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता है।

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