Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the newsmatic domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/imagequo/domains/shrinaradmedia.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
बिहार में कॉलेज में सिक्योरिटी गार्ड से असिस्टेंट प्रोफेसर बने कमल किशोर, आखिर क्यों बैठी जांच?  - श्रीनारद मीडिया

बिहार में कॉलेज में सिक्योरिटी गार्ड से असिस्टेंट प्रोफेसर बने कमल किशोर, आखिर क्यों बैठी जांच? 

बिहार में कॉलेज में सिक्योरिटी गार्ड से असिस्टेंट प्रोफेसर बने कमल किशोर, आखिर क्यों बैठी जांच?

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया, सेंट्रल डेस्‍क:

बिहार के तिलकामांझी भागलपुर विवि के अंबेडकर विचार विभाग के दरबान रहे कमल किशोर मंडल अब सहायक प्रोफ़ेसर डॉ कमल‍ किशोर मंडल बन गए हैं. उन्होंने ड्यूटी करते हुए पढ़ाई की. इसी का परिणाम है कि टीएमबी विवि में एक फोर्थ ग्रेड का स्टाफ अब सहायक प्रोफेसर जैसे पद तक पहुंचा है.

डॉ कमल किशोर ने अपनी लगन और कठोर परिश्रम के साथ नाईट गार्ड की ड्यूटी करते हुए ये मुकाम हासिल किया है. वो भागलपुर के मुंदीचक के रहने वाले हैं. कमल किशोर मंडल भागलपुर के मुंदीचक नया टोला के रहने वाले हैं. उनके पिता का नाम गोपाल मंडल है. वो चार बेटों में दूसरे पुत्र हैं. उनके पिता चाय और बिस्किट वगैरह बेचने का काम करते हैं.

कमल किशोर मंडल अंबेडकर विचार विभाग में दरबान के रूप में नौकरी लग गई थी. वो विवि में तैनात थे और रात में नाइट गार्ड का काम करते थे और दिन में पढ़ाई करते थे. डॉ मंडल का कहना है कि वो अपनी पढ़ाई विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों के लिखित आदेश पर कर रहे थे. अपनी ड्यूटी के दौरान ही उन्होंने राजनीति शास्त्र विषय से पहले पोस्ट ग्रेजुएशन किया. फिर उसके बाद पीएचडी किया, इसके बाद साल  2018 में नेट भी पास किया. साल 2020 में सहायक प्रोफेसर के तौर पर इंटरव्यू दिया. इसके अगले क्रम में साल 2022 में सहायक प्रोफेसर पद पर चयनित हुए.

उनकी सफलता के बाद अब उनके सामने एक और मुसीबत खड़ी हो गई है. तिलकामांझी भागलपुर विवि के अधिकारी उनकी काबिलियत से नाखुश हैं. तत्काल चयनित प्रोफेसर की नियुक्ति पर विश्वविद्यालय ने रोक लगा दी है और कुलपति की तरफ से 4 सदस्यीय टीम का गठन भी किया गया है. विवि के रजिस्ट्रार गिरिजेश नंदन कहते हैं कि जांच टीम की रिपोर्ट के बाद ही उचित निर्णय होगा. पीड़ित चयनित सहायक प्रोफेसर के के मंडल कहते हैं कि मैंने विवि की इजाजत से आगे की पढ़ाई की और तमाम एग्जाम पास किए, जबकि रजिस्ट्रार साहब कह रहे हैं कि जांच टीम जो रिपोर्ट देगी उसी अनुसार यूनिवर्सिटी फैसला लेगी.

यह भी पढ़े

सुदृढ़ लोकतंत्र….सशक्त भारत…बिना किसी भेदभाव के वोट देने का अधिकार

मशरक बीआरसी में विद्यालय शिक्षा समिति सचिव/अध्यक्ष, प्रधानाचार्य की हुई बैठक  

शेखर जोशी की कहानियों में एक बिम्ब है जो सबसे अलग है- डॉ अंजनी कुमार श्रीवास्तव।

मशरक अंचल अभिलेख भवन और प्रखंड कार्यालय का अपर समाहर्ता ने किया निरीक्षण 

Leave a Reply

error: Content is protected !!