साई मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल में  ईसीएचएस के तहत कारगिल योद्धा का हुआ सफल ऑपरेशन

साई मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल में  ईसीएचएस के तहत कारगिल योद्धा का हुआ सफल ऑपरेशन
– दो दिन पहले ही सड़क दुर्घटना में घायल हुये थे कारगिल योद्धा  पति-पत्नि
– कारगिल योद्धा का दोनों पैर हुआ था गंभीर चोट लगने से फ्रैक्चर

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श्रीनारद मीडिया, सीवान (बिहार):

सीवान: शहर के गौशाला रोड़ स्थित भारत सरकार से मान्यता प्राप्त साई मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल च ट्रामा सेंट्रर में ईसीएचएस के तहत कारगिल योद्धा का सफल ऑपरेशन हुआ है. कारगिल योद्धा रघुनाथपुर के पड़हिया निवासी ओमप्रकाश दुबे और उनकी पत्नी ओमप्रकाश दूबे दो दिन पहले ही सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गये थे. घायल पति-पत्नि का ईसीएचएस के तहत ईलाज के लिये साई मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया.

जहां हॉस्पीटल के चेयरमैन डॉक्टर रामेश्वर कुमार के नेतृत्व में चिकित्सकों की टीम ने पति-पत्नि का इलाज शुरू किया. एक्सरे जांच में पाया गया कि कारगिल योद्धा का दोनों पैर गंभीर चोट लगने से फ्रैक्चर हो गया है. जिसके बाद चेयरमैन डॉक्टर रामेश्वर कुमार ने ऑपरेशन कराने की सलाह दी और परिजन ऑपरेशन कराने को तैयार हुये.

चेयरमैन के नेतृत्व में डॉक्टरों व स्वास्थ्यकर्मियों की टीम ने कारगिल योद्धा के दोनों पैर का सफल ऑपरेशन किया.जिसके बाद उन्हें हॉस्पिटल के आईसीयू में भर्ती किया गया है. कारगिल योद्धा रघुनाथपुर के पड़हिया निवासी ओमप्रकाश दूबे ने ऑपरेशन के दौरान ही चेयरमैन सहित सभी चिकत्सक व स्वास्थ्य कर्मियों को रणभूमि की शौर्य गाथा सुनाई. उन्होंने बताया कि 26 जुलाई 1999 को भारतीय सेना ने पाकिस्तान को हराकर कारगिल जंग जीती थी. उस दिन भारत के वीर जवानों ने पाकिस्तान को अपनी जमीन से खदेड़कर अपनी पोस्ट को हासिल कर कारगिल में विजय झंडा लहराया.

उन्होंने कहा कि इस युद्ध में सैकड़ों वीर जवान शहीद हुए थे, जिन्हें याद कर आज भी हर देशवासी की आंखें नम हो जाती है. उन्होंने बताया कि भारत देश का एक-एक जवान ने बड़ी वीरता दिखाई थी. यही कारण है कि दुश्मनों द्वारा कब्जाई जमीन के छुड़ाने में ज्यादा मशक्कत की जरूरत नहीं पड़ी. हालांकि पाकिस्तान के सैनिक चोटी पर बैठकर पत्थरबाजी और गोलीबारी कर रहे थे, तो वहीं भारत के वीर जवान नीचे की तरफ से अपने साहस का प्रदर्शन कर रहे थे. सैनिकों को जैसे ही अफसर का आदेश मिला, उन्होंने ताबड़तोड़ अपने साहस का प्रदर्शन करते हुए ऊपर की ओर चढ़ाई की और पाकिस्तान के सैनिकों से लोहा लेते हुए उन्हें पीछे हटने पर मजबूर कर दिया.

जानकारी देते हुये बताया कि उसमें मुझे भी पेट में गोली लगी थी. उन्हें बस दुश्मनों को खदेड़कर भारत का तिरंगा फहराने का जिद्द थी. इसी जज्बे के चलते भारत ने कारगिल युद्ध में विजय प्राप्त की. चेयरमैन डॉ रामेश्वर कुमार ने साई मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल के एमडी डॉक्टर रामेश्वर कुमार ने बताया कि ईसीएचएस यानी एक्स सर्विसमेन कंट्रीब्यूटरी हेल्थ स्कीम के तहत अब हमारे अस्पताल को मान्यता मिल गई है. अब हमारे सीवान के अस्पताल रोड स्थित सांई हॉस्पिटल में रिटायर्ड सैन्यकर्मियों के साथ उनपर निर्भर परिवारजन का इलाज मुफ्त में किया जाएगा. अब इलाज के लिए यहां के रिटायर्ड सैन्यकर्मियों को बाहर जाने की आवश्यकता नहीं होगी. बाहर जाने में आने वाली समस्याओं से भी उन्हें राहत मिल जाएगी. इससे रिटायर्ड सैन्य कर्मियों को बहुत बड़ी सहायता मिल जायेगी.

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