काशी बाबा की नगरी है, बाबा ही चला रहे है

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श्रीनारद मीडिया / सुनील मिश्रा वाराणसी यूपी

वाराणसी,3 अगस्‍त / तीनों लोकों से न्‍यारी काशी, जहां पर धर्म,संस्‍कृति व सभ्‍यता पल्लिवित व पुष्पित होती है। कहा जाता है कि यह भगवान शंकर के त्रिशूल पर बसी है और इस नगरी का यही संचालन करते है। भगवान शंकर ने बाबा कालभैरव को कोतवाल बनाकर इस नगरी की सुरक्षा को जिम्‍मा दिया है। अष्ट भैरव एवं छप्पन विनायक काशी की रक्षा करने के लिए हमेशा लगे रहते हैं। इसके साथ मां अन्नपूर्णा यहां पर किसी को भूख नहीं सोने देती है और भगवान शंकर के अवतार संकट मोचन हनुमान जी काशी वासियों की हर तरफ से रक्षा करते हैं।

तीनों लोगों की न्यारी काशी नगरी में कबीर, तुलसीदास, रैदास सहित अनेकानेक संत महात्माओं ने धूनी जमाई।सनातन संस्कृति का प्रचार प्रसार करने के लिए अपना कर्म क्षेत्र बनाया। गोस्वामी तुलसीदास ने श्री रामचरितमानस की रचना कर मानव समाज को एक ऐसा ग्रंथ दिया जिससे उसका जीवन सवर रहा है। कबीर एवं रैदास ने मानव को सही मार्ग दिखाया । धर्म सम्राट स्वामी करपात्री जी महाराज ने सनातन धर्म की रक्षा के लिए काशी मे रहकर धर्म ग्रंथों की रचना की, मंदिरों के स्थापना की और धर्म की जय हो, प्राणियों में सद्भावना हो, विश्व का कल्याण हो, गोवध बंद का जयघोष किया था – रामयश मिश्र

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