काशी का श्रृंगार ‘रुद्राक्ष’ के बिना अधूरा-प्रधानमंत्री.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी को रुद्राक्ष कन्वेंंशन सेंटर समेत 1475 करोड़ की सौगात देने सुबह पहुंच गए। सुबह 10:30 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर वायुसेना का विमान बाबतपुर एयरपोर्ट पर पहुंचा तो उनका स्वागत करने के लिए शासन प्रशासन के शीर्ष अधिकारी मौजूद रहे। पीएम को लेकर भारतीय वायुसेना का विमान एप्रन पर पहुंचा तो विमान से उतरने के बाद राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनकी अगवानी की।
आगवानी के बाद सभी से मुलाकात करने के बाद पीएम चॉपर हेलीकॉप्टर से बीएचयू की ओर सुबह 10.50 बजे रवाना हो गए और उनका हेलिकाप्टर बीएचयू के आइआइटी टेक्नो ग्राउंड पर सुबह 11.02 बजे पहुंच गया। इसके बाद सीएम का संबोधन हुआ और पीएम ने सुबह 11. 27 बजे सभी योजनाओं को जनता को समर्पित किया। संबोधन के बाद पीएम बीएचयू के एमसीएच का निरीक्षण करने पहुंचे और कोरोना की तीसरी लहर से बचाव की तैयारियों का जायजा लेने के बाद साथ 18 कोरोना वारियर्स से बात की। इसके बाद पीएम ने दोपहर दो बजे जापान के सहयोग से बने रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर का लोकार्पण किया। इसके बाद प्रधानमंत्री दोपहर बाद 3:45 बजे नई दिल्ली के लिए रवाना हो गए।
रुद्राक्ष का लोकार्पण कर बोले पीएम : काशी के प्रबुद्ध जनों को पीएम ने संबोधित किया। बताया कि लंबे समय बाद आपके बीच आने का मौका मिला है। बनारस का मिजाज ऐसा है कि अरसा भले लंबा हो जाए लेकिन शहर मौका मिलने पर एक साथ रस भरकर दे देता है। काशी ने बुलाया तो एक साथ विकास कार्यों की झड़ी लगा दी। महादेव के आशीर्वाद से काशीवासियों ने विकास की गंगा बहा दी है। सैकड़ों करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास हुआ है। काशी का वैभव आधुनिक स्वरुप के अस्तित्व में आ रहा है।
बाबा की नगरी थमती और रुकती नही है। स्वभाव को सिद्ध किया है। कोरोना में दुनिया ठहर गई तो काशी संयमित हुई अनुशासित हुई लेकिन स्रजन और विकास की धारा बहती रही। काशी के विकास के आयाम इंटरनेशनल सेंटर रुद्राक्ष आज इसी रचनात्मकता और गतिशीलता का परिणाम है। काशी के हर जन को बधाई देता हूं। भारत के परम मित्र जापान और पीएम के साथ जापान के राजदूत को भी धन्यवाद देता हूं। जापान के पीएम का संदेश देखा। उनकी वजह से यह उपहार मिला है।
जापानी पीएम उस समय चीफ सेक्रेटरी थे और तबसे इसमें व्यक्तिगत तौर पर शामिल रहे। इस आयोजन में एक और व्यक्ति जिनको भूल नहीं सकता। शिंजो आबे जी, मुझे याद है जब वह पीएम के तौर पर काशी आए थे तो रुद्राक्ष के आइडिया पर लंबी चर्चा की। उन्होंने तुरंत अधिकारियों को निर्देश दिया और जापान के कल्चर पर परफेक्शन और प्लानिंग के साथ काम किया और आज भव्य इमारत काशी की शोभा बढ़ा रही है। भविष्य की संभावनाओं का स्रोत है।
अपने पन पर जापान से ऐसे ही सांस्कृतिक संबंध की रूपरेखा खींची थी। विकास के साथ दोनों देशों के रिश्तों में मिठास का अध्याय लिखा जा रहा है। रुद्राक्ष के साथ ही गुजरात में भी जापान में जापानी गार्डन और एकाडमी का लोकार्पण हुआ था। वैसे ही जैन गार्डन भी दोनों देशों के बीच सुगंध फैला रहा है। जापान भारत के सबसे विश्वसनीय दोस्तों में एक है। पूरे क्षेत्र में नैचुरल पार्टनर में एक हैं। विकास और इंफ्रास्ट्रक्चर में जापान हमारा साझेदार है। हाईस्पीड रेल, कारीडोर जापान के सहयोग से न्यू इंडिया की ताकत बन रहे हैं। हमारा विकास हमारे उल्लास के साथ जुड़ा होना चाहिए। विकास सर्वमुखी सबके लिए और सबको जोड़ने वाला होना चाहिए।
पुराणों में कहा गया है कि सबके हित के लिए सबके कल्याण के लिए आंसुओं से गिरा रुद्राक्ष है, उनकी अंश्रुबूंंद मानव प्रेम का प्रतीक है। रुद्राक्ष भी दुनिया को आपसी प्रेम कला संंस्कृति से जोड़ने का काम करेगा। काशी सबसे पुराना शहर है। सीर से सारनाथ ने सबकुछ संजोकर रखा है। ठुमरी दादरा ख्याल कजरी चैती जैसी बनारस की चर्चित विख्यात गायन शैलियां सारंगी पखावज शहनाई हो बनारस के रोम रोम से गीत संगीत कला झरती है। घाटों पर कलाएं विकसित हुईं। बनारस गीत संगीत और धर्म आध्यात्म विज्ञान का केंद्र है। कल्चरल इवेंट के लिए बनारस आइडियल लोकेशन है। लोग देश विदेश से आना चाहते हैं।
सुविधा मिले तो कला जगत के लोग बनारस को प्राथमिकता देंगे। रुद्राक्ष इन्हीें को साकार करेगा और केंद्र बनेगा। बनारस में कवि सम्मेलन के फैन दुनिया में हैं। इस सेंटर में 1200 लोगों के बैठने की सुविधा है, पार्किंग और दिव्यांगों के लिए सुविधा है। हैंडीक्राफ्ट और शिल्प को पहचान मिल रही है। कारोबारी गतिविधि भी बढ़ रही है। इसका उपयोग बिजनेस में किया जा सकता है। काशी का पूरा क्षेत्र साक्षात शिव हैं।
सारी विकास परियोजनाओं से काशी का श्रंगार हो रहा है तो बिना रुद्राक्ष के कैसे पूरा हो सकता था। अब रुद्राक्ष काशी ने धारण कर लिया है तो शोभा बढ़ेगी। इसका पूरा उपयोग करना है। सांस्कृतिक सौंदर्य प्रतिभा को इससे जोड़ना है। भारत जापान को भी इससे मजबूती मिलेगी। महादेव के आशीर्वाद से काशी की पहचान बनेगा यह केंद्र। जापान सरकार, प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त करता हूं और बाबा आप सभी को खुश स्वस्थ और सजग रखें। कोरोना प्रोटोकाल का पालन करें। हर हर महादेव। धन्यवाद।
रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर का लोकार्पण : दोपहर 1.50 बजे रुद्राक्ष इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर पहुंचकर पीएम नरेंद्र मोदी ने परिसर में रुद्राक्ष का एक पौधा रोपकर इस भवन का औपचारिक रूप से उद्घाटन किया। इस दौरान जापान सरकार की ओर से प्रतिनिध के रूप में भारत में जापान के राजदूत सातोशी सुजुकी भी मौजूद रहे। भवन का लोकार्पण करने के बाद पूरे परिसर का पीएम ने निरीक्षण करने के बाद प्रबुद्ध जनों को संबाेधित भी किया। इस दौरान जापानी निर्माण प्रतिनिधि मंडल भी मौजूद रहा। आयोजन के दौरान प्रधानमंत्री को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रुद्राक्ष पर आधारित मॉडल भेंट करने के साथ रुद्राक्ष पर ही बने अंगवस्त्र को भेंट किया। वहीं रुद्राक्ष पर बने एक वृत्तचित्र को भी सीएम के संबोधन के बाद दिखाया गया। वहीं जापान के प्रधानमंत्री योशिहुदे सुगा का रिकार्डेड वीडियो संबोधन भी इस दौरान सुनाया गया। जिसमें जापान के पीएम ने भारत जापान के संबंधों पर अपने विचार रखते हुए इसे आगे भी जारी रखने के प्रति अपनी वचनबद्धता दोहराई।
कोरोना से लड़ने की तैयारियों का लिया जायजा : लोगों को संबोधित करने के बाद पीएम बीएचयू एमसीएच विंग गए और 18 कोरोना योद्धाओं से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने कोरोना की तीसरी लहर से बचाव के लिए चल रही तैयारियों को लेकर विशेषज्ञों से बात कर तैयरियों का निरीक्षण किया। कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए चिकित्सा और स्वास्थ्य की तैयारियों को लेकर आधुनिक मशीनों, लैब, आक्सीजन, बेड की उपलब्धता और कोरोना की दवाओं पर शोध को लेकर विशेषज्ञों से उनके अनुभवों पर बात कर तैयारियों की सराहना की।
कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों के लिए चल रही विशेष तैयारियों से भी पीएम इस दौरान अवगत हुए। वहीं मातृ शिशु स्वास्थ्य को समर्पित एमसीएच विंग की आधुनिक सुविधाओं का भी उन्होंने निरीक्षण किया। यहां पर सौ बेड का विशेष विंग महिला और शिशु स्वास्थ्य पर आधारित निर्मित किया गया है। इसी प्रकार का जिला अस्पताल में भी 50 बेड का वार्ड तैयार किया गया है। इस प्रकार जिले में कुल 150 नए महिला-शिशु स्वास्थ्य पर आधारित बेड आधुनिक सुविधाओं के साथ सेवा देने के लिए तैयार हैं।
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