निपाह वायरस को लेकर अलर्ट मोड पर केरल सरकार,क्यों?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
केरल में निपाह वायरस के मामले सामने आने के बाद प्रशासन अलर्ट मोड पर है। ऐसे में केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने निपाह वायरस को लेकर जानकारी दी है। स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बताया कि 11 नमूनों को जांच के लिए भेजा गया था, जिसके नतीजे नेगेटिव आए हैं।
21 लोगों को आइसोलेट किया गया
वीना जॉर्ज के मुताबिक, मेडिकल कॉलेजों में 21 लोगों को आइसोलेट किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता है कि पहले उन लोगों का पता लगा जाए जो निपाह वायरस के मरीज के संपर्क में आए हैं। इसके अलावा उन स्रोत की पहचान की जा रही है, जिस वजह से निपाह वायरस के पहले मरीज की मृत्यु हुई थी।
केरल सरकार ने किया 19 टीमों का गठन
केरल की स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि उन्होंने पुलिस से मृत मरीज की मोबाइल से संबंधित जानकारी मांगी है। ताकि उन स्थानों को ट्रैक किया जा सके, जहां मौत से पहले वे मरीज गया था। उन्होंने कहा कि हमने इसके लिए 19 टीमों का गठन किया है और अन्य जिलों से आए लोगों का पता लगा रही है। जो निपाह वायरस से संबंधित रोगियों के संपर्क में आए थे।
केरल में निपाह वायरस का प्रकोप धीरे-धीरे बढ़ता ही जा रहा है, जिसको लेकर राज्य सरकार अलर्ट पर है। इसी बीच एक राज्य सरकार ने एक और पहल करते हुए एक संक्रमित व्यक्ति के मोबाइल टावर की लोकेशन के मुताबिक शनिवार को अपनी टीम उन सभी जगहों पर भेजी जहां से व्यक्ति के संक्रमित होने की संभावना है।
संक्रमित क्षेत्र का पहचान कर रहा स्वास्थ्य विभाग
केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि राज्य सरकार यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि वह व्यक्ति कहां और कैसे संक्रमित हुआ, केंद्रीय टीम वायरल लोड का पता लगाने के लिए चमगादड़ का सैंपल इकट्ठा कर रही थी।
स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी दावा किया कि वायरस के प्रकोप से निपटने के राज्य के प्रयासों की केंद्रीय टीम ने सराहना की है। मंत्री ने यहां मीडिया से कहा कि सरकार छठे व्यक्ति के संपर्क का पता लगाने पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है, जिसके शुक्रवार को इस वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी।
उन्होंने यह भी कहा कि कोई नया पॉजिटिव केस सामने नहीं आया है और राज्य के लिए राहत की बात यह है कि जांच किए गए 94 सैंपल नेगेटिव हैं। हालांकि, इस बीच, कोझिकोड मेडिकल कॉलेज में 21 लोग और मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य संस्थान (IMCH) में दो बच्चे आइसोलेशन में हैं।
संक्रमितों का इलाज जारी
मंत्री ने कहा कि संक्रमित सभी लोग संक्रमण की पहली लहर का हिस्सा हैं। अभी भी उनका इलाज चल रहा है। जिस व्यक्ति की पहचान इंडेक्स केस के रूप में की गई है, उसकी 30 अगस्त को मृत्यु हो गई और बहुत बाद में पता चला कि वह निपाह से संक्रमित था। उनके नौ वर्षीय बेटे और बहनोई का अभी भी दो अन्य लोगों के साथ इलाज चल रहा है, उनमें से एक स्वास्थ्य कार्यकर्ता है, जिसके साथ वह एक अस्पताल में संपर्क में आए थे।
एंटीबॉडी के नए संस्करण लाने की तैयारी
वायरस के खिलाफ एकमात्र व्यवहार्य चिकित्सीय मोनोक्लोनल एंटीबॉडी के बारे में जानकारी देते हुए मंत्री ने कहा कि केंद्र के अनुसार यह 50-60 प्रतिशत स्थिर है और उसने राज्य सरकार से एंटीबॉडी का एक नया संस्करण प्राप्त करने की संभावना तलाशने को कहा है।
उन्होंने कहा, “वर्तमान में, डॉक्टरों के अनुसार, उपचाराधीन रोगियों को इसकी आवश्यकता नहीं है।” हालांकि, राज्य ने मोनोक्लोनल एंटीबॉडी आयात करने के लिए आवश्यक प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए केंद्र के समर्थन का अनुरोध किया और इसका आश्वासन दिया गया।
ऑनलाइन चलेंगी बच्चों की कक्षा
प्रेस वार्ता में जॉर्ज के साथ मौजूद राज्य के पर्यटन मंत्री पी ए मोहम्मद रियास ने कहा कि नियंत्रण कक्ष, कॉल सेंटर और स्वयंसेवक जनता में विश्वास पैदा करने और वायरस के बारे में जागरूकता फैलाने का काम कर रहे हैं। इस बीच, कोझिकोड शहर की मेयर बीना फिलिप ने कहा कि उन सभी वार्डों को, जहां इंडेक्स केस वाला व्यक्ति गया था, उसे कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया गया है। कोझिकोड जिला कलेक्टर ए गीता ने कहा कि आने वाले सप्ताह के लिए शैक्षणिक संस्थानों में ऑनलाइन कक्षाओं की व्यवस्था की गई है।
ऑस्ट्रेलिया से खरीदे जाएंगे खुराक
कलेक्टर ने यह भी कहा कि बेपोर बंदरगाह अगले आदेश तक बंद रहेगा, क्योंकि यह एक कंटेनमेंट जोन में आता है और मछली पकड़ने वाले जहाजों को उतारने और मछली की बिक्री के लिए दो वैकल्पिक स्थान प्रदान किए गए हैं। केंद्र ने शुक्रवार को निपाह से संक्रमित लोगों के इलाज के लिए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के माध्यम से ऑस्ट्रेलिया से मोनोक्लोनल एंटीबॉडी की 20 और खुराक खरीदने का फैसला किया है।
पूरा राज्य संक्रमण से ग्रसित
केरल स्वास्थ्य विभाग ने शुक्रवार को कहा था कि उसने सकारात्मक रोगियों की संपर्क सूची में कुल 1,080 लोगों की पहचान की है और उनके सैंपल एकत्र करना शुरू कर दिया है। यह चौथी बार है जब राज्य में वायरल संक्रमण की पुष्टि हुई है। यह 2018 और 2021 में कोझिकोड में और 2019 में एर्नाकुलम में पाया गया था। विश्व स्वास्थ्य संगठन और आईसीएमआर के अध्ययन में पाया गया है कि सिर्फ कोझिकोड ही नहीं, बल्कि पूरा राज्य इस तरह के संक्रमण से ग्रसित है।
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