एक ही डीड पर दो जमीन का केवाला, बना ली गई फर्जी जमाबंदी
श्रीनारद मीडिया, स्टेट डेस्क:
बिहार के अररिया जिले के एक ही डीड (दस्तावेज) संख्या के आधार पर दो अलग-अलग अंचल की जमीन का कथित फर्जी केवाला का मामला सामने आया है। जिसमें 24 अप्रैल 1970 को जारी दस्तावेज संख्या 6590 के आधार पर जमीन का फर्जी केवाला किया गया है। इस दस्तावेज में किसी हरि प्रसाद दास के द्वारा एक एकड़ पांच कट्ठा जमीन की खरीदारी की गई है।
इसी दस्तावेज के आधार पर जगता निवासी स्वंजन सेतु के पिता स्व सुरेंद्र नारायण नायक से जगता निवासी योगानंद यादव के द्वारा रानीगंज में 47 डिसमिल जमीन की खरीदारी दिखायी गई है। मामले को लेकर स्वंजन सेतु के द्वारा जिलाधिकारी को आवेदन देकर कार्रवाई की मांग की गई है।आवेदन में कहा गया है कि उनके पिता स्व सुरेंद्र नारायण नायक के नाम से हसनपुर मौजा में 47 डिसमिल जमीन है। जिसका जमाबंदी अद्यतन उनके पिता के नाम से चल रहा है, जो 404 है। इसका रसीद भी कट रहा है और यह 2017-18 तक उपलब्ध है।
इसी बीच इस जमीन के ऑनलाइन डिजिटाइजेशन के लिए रानीगंज प्रखंड में प्राइवेट मुंशी का काम करने वाले नौशाद आलम को दिया, लेकिन वह किसी न किसी बहाने इसे टालता रहा। इसी बीच योगानंद यादव द्वारा रजिस्ट्री ऑफिस के वोल्यूम नंबर 47/ 70 में दस्तावेज संख्या 6590 के आधार पर एंट्री करवा लिया गया। जबकि यह दस्तावेज संख्या 6590 के आधार पर किसी हरि प्रसाद दास के द्वारा 24 अप्रैल 1970 को एक एकड़ पांच कट्ठा जमीन की खरीदारी नरपतगंज थाना के पोखरिया सोनापुर निवासी सोखी लाल दास से की गई है।
जिसका वोल्यूम नंबर 48/70 है। जबकि दस्तावेज संख्या 6590 वोल्यूम 47/70 में दर्शाया गया है कि उनके पिता सुरेंद्र नारायण नायक ने 24 अप्रैल 70 को योगानंद यादव को 47 डिसमिल जमीन बेची है। जो सही नहीं है। कहा है कि इस जमीन का फर्जी जमाबंदी भी खोल लिया गया है, जो कि 961 है। रिकॉर्ड में इस जमाबंदी का खेसरा पर रकवा नहीं दर्शाया गया है, सिर्फ कुल रकवा 47 डिसमिल लिखा गया है।
यह कहां से प्राप्ति है, यह भी नहीं दर्शाया गया है। हमारा भी जमाबंदी संख्या 404 चल रहा है। जिसके आधार पर 2017-18 तक कुल 47 डिसमिल का रसीद कट रहा है।कहा है कि इस सारे फर्जीवाड़ा का कर्ता-धर्ता जगता गांव का ही प्रदीप नायक है, जो प्राइवेट अमीन का काम करता है। इसी गांव में स्व जर्नादन नायक की पांच एकड़ जमीन का इसी तरह फर्जीवाड़ा किया गया, जिसका मुकदमा चल रहा है।
कहा है कि उनकी जमीन के फर्जी दस्तावेज का डीसीएलआर से आदेश प्राप्त कर ऑनलाइन डिजिटाइजेशन भी फर्जी तरीके से करा लिया गया है। इन्होंने जिला अवर निबंधक को आवेदन देकर इस जमीन की रजिस्ट्री पर रोक लगाने और डीसीएलआर से आनइालन डिजिटाइजेशन को रद्द करने का आग्रह किया है। वहीं एडीएम के समक्ष फर्जी जमाबंदी संख्या 961 को रद्द करने का आवेदन भी दिया है।
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