श्रीनारद मीडिया, प्रभात कुमार मिश्रा, गया ( बिहार )
GAYA. बिहार राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड, पटना द्वारा राज्य स्तरीय खादी मेला-सह-उद्यमी बाजार का शुभारंभ गया के गांधी मैदान में हुआ। मेले का उद्घाटन डीएम डॉ त्यागराजन एसएम द्वारा किया गया। मेले में लगे खादी स्टाल का भ्रमण करते हुए डीएम ने कहा कि इस 12 दिवसीय मेले में पूरे राज्य के 115 खादी एवं ग्रामोद्योग संस्थानों ने भाग लिया है। साथ ही खादी, हैंडलूम एवं हैंडीक्राफ्ट, हस्तशिल्प, मुख्यमंत्री उद्यमी योजना, पीएमईजीपी, जीविका समूह एवं अन्य संस्थाओं के स्टॉल लगाए गए हैं।
मख्यमंत्री उद्यमी योजना एवं उद्योग की अन्य योजनाओं के तहत लाभार्थियों के लिए ऐसे मेले का आयोजन एक अच्छी पहल है। इस तरह की प्रदर्शनी का लाभ उठाने के लिए लोगों को मेले में आना चाहिए। इस मेले में मुख्यमंत्री उद्यमी योजना से लाभान्वित कई लाभार्थियों ने भी अपना स्टॉल लगाया है और काफी बड़ी संख्या में विभिन्न डिज़ाइन के खादी और ऊनी कपड़े से बनी सामग्री प्रदर्शित की है, जिसे आम लोग खरीद सकेंगे।
बिहार के विभिन्न जिलों की महिलाओं द्वारा बम्बू जैसे क्रैश क्रॉप से बने उत्पादों के स्टॉल भी लगाए गए हैं, जो लोगों को काफी भा रहे हैं। हर काउंटर पर बिहार में उत्पादित अलग-अलग हस्तनिर्मित एवं आधुनिक उत्पादों की बिक्री की जा रही है, जो उपभोक्ताओं को काफी आकर्षित कर रही है। यह मेला 18 अक्टूबर से 29 अक्टूबर 2024 तक चलेगा और प्रतिदिन ग्राहकों के लिए सुबह 10:30 बजे से रात 9:00 बजे तक खुला रहेगा।
बिहार राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी निखिल धनराज निप्पणीकर ने इस संबंध में बताया कि खादी मेले में गोपालगंज, सिवान, मधुबनी, भागलपुर, गया, बांका सहित राज्य के सभी जिलों की खादी एवं ग्रामोद्योग संस्थाओं ने भाग लिया है। मेले में हैंडलूम एवं हैंडीक्राफ्ट की 60 संस्थाओं द्वारा बिहार में उत्पादित अपने उत्कृष्ट सामग्रियों के साथ भाग लिया गया है। इस मेले का मुख्य उद्देश्य खादी वस्त्रों एवं ग्रामोद्योगी उत्पादों का प्रचार-प्रसार करना तथा उत्पादकों को बाजार उपलब्ध कराना है, ताकि अधिक से अधिक बिक्री हो सके और इससे जुड़े कामगारों को प्रोत्साहन मिले।
उन्होंने कहा कि खादी और ग्रामोद्योग पूरे देश के साथ बिहार में भी करोड़ों लोगों की आजीविका का साधन है। इसके लिए आज हम सभी को खादी के प्रति संकल्प लेने का दिन है। हम सब मिलकर खादी एवं ग्रामोद्योग को बढ़ावा देने के लिए संकल्प लें कि कम-से-कम खादी का एक वस्त्र हर घर में हो, ताकि राज्य के हजारों बुनकरों एवं युवाओं को रोजगार मिल सके।