खालिस्तानी उपदेशक अमृतपाल सिंह को पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया
जिससे भगोड़े नेता की तलाश खत्म हो गई है।
श्रीनारद मीडिया‚ सेंट्रल डेस्कः
अमृतपाल सिंह ने पुलिस के सामने खुद सरेंडर किया है। उसकी तलाश 18 मार्च से लगातार चल रही थी। आखिरकार 36 दिन बाद उसने नोटकीय ढंग से सरेंडर किया है। पुलिस ने हाल ही में उनकी पत्नी किरणदीप कौर को अमृतसर के श्री गुरु राम दास अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हिरासत में लिया था। कौर को अप्रवासन अधिकारियों ने तब पकड़ा था जब वह 20 अप्रैल को लंदन के लिए उड़ान भरने की कोशिश कर रही थी। अमृतपाल सिंह दो बार, 18 मार्च को जालंधर जिले में और फिर 28 मार्च को होशियारपुर में दो बार मैनहंट से बच गया था।
अमृतपाल के गांव और मोगा में फोर्स तैनात
अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने मोगा और आसपास इलाको में सुरक्षा सख्त कर दी है। अमृतपाल के गांव जल्लूपुर खेड़ा के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। भारी पुलिस फोर्स तैनात की गई है। पंजाब पुलिस ने लोगों से शांति की अपील की है।
पुलिस ने की शांति की अपील
पंजाब पुलिस ने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से बताया है कि अमृतपाल को गिरफ्तार कर लिया गया है। पंजाब पुलिस ने उसकी मोगा से गिरफ्तारी की पुष्टि की है। इसके साथ ही पुलिस ने कहा है कि पंजाब पुलिस ने नागरिकों से शांति और सद्भाव बनाए रखने का आग्रह किया है। पुलिस ने कहा कि कोई भी फर्जी खबर साझा न करें, हमेशा सत्यापित करें और उसके बाद ही कोई खबर शेयर करे।
अमित शाह ने कहा था, कभी भी हो सकता है गिरफ्तार
भगोड़े कट्टरपंथी उपदेशक और खालिस्तान नेता अमृतपाल सिंह के दो और सहयोगियों को 18 अप्रैल को पंजाब और दिल्ली पुलिस के एक संयुक्त अभियान में पंजाब के मोहाली में गिरफ्तार किया गया था। इससे पहले शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से जब अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी और लंबे समय से फरार होने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हो सकता है कि कभी भी वह गिरफ्तार हो जाए।
डिब्रूगढ़ जेल में अमृतपाल सिंह के 9 साथी
पंजाब पुलिस ने अमृतपाल सिंह के 9 सहयोगियों पापलप्रीत सिंह, दलजीत कलसी, बसंत सिंह, गुरमीत सिंह भुखनवाला, भगवंत सिंह उर्फ प्रधानमंत्री बाजेके, हरजीत सिंह, कुलवंत सिंह धालीवाल, गुरिंदर पाल सिंह और वरिंदर सिंह के खिलाफ एनएसए के कड़े प्रावधान लागू किए हैं। सभी असम के डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं।
भिंडरावाले की तरह दिखना चाहता है अमृतपाल
अमृतपाल खुद को भिंडरावाले के अनुयायी के रूप में पेश करता हैं। पंथ नेता की तरह, वह भी एक तीर रखता है और सशस्त्र पहरेदारों के साथ चलता है। अमृतपाल सिंह ने फरवरी में तब सुर्खियां बटोरीं जब उनके समर्थकों की भारी भीड़ ने अमृतसर के बाहरी इलाके में एक पुलिस स्टेशन पर हमला किया। समर्थकों ने तलवारें लहराईं और सिख पवित्र पुस्तक को ढाल के रूप में इस्तेमाल किया, क्योंकि वे अंदर घुसे थे। यह अपहरण के आरोपी लवप्रीत सिंह की गिरफ्तारी के बाद हुआ था।
अचानक सुर्खियों में आया अमृतपाल सिंह
30 वर्षीय अमृतपाल सिंह पिछले 6-7 महीनों में पंजाब में एक अलगाववादी नेता, खालिस्तानी हमदर्द और कट्टरपंथी उपदेशक के रूप में सुर्खियों में आया था। केंद्र के अब निरस्त कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के साल भर के विरोध के दौरान, अमृतपाल ने दुबई से भारत की यात्रा की और आंदोलन में शामिल हुआ।
डिब्रूगढ़ जेल भेजा जा रहा अमृतपाल
अमृतपाल सिंह को असम के डिब्रूगढ़ में स्थानांतरित किया जा रहा है, जहां उनके आठ सहयोगी पहले से ही राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत हिरासत में हैं। मोगा जिले के रोडे गांव में आज सुबह आत्मसमर्पण करने के बाद उनकी गिरफ्तारी की तस्वीरों में सफेद कुर्ता और भगवा पगड़ी पहने कट्टरपंथी उपदेशक को पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
एनएसए के तहत गिरफ्तारी
18 मार्च से फरार चल रहे वारिस पंजाब डी चीफ अमृतपाल सिंह ने मोगा जिले में पंजाब पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत कार्रवाई की गई है।
यह भी पढ़े
पुस्तक का महत्व सार्वभौमिक, सार्वकालिक एवं सार्वदैशिक है,कैसे?
नीतीश कुमार:भाजपा के नेता बुद्धिहीन हो गए है
ब्राह्मणों को एकजुट होकर उठानी होगी आवाज
vivo y78 plus 5g smartphone featuring 50mp camera launched – Tech news hindi