ठहाके लगाने वाले खुशवंत सिंह.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
पुण्यतिथि पर विशेष
खुशवंत सिंह जन्म- 2 फ़रवरी, 1915 – मृत्यु: 20 मार्च, 2014) भारत के प्रसिद्ध पत्रकार, लेखक, उपन्यासकार और इतिहासकार थे। एक पत्रकार के रूप में इन्होंने बहुत लोकप्रियता प्राप्त की है। ‘भारत सरकार’ के ‘विदेश मन्त्रालय’ में विदेश सेवा के सम्माननीय पद पर भी खुशवंत सिंह जी ने कार्य किया है। वर्ष 2000 में इनको ‘वर्ष का ईमानदार व्यक्ति’ सम्मान मिला था। ‘पद्म भूषण’ (1974) और ‘पद्म विभूषण’ (2007) जैसे अलंकरणों से भी इन्हें सम्मानित किया जा चुका है। खुशवंत सिंह ने कई अमूल्य रचनाएँ अपने पाठकों को प्रदान की हैं।
एक पत्रकार के रूप में भी खुशवंत सिंह जी ने अच्छा नाम अर्जित किया और पत्रकारिता में बहुत ख्याति अर्जित की। 1951 में वे आकाशवाणी से संबद्ध थे और 1951 से 1953 तक भारत सरकार के पत्र ‘योजना’ का संपादन किया। मुंबई से प्रकाशित प्रसिद्ध अंग्रेज़ी साप्ताहिक ‘इल्लस्ट्रेटेड वीकली ऑफ़ इंडिया’ के और ‘न्यू डेल्ही’ के संपादक वे 1980 तक थे। 1983 तक दिल्ली के प्रमुख अंग्रेज़ी दैनिक ‘हिन्दुस्तान टाइम्स’ के संपादक भी वही थे। तभी से वे प्रति सप्ताह एक लोकप्रिय ‘कॉलम’ लिखते हैं, जो अनेक भाषाओं के दैनिक पत्रों में प्रकाशित होता है।
खुशवंत सिंह उपन्यासकार, इतिहासकार और राजनीतिक विश्लेषक के रूप में विख्यात हैं। उनके अनेक उपन्यासों में प्रसिद्ध हैं-
- ‘डेल्ही’
- ‘ट्रेन टु पाकिस्तान’
- ‘दि कंपनी ऑफ़ वूमन’
वर्तमान संदर्भों तथा प्राकृतिक वातावरण पर भी उनकी कई रचनाएँ हैं। दो खंडों में प्रकाशित ‘सिक्खों का इतिहास’ उनकी प्रसिद्ध ऐतिहासिक कृति है। साहित्य के क्षेत्र में पिछले सत्तर वर्ष में खुशवंत सिंह का विविध आयामी योगदान अत्यंत महत्त्वपूर्ण है।वर्ष 1947 से कुछ वर्षों तक खुशवंत सिंह जी ने भारत के विदेश मंत्रालय में विदेश सेवा के महत्त्वपूर्ण पदोपर कार्य किया। वर्ष 1980 से 1986 तक वे राज्य सभा के मनोनीत सदस्य रहे।
खुशवंत सिंह को अनेक पुरस्कार मिले हैं-
- वर्ष 2000 में उनको ‘वर्ष का ईमानदार व्यक्ति’ सम्मान मिला था।
- वर्ष 1974 में राष्ट्रपति ने उन्हें ‘पद्म भूषण’ के अलंकरण से सम्मानित किया, जो अमृतसर के ‘स्वर्ण मंदिर’ में केन्द्र सरकार की कार्रवाई के विरोध में उन्होंने 1984 में लौटा दिया था।
- वर्ष 2007 में इन्हें ‘पद्म विभूषण’ से भी सम्मानित किया गया।