छपरा के जलालपुर में किसान समन्यवय संघर्ष समिति की बैठक आयोजित
# सितंबर के अंतिम सप्ताह में होगा किसानों का जिला पंचायत. पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह एवं अखलाक अहमद सहित राज्य के तमाम किसान नेता करेंगे शिरकत.# चंपारण से 2 अक्टूबर को शुरू होने वाली किसान न्याय यात्रा का स्वागत और ऐतिहासिक बनाने का फैसला.
श्रीनारद मीडिया‚ मनोज तिवारी‚ छपरा (बिहार)
सारण जिले के जलालपुर प्रखंड स्थित बनारस सिंह आईटीआई कैम्प्स में किसान आंदोलन के समर्थन में किसान समन्वय संघर्ष समिति की बैठक का आयोजन किया गया. बैठक की अध्यक्षता पूर्व विधानपार्षद बनारस सिंह ने की. 90 वर्षीय बनारसी बाबू बिहार आंदोलन में मीसाबंदी रहे हैं और छपरा से लेकर पलामू तथा अंबाला जेल में रहे हैं। बैठक का संचालन बिहार आंदोलन के प्रमुख नेता रहे यशवंत सिंह ने किया।बैठक के किसानों के हक की लड़ाई लड़ने व किसानों के लिए सरकार द्वारा लाय गए तीनो बिल को वापस लेने की मांग की गईं. इस मौके पर बैठक को सम्बोधित करते हुए किसान संघर्ष समन्वय समिति के संयोजक दिनेश कुमार सिंह ने कहा कि यदि सरकार द्वारा लाया गया तीनों किसान बिल यदि वापस नहीं लिया गया तो देश के किसानों की किसानी खत्म हो जाएगी. उन्होंने कहा कि सरकार देश के किसानों का हक छीन कर कॉरपोरेट कम्पनियों को सौप रही है. उन्होंने कहा कि बिहार के किसानों को किसान आंदलोन को लेकर जागरूक करना होगा. इसके लिए संगठन बनाकर एक एक किसान से संवाद स्थापित करके किसान बिल की कमियों को बताया जाएगा. ताकि बिहार के किसान भी आगे आकर देशभर के किसानों की लड़ाई लड़ सकें.
# 2 अक्टूबर को निकलेगी लोकनीति पदयात्रा शुरू होगा
बैठक में जानकारी दी गयी कि 2 अक्टूबर को किसान आंदलोन के समर्थन में बिहार के चंपारण जिले से लोक नीति पदयात्रा निकाली जाएगी. जिसमें हजार से अधिक संख्या में आए देश भर के किसान शामिल होंगे. ये किसान पैदल यात्रा करते हुए 7 अक्टूबर को सारण के बनियापुर पहुचेंगे. इस दौरान यह किसान जिले भर के विभिन्न किसानों को किसान आंदोलन के लिए जागरूक करेंगे और सरकार द्वारा लाए गए बिल का विरोध करेंगे, फिर रात्रि विश्राम के बाद अगले दिन 8 अक्टूबर को सारण के 10 हज़ार किसान इन किसानों को यूपी बॉर्डर पर छोड़ने जाएंगे. 19 अक्टूबर को यह यात्रा बनारस जाकर समाप्त होगी.
पदयात्रा के कार्यक्रमों की सूचना पटना से आए गांधी स्मारक निधि के मंत्री विनोद कुमार रंजन ने दी।कार्यक्रम की
बनारसी बाबू ने कहा कि वे अपने उम्र का प्रवाह किए बगैर इस लड़ाई में शामिल होंगे और उनकी बुढ़ी हड्डियों में इतनी जान बाकी है कि वे देश को गुलाम बनाने की साजिशों को चूर- चूर कर के रख दें।
इस मौके पर बिहार आंदोलन के नेता रहे यशवंत सिंह ने कहा कि सारण की धरती क्रांति और न्याय के लिए जानी जाती है। श्री यसवंत सिंह ने कहा कि कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग से किसानों को काफी नुकसान होगा किसान आज दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं, एक बड़े आंदोलन से किसानो की हक की लड़ाई लड़ी जाएगी. सारण के किसान किसी भी कीमत पर पीछे रहने वाले नहीं हैं। सारण जिले के युवा नेता अजय कुमार सिंह ने कहा कि देश का पेट भरने वाले किसानों की आज स्थिति खराब हो गई है. किसान आंदोलन में किसानों का सहयोग करना होगा देशभर के युवाओं को इसमें आगे आकर किसानों के हक की लड़ाई लड़नी होगी. कार्यक्रम को सम्बोधित करने वालों में रामायण सिंह बलिदानी, मनोहर मानव, सुजीत कुमार सिंह, रामजी तिवारी, जेपी सेनानायक, सवलिया गिरी, कफील अहमद, विनोद कुमार रंजन, कन्हैया प्रसाद तूफानी, कृष्ण मोहन सिंह आदि ने संबोधित किया.
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