केके पाठक बिहार बोर्ड की परीक्षा को लेकर सख्त,क्यों?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक आए दिन नए आदेश और फरमान जारी करते रहते हैं. अब उन्होंने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (बीएसइबी) की इंटर की प्रैक्टिकल परीक्षा को लेकर राज्य के सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को विशेष आदेश जारी किया है. जिला अधिकारियों को लिखे पत्र में केके पाठक ने कहा है कि 10 जनवरी से प्रैक्टिकल परीक्षाएं शुरू होंगी. इन प्रैक्टिकल परीक्षाओं के बाद इस बात की निगरानी की जाए कि स्कूल इन कॉपियों की जांच समय पर कराएं. उन्होंने जिला पदाधिकारियों को लिखे पत्र में कहा है कि जैसे ही प्रायोगिक परीक्षा समाप्त हो, वे तत्काल अपने स्तर से सभी माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों की बैठक कर जिला शिक्षा अधिकारी को आवश्यक गाइडलाइन दें.
शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने का निर्देश
केके पाठक की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि शिक्षा विभाग ने वार्षिक परीक्षा 2024 के लिए कैलेंडर निकाला है. जिसके तहत प्रैक्टिकल परीक्षा 10 जनवरी 2024 से बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा ली जाएगी. वहीं प्रैक्टिकल परीक्षा समाप्त होते ही एक फरवरी से वार्षिक परीक्षा भी शुरू हो जाएगी. ऐसे में यह जरूरी है कि सभी नियोजित शिक्षकों/शिक्षिकाओं पर सख्त अनुशासन कायम रखा जाए. ऐसे में सभी नियोजित शिक्षकों और विद्यालय अध्यापकों की उपस्थिति सुनिश्चित की जाए ताकि बोर्ड परीक्षा का कार्य बाधित न हो.
परीक्षा कॉपियों की जांच समय पर कराने का निर्देश
पाठक द्वारा जारी आदेश में प्रैक्टिकल परीक्षा की कॉपियों की जांच को लेकर भी आदेश जारी किया गया है. इसमें कहा गया है कि प्रैक्टिकल परीक्षा के बाद इस बात की मॉनीटरिंग की जाए कि विद्यालयों की तरफ से इन कॉपियों की जांच समय पर कराएं. इसके लिए जारी आदेश में जिला पदाधिकारियों से अनुरोध किया गया है परीक्षाएं समाप्त होने के बाद तत्काल सभी माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों के प्रधानाध्यापकों की बैठक करके जिला शिक्षा अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दें. इस आदेश में शिक्षकों के कार्यकलाप पर भी निगाह रखने को कहा गया है. साथ ही जिला शिक्षा पदाधिकारी को यह भी कहा गया है कि वे उन शिक्षकों पर भी ध्यान दें, जो स्कूल से बाहर अन्य गतिविधियों में व्यस्त रहते हैं.
10 जनवरी से शुरू होगी इंटर की प्रैक्टिकल परीक्षा
बिहार बोर्ड की इंटर की प्रैक्टिकल परीक्षा 10 जनवरी से शुरू होगी, जो 20 जनवरी तक चलेगी. उच्चतर माध्यमिक विद्यालय व कॉलेज में यह परीक्षा आयोजित की जायेगी. वहीं, भागलपुर जिले के 284 माध्यमिक विद्यालयों में मैट्रिक की प्रैक्टिकल परीक्षा 18 जनवरी से शुरू होगी. डीइओ संजय कुमार ने बताया कि इंटर व मैट्रिक की प्रैक्टिकल परीक्षा संबंधित स्कूल और कॉलेज में ही आयोजित की जायेगी सघन तलाशी के बाद ही परीक्षार्थियों को हाल में प्रवेश दिया जायेगा.
बिहार बोर्ड उपलब्ध कराएगा ओएमआर शीट
इंटर की प्रैक्टिकल परीक्षा को देखते हुए बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से ओएमआर शीट उपलब्ध कराया जायेगा. इंटर की प्रैक्टिकल परीक्षा में सभी छात्र-छात्राओं को लिखित के साथ ही प्रायोगिक परीक्षा भी अनिवार्य रूप से करने को कहा गया है. परीक्षा के दौरान पूर्व से तैयार की गयी प्रैक्टिकल की उत्तर पुस्तिका भी जमा करने को कहा गया है. परीक्षा में सवालों का लिखित जवाब भी देना होगा. प्रैक्टिकल परीक्षा कदाचार मुक्त वातावरण में संचालित करने का निर्देश डीइओ को दिया गया है.
कुरिकुलम फ्रेमवर्क फॉर स्कूल एडुकेशन के बारे में बताने का निर्देश
केके पाठक की तरफ से जारी आदेश में राज्य के सभी जिलों के जिलाधिकारियों एवं उप विकास आयुक्तों को कहा है कि अपने-अपने जिले में अवस्थित सरकारी टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेजों में (डायट, पीटीईसी, सीटीई, बायट) में चल रहे शिक्षकों-प्रधानाध्यापकों के प्रशिक्षण में नेशनल कुरिकुलम फ्रेमवर्क फॉर स्कूल एडुकेशन के बारे में भी बतायें. निर्देश में कहा गया है कि स्कूली शिक्षा के लिए नेशनल कुरिकुलम फ्रेमवर्क फॉर स्कूल एडुकेशन, 2023 प्रख्यापित है. अलेकिन, इसकी थोड़ी सी भी जानकारी शिक्षकों एवं विद्यालय अध्यापकों को नहीं है.
शिक्षकों को फ्रेमवर्क से अवगत कराने का निर्देश
नेशनल कुरिकुलम फ्रेमवर्क फॉर स्कूल एडुकेशन, 2023 के प्रावधानों में स्कूलों में एक वर्ष में 220 दिनों के कार्यदिवस का प्रावधान है. उसमें प्रारंभिक विद्यालयों में प्रतिदिन 7.15 घंटे एवं माध्यमिक विद्यालयों में प्रतिदिन 8.35 घंटे की पढ़ाई का उल्लेख है. इसके लिए नेशनल कुरिकुलम फ्रेमवर्क फॉर स्कूल एडुकेशन में समय-सारणी भी दी गयी है. इसके मद्देनजर के के पाठक ने अपने निर्देश में अध्यापकों, शिक्षकों एवं अभिभावकों को नेशनल कुरिकुलम फ्रेमवर्क फॉर स्कूल एडुकेशन, 2023 से भी अवगत कराने के लिए कहा है.
एनसीईआरटी ने अधिसूचित किया है फ्रेमवर्क
इसके लिए शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने राज्य के सभी जिलों के पदाधिकारियों को नेशनल कुरिकुलम फ्रेमवर्क फॉर स्कूल एडुकेशन, 2023 की प्रति भी दी है. जिलाधिकारियों एवं उप विकास आयुक्तों को दिए गये पत्र की प्रति बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष, सभी क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशकों, जिला शिक्षा पदाधिकारियों, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों एवं सभी स्कूलों के प्रधानाचार्यो को भी दी गयी है. नेशनल कुरिकुलम फ्रेमवर्क फॉर स्कूल एडुकेशन, 2023 एनसीईआरटी (राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद) द्वारा अधिसूचित है.
क्या बिहार के स्कूलों में साढ़े 8 घंटे से भी अधिक पढ़ाई की है तैयारी?
बिहार के स्कूलों की टाइमिंग को लेकर शिक्षकों की नाराजगी कई बार सामने आयी है. वहीं एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जहां प्रशिक्षण ले रहे शिक्षकों के बीच जब शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक पहुंचे तो एक शिक्षक ने उनके सामने अनुरोध किया कि वो स्कूल के समय को लेकर जारी आदेश पर एकबार विचार करें और उन्हें राहत प्रदान करें. शिक्षक ने बताया कि अब 9 बजे से 5 बजे तक स्कूल में अनिवार्य रूप से कक्षा लेने के इस नए फरमान से उन्हें यानी शिक्षकों को क्या परेशानी हो रही है.
के के पाठक की जमकर तारीफ भी उक्त शिक्षक ने की. वहीं के के पाठक ने लगे हाथ उन्हें यह बताया कि वो इसपर क्या सोचते हैं और क्या उन्होंने तय किया है. इधर, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक की तरफ से राज्य के सभी जिलों के जिलाधिकारियों एवं उप विकास आयुक्तों को एक पत्र लिखा है जिसमें 8.30 घंटे तक स्कूलों के संचालन का जिक्र है.
के के पाठक से जब टीचर ने किया अनुरोध
के के पाठक का एक वीडियो वायरल हो रहा है जहां प्रशिक्षण ले रहे नियोजित शिक्षकाें के बीच के के पाठक पहुंचे थे. एक शिक्षक ने हाथ में माइक थामकर अपर मुख्य सचिव से कहा कि सर आपसे विनम्र आग्रह है कि शाम में हमलोग सब्जी नहीं खरीद पा रहे हैं जिसकी वजह से घर में कलह हो रहा है. विद्यालय से जाने में 5.30 से 6 बज जाता है और तब काफी अंधेरा हो जाता है. शिक्षक ने अनुरोध किया कि स्कूल का समय 4 बजे तक ही रहा जाए. शिक्षक ने कहा कि सर फिर कोई दूसरा के के पाठक ऐसा नहीं आएगा. तो अपर मुख्य सचिव भी मुस्कुराते दिखे.
के के पाठक ने टाइमिंग को लेकर क्या कहा..
शिक्षकों को उम्मीद थी कि शायद कोई बात बने. लेकिन यहां मामला फिट नहीं बैठा. के के पाठक ने जवाब में कहा कि आप आज भी और 10 साल बाद भी शिक्षक रहेंगे. कहीं ऐसा नहीं होता कि विद्यालय 4 और 6 घंटे चलता है. उन्होंने कहा कि जब आप सरकारी सेवक रहते हैं तो 8 घंटा तो आपको बैठना होगा. वहां आपकी सब्जी, भाजी सब… देखिए ऐसा है कि आप आए हैं बच्चों को पढ़ाने. आपके कारण पीढ़ियां या तो बर्बाद हो जाती हैं या संवर जाती हैं.
आप अगर घड़ी देखकर स्कूल आइएगा, जाइएगा तो नहीं चलेगा. ये पुनीत काम हैं. आपको जब गांव में सम्मान मिलता है तो आपको ही मिलता है. डॉक्टर व शिक्षक को लोग भगवान मानते हैं. देखिए हम अनुसाशन में समझौता नहीं कर सकते. आपको 8 घंटे तो रहना ही है. अब जब आप 8 घंटे रहते ही हैं तो पढ़ा ही लिजिए मन से… के के पाठक ने अपने जवाब से सबकुछ साफ कर दिया.
के के पाठक ने अब कौन सा लेटर भेजा?
इधर, बिहार के प्रारंभिक विद्यालयों में प्रतिदिन 7.15 घंटे एवं माध्यमिक विद्यालयों में प्रतिदिन 8 घंटे 35 मिनट की पढ़ाई का प्रावधान नेशनल कुरिकुलम फ्रेमवर्क फॉर स्कूल एजुकेशन में किया गया है. आने वाले समय में राज्य के स्कूलों में यह समयावधि प्रभावी की जा सकती है.राज्य सरकार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक की तरफ से राज्य के सभी जिलों के जिलाधिकारियों एवं उप विकास आयुक्तों को दिये गये निर्देश में कहा है कि अपने-अपने जिले में अवस्थित सरकारी टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेजों में (डायट, पीटीईसी, सीटीई, बायट) में चल रहे शिक्षकों-प्रधानाध्यापकों के प्रशिक्षण में नेशनल कुरिकुलम फ्रेमवर्क फॉर स्कूल एडुकेशन के बारे में भी बतायें. निर्देश में कहा गया है कि स्कूली शिक्षा के लिए नेशनल कुरिकुलम फ्रेमवर्क फॉर स्कूल एडुकेशन, 2023 प्रख्यापित है. लेकिन, इसकी थोड़ी सी भी जानकारी शिक्षकों एवं विद्यालय अध्यापकों को नहीं है.
पत्र में 8.35 घंटे की पढ़ाई का उल्लेख
नेशनल कुरिकुलम फ्रेमवर्क फॉर स्कूल एडुकेशन, 2023 के प्रावधानों में स्कूलों में एक वर्ष में 220 दिनों के कार्यदिवस का प्रावधान है. उसमें प्रारंभिक विद्यालयों में प्रतिदिन 7.15 घंटे एवं माध्यमिक विद्यालयों में प्रतिदिन 8.35 घंटे की पढ़ाई का उल्लेख है. इसके लिए नेशनल कुरिकुलम फ्रेमवर्क फॉर स्कूल एडुकेशन में समय-सारणी भी दी गयी है. इसके मद्देनजर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने अपने निर्देश में अध्यापकों, शिक्षकों एवं अभिभावकों को नेशनल कुरिकुलम फ्रेमवर्क फॉर स्कूल एडुकेशन, 2023 से भी अवगत कराने के लिए कहा है. इसके लिए शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने राज्य के सभी जिलों के पदाधिकारियों को नेशनल कुरिकुलम फ्रेमवर्क फॉर स्कूल एडुकेशन, 2023 की प्रति भी दी गयी है.
सभी स्कूलों को भी गया लेटर
जिलाधिकारियों एवं उप विकास आयुक्तों को दिये गये पत्र की प्रति बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष, सभी क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशकों, जिला शिक्षा पदाधिकारियों, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों एवं सभी स्कूलों के प्रधानाचार्यो को भी दी गयी है. नेशनल कुरिकुलम फ्रेमवर्क फॉर स्कूल एडुकेशन, 2023 एनसीईआरटी (राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद) द्वारा अधिसूचित है.