जानें, हमदर्द रूह-अफजा की शुरुआत होने की कहानी
श्रीनारद मीडिया, सेंट्रल डेस्क:
शरबत का नाम हो और रूह-अफजा की बात ना आए…ऐसा हो ही नहीं सकता. गर्मी का मौसम है, दो दशक पूर्व शादी विवाह के मौसम में लोगों को रूह आफजा का शरबत किया जाता था। बारात, तिलक, घर आये अतिथियों को गर्मी में प्यास बुझाने के लिए रूह आफजा का शर्बत दिया जाता था। लेकिन बाजार में कई पेय पदार्थ आने से आज शादी विवाह में वह अपना स्थान जमा लिया है।
रूह-अफजा की शुरूआत एक हकीम ने गर्मी से बचाने वाले एक टॉनिक के रूप में की थी. चलिए आपको बताते हैं शुरूआती दिनों में बर्तन में बिकने वाला रूह-अफजा देखते ही देखते कैसे 400 करोड़ का ब्रांड बन गया.
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