कोरोना संक्रमण को लेकर मद्रास हाई कोर्ट की तीखी आलोचना का जानें चुनाव आयोग ने क्या दिया जवाब
कोरोना संक्रमण को लेकर मद्रास हाई कोर्ट द्वारा चुनाव आयोग की तीखी आलोचना पर सूत्रों ने सोमवार को कहा कि आयोग ने पहले बिहार में और फिर चार राज्यों एवं एक केंद्र शासित प्रदेश में चुनाव के दौरान कोरोना से बचाव सुनिश्चित करने के लिए सावधानीपूर्वक कदम उठाए। सूत्रों ने कहा कि कोरोना से निपटने के लिए आपदा प्रबंधन कानून का क्रियान्वयन सुनिश्चित करना राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की जिम्मेदारी है, लेकिन आयोग ने संक्रमण से लोगों को बचाने के मकसद से बंगाल में प्रचार मुहिम पर प्रतिबंध लगाने के लिए अपने संवैधानिक अधिकारों को लागू किया।
कोरोना से बचाव के लिए चुनाव आयोग ने सतर्क रहकर उठाए कदम
एक अधिकारी ने कहा कि नवंबर, 2020 में सफलतापूर्वक बिहार विधानसभा चुनाव कराने के लिए आयोग की क्षमता की व्यापक प्रशंसा हुई थी। उन्होंने कहा, ‘उस समय महामारी अपने न्यूनतम स्तर पर थी। देश में फरवरी में प्रतिदिन करीब 11,000 नए मामले सामने आ रहे थे और जनवरी-फरवरी में सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में उपचाराधीन मामलों में गिरावट आ रही थी। टीकाकरण चालू हो गया था और आर्थिक सुधार के संकेत मिलने लगे थे।’
सूत्रों ने कहा कि कोरोना संबंधी हालात में सुधार, समग्र पुनरुद्धार के संकेत और दूसरी लहर की आशंका नहीं होने के बावजूद आयोग ने सावधानी से कदम उठाने का फैसला किया, सभी एहतियाती कदम उठाए और उन सभी राज्यों में कोरोना संबंधी प्रोटोकाल का पालन किया गया, जहां चुनाव होने थे।उन्होंने कहा कि तमिलनाडु, असम, केरल और पुडुचेरी में कोरोना मामलों में अप्रत्याशित बढ़ोतरी से पहले छह अप्रैल को चुनाव समाप्त हो गए थे। उन्होंने कहा कि महामारी अप्रत्याशित रूप से फैली और इसी तरह आयोग ने भी अप्रत्याशित कदम उठाए।
कोरोना की दूसरी लहर के लिए सिर्फ चुनाव आयोग जिम्मेदार : मद्रास हाई कोर्ट
मद्रास हाई कोर्ट ने सोमवार को चुनाव आयोग की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर के लिए सिर्फ वह ही जिम्मेदार है। हाई कोर्ट ने आयोग को सबसे गैर जिम्मेदार संस्था करार देते हुए कहा कि आयोग के अधिकारियों के खिलाफ हत्या के आरोपों में भी मामला दर्ज किया जा सकता है। अदालत ने मौखिक चेतावनी दी कि वह दो मई को मतगणना रोकने से भी नहीं हिचकिचाएगी।मुख्य न्यायाधीश संजीब बनर्जी और जस्टिस सेंथिलकुमार राममूíत की पीठ ने राज्य के परिवहन मंत्री और करूर सीट से अन्नाद्रमुक प्रत्याशी एमआर विजयभास्कर की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए उक्त टिप्पणी की।